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बदमाश जंगली और बिल्ला ने किया खुलासा, रिटायर्ड IPS अधिकारी ने कराया था जानलेवा हमला, प्राचार्य इकबाल के तोड़ दिए थे हाथ-पैर

Faridabad Crime News हरियाणा के फरीदाबाद में प्राचार्य पर हुए जानलेवा हमले के मामले में रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी का नाम सामने आया है। आरोप है कि रिटायर्ड अधिकारी विनोद कौशिक ने ही हमला कराया था। शातिर बदमाश जंगली और बिल्ला ने पुलिस की पूछताछ में यह खुलासा किया है। पुलिस फिलहाल इस मामले में जांच कर रही है जांच पूरी होने के बाद ही सच सामने आएगा।

By Jagran News Edited By: Kapil Kumar Updated: Tue, 23 Jul 2024 10:32 AM (IST)
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फरीदाबाद में प्राचार्य पर जानलेवा हमले का मामला। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। Faridabad Crime राजकीय महाविद्यालय तिगांव के प्राचार्य इकबाल सिंह सिंधू पर जानलेवा हमले के मामले में रिटायर्ड आईपीएस विनोद कौशिक का नाम सामने आया है। आरोपित जंगली और बिल्ला ने पूछताछ में आईपीएस विनोद कौशिक का नाम लिया है।

विनोद कौशिक ने जिला अदालत में एडीजे की कोर्ट में जमानत की याचिका लगाई है। चार सितंबर-2019 को प्राचार्य इकबाल सिंह सिंधू पर जानलेवा हमला हुआ था। इसमें उनके हाथ-पैर तोड़ दिए गए थे।

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वहीं, पुलिस ने इस मामले में जंगली और बिल्ला नामक दो बदमाशों को गिरफ्तार किया था। जिन्होंने सुपारी लेकर हमला किया था।

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यह घटना चार सितंबर-2019 की

बताया गया कि डॉ. इकबाल सिंह सिंधू पर मोटरसाइकिल सवार पांच बदमाशों ने बाइपास रोड पर हमला किया था। बदमाशों ने डॉ. सिंधू को उनकी होंडा सिटी कार से बाहर खींचकर सड़क पर गिरा दिया था। इसके बाद रॉड व डंडों से उनके हाथ-पैर तोड़ डाले थे।

पुलिस ने अज्ञात हमवारों के खिलाफ दर्ज किया था केस

बीपीटीपी थाना पुलिस ने तब अज्ञात हमलावरों के खिलाफ जानलेवा हमले की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। बाद में डॉ. इकबाल सिंह सिंधू सेवानिवृत्त हो गए थे। प्राचार्य पर हमले के बाद क्राइम ब्रांच ने सीसीटीवी फुटेज व मुखबिरों की सहायता से हमलावरों की पहचान की थी। ये बदमाश हमला करने के बाद दूसरे राज्यों में जाकर छिप जाते थे और जब सब कुछ शांत हो जाता था तब यहां आते थे और फिर एक नई वारदात में जुट जाते थे। बाद में बदमाशों की गिरफ्तारी उत्तराखंड से हुई थी।

वहीं, अब यह जानकारी मिली है कि इस मामले में पकड़े गए आरोपित जंगली-बिल्ला ने पूछताछ में सेवानिवृत्त आईपीएस विनोद कौशिक का नाम लिया है और विनोद कौशिक ने जिला अदालत में एडीजे पुरुषोत्तम दास की कोर्ट में स्थाई जमानत की याचिका लगाई है।

विनोद कौशिक की पत्नी थी नेहरू कालेज में प्राचार्य

उस दौरान विनोद कौशिक की पत्नी राजकीय जवाहर लाल नेहरू कॉलेज में प्राचार्य थी। डॉ. इकबाल सिंह सिंधू भी इसी कॉलेज में प्राचार्य के पद पर नियुक्ति के लिए प्रयासरत थे। इससे दोनों में खूब तनातनी चल रही थी। अब इस हमले में विनोद कौशिक की कितनी भूमिका है, यह तो पुलिस जांच में ही सामने आएगा।

डीसीपी ट्रैफिक के रूप में तैनाती पर लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

गुरुग्राम में डीसीपी ट्रैफिक के पद पर रहते हुए विनोद कौशिक पर पैसे लेकर पुलिस कर्मियों को मलाईदार स्थानों पर पोस्टिंग देने के आरोप लगे थे। राज्य सरकार तक यह शिकायतें पहुंची थीं तो उन्होंने तब के पुलिस आयुक्त नवदीप सिंह विर्क को जांच कराने के आदेश दिए थे।

इसके बाद पुलिस आयुक्त ने संयुक्त आयुक्त सौरभ सिंह से जांच कराई थी, जिसमें इसकी पुष्टि हुई थी। उसके बाद राज्य सरकार ने विनोद कौशिक को निलंबित कर दिया था और विभागीय जांच के आदेश दिए थे। बाद में जब विनोद कौशिक पर ज्यादा दबाव बना तो उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।

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