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उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने खुद को किया अलग, जमानत के लिए दायर की थी पिटीशन

जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से पहले दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस अमित शर्मा ने केस से खुद को अलग कर लिया है। खालिद की दूसरी जमानत याचिका 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी जिसे खालिद ने चुनौती दी है। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने किसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है।

By Vineet Tripathi Edited By: Sonu Suman Updated: Mon, 22 Jul 2024 06:05 PM (IST)
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उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने खुद को किया अलग।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली दंगा से जुड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दर्ज बड़ी साजिश के मामले में जमानत के लिए जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की याचिका पर सुनवाई से दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अमित शर्मा ने खुद को अलग कर लिया। इस पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने मामले को किसी अन्य पीठ के समक्ष कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से सूचीबद्ध करने को कहा।

खालिद की दूसरी जमानत याचिका 28 मई को ट्रायल कोर्ट ने खारिज कर दी थी और निचली अदालत के निर्णय को उमर खालिद ने चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट से राहत की मांग करने वाली अपनी याचिका वापस लेने के बाद खालिद ने नई जमानत याचिका दायर की थी। खालिद ने अक्टूबर 2022 में जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।

सितंबर 2020 से जेल में बंद हैं उमर खालिद

सीएए और एनआरसी के विरुद्ध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में उमर खालिद, शरजील इमाम और कई अन्य पर फरवरी 2020 के दंगों का मास्टरमाइंड होने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रविधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। दंगे में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे। खालिद को दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और तभी से वह न्यायिक हिरासत में बंद है।

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