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Kargil Vijay Diwas 2023: कहानी कारगिल की... खून का आखिरी कतरा भी देश को न्योछावर कर गए दिनेश चंद्र शर्मा

Kargil Vijay Diwas 2023 बुधवार यानी 26 जुलाई को कारगिल दिवस के 25 गौरवशाली वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के कई रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश का मान बनाए रखा और दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।देश उन बलिदानियों को नमन कर रहा है जिन्होंने अदम्य साहस के बल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों के छक्के छुड़ा दिए थे।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 25 Jul 2023 10:39 AM (IST)
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Kargil Vijay Diwas 2023: कहानी कारगिल की...
पूर्वी दिल्ली [निखिल पाठक]। Kargil Vijay Diwas 2023 : बुधवार यानी 26 जुलाई को कारगिल दिवस के 25 गौरवशाली वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के कई रणबांकुरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश का मान बनाए रखा और दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था।

देश उन बलिदानियों को नमन कर रहा है जिन्होंने अदम्य साहस के बल पर पाकिस्तानी घुसपैठियों के छक्के छुड़ा दिए थे। उन्हीं वीरों में से एक अमर जवान दिनेश चंद्र शर्मा हैं। वह 27 वर्ष की आयु में अपनी जान की परवाह किए बगैर छह आतंकियों से लड़े, जिनमें से दो को उन्होंने मार गिराया।

वह आतंकियों से डरे नहीं, बल्कि आखिरी सांस तक डटकर उनसे लोहा लेते रहे। दैनिक जागरण ऐसे वीर को सलाम करता है जिन्होंने अपने खून का आखिरी कतरा भी देश को न्योछावर कर दिया।

आपरेशन रक्षक में शहीद हुए थे दिनेश चंद्र

दिनेश चंद्र शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1972 में पूर्वी दिल्ली के करावल नगर इलाके में हुआ था। सीआरपीएफ में सूबेदार के पद पर तैनात उनके बड़े भाई चंद्र शेखर शर्मा ने बताया कारगिल युद्ध के बाद कश्मीर में हुए आपरेशन रक्षक में नायक दिनेश चंद्र शर्मा ने बहादुरी से छह आतंकियों का सामना किया था।

इसी मुठभेड़ में एक आतंकी ने उन पर गोली चला दी थी। पहली गोली उनका हाथ छूकर बाजू से निकल गई थी, लेकिन दूसरी गोली उनके सीने में जा लगी। आतंकियों से लड़ते-लड़ते वह देश के लिए शहीद हो गए थे।

28 मार्च 2000 को दिनेश को आपरेशन रक्षक के दौरान सीने में गोली लगी थी। इस बात की जानकारी उनके परिवार को खजूरी पुलिस ने रात के समय उनके निवास स्थान करावल नगर पहुंचकर दी। खबर सुनते ही पूरा परिवार सदमे में चला गया था। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका दिनेश अब दुनिया में नहीं रहा।

लोगों के दिलों में आज भी जिंदा हैं दिनेश चंद्र

बलिदानी के स्वजन ने अपने वीर सुपुत्र को लोगों के दिलों में जिंदा रखने के लिए भजनपुरा चौक पर उनका स्मृति स्थल बनवाने के लिए सरकार से अपील की थी। इसके बाद विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने उनके स्मृति स्थल का उद्घाटन किया था। वर्तमान में उनके स्मृति स्थल को खजूरी चौक पर स्थानांतरित कर दिया गया है। बलिदानी का स्मृति स्थल लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।

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