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केजरीवाल ने ही रुकवाई थी अवैध स्कूल वैन के खिलाफ कार्रवाई, रिपोर्ट में उठा पर्दा

इस तरह की अवैध वैन को जब्त किए जाने के लिए शुरू किए गए अभियान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही रुकवा दिया था।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Thu, 03 May 2018 04:22 PM (IST)
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केजरीवाल ने ही रुकवाई थी अवैध स्कूल वैन के खिलाफ कार्रवाई, रिपोर्ट में उठा पर्दा

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । कन्हैया नगर मेट्रो स्टेशन के पास लालबत्ती पर 26 अप्रैल को स्कूल वैन और दूध के ट्रक की भिड़ंत मामले की मजिस्ट्रेटी जांच में प्रशासनिक स्तर की बड़ी लापरवाही से पर्दा उठा है। रिपोर्ट में साफ तौर पर इस बात का जिक्र है कि जिस प्रकार की अवैध स्कूल वैन में  बच्चे दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं इस तरह की अवैध वैन को जब्त किए जाने के लिए शुरू किए गए अभियान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ही रुकवा दिया था।

मुख्यमंत्री के कहने ही अवैध रूप से चल रहीं स्कूल वैन को छह माह का समय दिया गया था। रिपोर्ट के अंतिम पेज पर कहा गया है कि मजिस्ट्रेट ने अपनी जांच में पाया है कि 2017 के जुलाई अगस्त में परिवहन विभाग ने अवैध रूप से चल रहीं स्कूल वैन के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया था।

जिसमें कन्हैया नगर में दुघर्टना ग्रस्त हुई स्कूल वैन की तरह की 751 वैन को जब्त किया गया था। अभियान तेजी से चल रहा था। मगर उसी समय स्कूलों की कैब के मालिक मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिले थे और मुख्यमंत्री ने अभियान को रुकवा दिया था।

मुख्यमंत्री ने कैब मालिकों को जनवरी 2018 तक का समय दे दिया था कि कैब मालिक नियम के तहत नियमित परमिट ले लें। मगर इसके बाद कोई भी स्कूल कैब मालिक अपनी कैब के लिए परमिट लेने परिहवन विभाग के दफ्तर नहीं पहुंचा। किसी ने भी अपनी स्कूल वैन का पंजीकरण नहीं कराया। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवहन विभाग में बच्चों को घर से स्कूल तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए पर्याप्त नियम हैं। जिसके तहत कैब चलाई जाएं तो बच्चों को सुरक्षित साधन मिल सकता है। मगर स्कूलों के संचालक और कैब मालिक  अभिभावकों को यह सलाह नहीं देते कि वे बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अवैध वैन को किराये पर न लें।

रिपोर्ट के अनुसार परिवहन विभाग स्कूल बस, कैब इत्यादि प्राइवेट वाहनों में जाने वाले बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर नियमों को और सख्त बनाए जाने के लिए दिल्ली मोटर वाहन के अधिनियम 1993 में बदलाव का प्रयास कर रहा है। बता दें कि दिल्ली में इस समय 30 हजार के करीब स्कूल वैन चल रही हैं। मगर पंजीकरण केवल 4361 वैन का ही है।

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