Jantar-Mantar: जहां से शुरू हुआ था भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन, दाग धोने भी वहीं पहुंचे केजरीवाल
जनता के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए अरविंद केजरीवाल उसी जंतर-मंतर पहुंचे जहां से 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था। आप नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को धोने के लिए जनता की अदालत में केजरीवाल अभियान की शुरुआत की। क्या जनता केजरीवाल और उनकी पार्टी पर फिर से भरोसा जताएगी? इसके लिए अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनाव में ही पता चलेगा।
वी के शुक्ला, नई दिल्ली। दिल्ली के जिस जंतर-मंतर से 4 अप्रैल 2011 को भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था, दामन पर लगे भ्रष्टाचार के दाग मिटाने के लिए भी आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल यहीं पहुंचे। आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल समेत पार्टी के शीर्ष नेता खुद भ्रष्टाचार के आरोप में घिरे हुए हैं।
13 साल बाद रविवार को आज इसी जंतर-मंतर से अरविंद केजरीवाल ने अपने शीर्ष नेताओं और पार्टी के बेगुनाही के लिए 'जनता की अदालत में केजरीवाल' अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के साथ दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। अब देखना होगा कि जनता अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी पर दोबारा भरोसा जताती है या नहीं।
2012 में हुआ था आम आदमी पार्टी का गठन
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन में अन्ना हजारे के साथ केजरीवाल मुख्य सदस्य के रूप में थे या यों कहें कि उस आंदोलन को अन्ना के नेतृत्व में केजरीवाल ने ही हवा दी थी। इसी आंदोलन से आम आदमी पार्टी निकली है। 2012 में केजरीवाल के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी का गठन यहीं किया गया था। उसके बाद आप की दिल्ली में तीन बार सरकार बन चुकी है।2015 और 2020 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी
पहले 2013 में 49 दिन तक आप की कांग्रेस के समर्थन से सरकार रही। इसके बाद 2015 और 2020 में पूर्ण बहुमत से सरकारें बनी हैं। आप की तीसरे कार्यकाल की सरकार ने आप नेताओं पर भ्रष्टाचार के गहरे दाग डाले हैं। इसी कार्यकाल में 2021 में आई नई आबकारी नीति में हुए घोटाले में उप समय के आबकारी मंत्री और उस समय के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया 17 माह तक तिहाड़ जेल में रहकर बाहर आए हैं।
पांच माह जेल में रहकर लौटे केजरीवाल
आप से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह छह माह तक जेल में रहकर बाहर आए हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल पांच माह से अधिक समय तक तिहाड़ जेल में रहकर बाहर आए हैं। भ्रष्टाचार के इसी दाग ने उन्हें परेशान कर दिया है। इसके चलते पहले मनीष सिसोदिया और अब केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दिया है, क्योंकि ये ऐसे दाग हैं, जिससे केजरीवाल की छवि प्रभावित हुई है। इसी के चलते केजरीवाल ने अब फिर से जनता की अदालत में जाने का फैसला लिया है।बिना नाम लिए कांग्रेस पर भी साधा निशाना
10 साल पहले आम आदमी पार्टी कांग्रेस काे हराकर दिल्ली की सत्ता पर काबिज हुई थी। रविवार को दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल ने जनता की अदालत में अपने संबोधन में कहा कि जब पार्टी अस्तित्व में आई तब उस समय की अहंकारी (कांग्रेस) सरकार ये कहती थी कि चुनाव लड़कर और जीतकर दिखाओ।उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने के लिए बहुत से पैसों, लोगों और गुंडों की जरूरत होती है। मेरे पास इनमें से कुछ भी नहीं था। लेकिन हमारी पार्टी ने चुनाव लड़ा और जीतकर दिखाया। हमने साबित किया कि बिना पैसों के ईमानदारी से चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है।
यह भी पढ़ें- 'CM आवास छोड़ दूंगा, दिल्ली में रहने के लिए मेरे पास घर नहीं', केजरीवाल ने बताया आगे का प्लान
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।