Kisan Andolan: जानिए भारतीय किसान यूनियन ने अब किसे कहा सरकार का एजेंट और किसानों का जयचंद
महाराष्ट्र के शेकतारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट के साथ कृषि मामलों के जानकार अशोक गुलाटी और पीके जोशी शामिल हैं। अनिल घनवट ने कहा कि देश में अगर फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को संकट का सामना करना पड़ेगा।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 23 Nov 2021 06:02 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन शुरु से ही विरोध कर रहे हैं। 26 नवंबर के बाद तो पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों ने बकायदा दिल्ली की सीमाओं पर अपने टेंट ही लगा दिए, उसी के बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन चलता आ रहा है। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत भी हुई मगर कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका जिसकी वजह से आंदोलन चलता रहा।
खैर अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय ही ये घोषणा कर दी कि तीनों कृषि कानून खत्म किए जा रहे हैं, संसद से शीतकालीन सत्र में इसे संसद में रखा जाएगा। इसके बाद अब भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान संगठन अलग ही राप अलापने लगे हैं, अब उनकी मांग एमएसपी पर कानून बनाने की होने लगी है। किसान नेता राकेश टिकैत देश के तमाम राज्यों में महापंचायत करके किसानों को साथ में जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहे।
यहां तक की सरकार की खिलाफत के लिए वो पश्चिम बंगाल के चुनाव में भी सरकार के विरोध में प्रचार के लिए गए। अभी तक वो ये कहते रहे कि किसान संगठन किसी चुनाव में हिस्सा नहीं लेगा मगर वो विरोध जरूर करेंगे। खैर अब सरकार ने कृषि कानूनों को खत्म करके उनसे ये मौका भी छीन लिया है। इस बीच किसान यूनियन उन लोगों पर हमलावर हो गया है जो एमएसपी पर कानून की खिलाफत कर रहे हैं।तीन कृषि कानूनों को सफेद बताने वाले अनिल घनवट अब एमएसपी पर कानून की खिलाफत कर रहे हैं। ये सुप्रीम कोर्ट में गठित कमेटी में बतौर कृषि विशेषज्ञ के रूप में सदस्य नामित थे। अब साबित हो गया कि ये सरकार ने ही अपना एजेंट बनाकर पेश किया था। ये किसानों का जयचंद है।#MSPlaw_FarmersRight
— Bhartiya kisan Union (@OfficialBKU) November 23, 2021
मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन के इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर से एक ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया कि तीन कृषि कानूनों को सफेद बताने वाले अनिल घनवट अब एमएसपी पर कानून की खिलाफत कर रहे हैं। ये सुप्रीम कोर्ट में गठित कमेटी में बतौर कृषि विशेषज्ञ के रूप में सदस्य नामित थे। अब साबित हो गया कि ये सरकार ने ही अपना एजेंट बनाकर पेश किया था। ये किसानों का जयचंद है।
#MSPlaw_FarmersRightभारतीय किसान यूनियन के इस ट्वीट को सैकड़ों लोगों ने रिट्वीट भी किया। इससे पहले राकेश टिकैत ने लखनऊ में हुई किसानों की महापंचायत में उमड़ी भीड़ पर काफी खुशी जाहिर की थी, उन्होंने कुछ फोटो ट्वीट करते हुए लिखा कि महापंचायत में उमड़ी भीड़ किसानों की ताकत है। ये भी पढ़ें- देखिए कुमार विश्वास को जब खुले मंच से फिर मिला राजनीति का ऑफर, इधर आ जाओ, कैसी रही प्रतिक्रियाकौन है अनिल घनवट?कृषि कानूनों पर सुझाव देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। शीर्ष अदालत ने जनवरी में इस कमेटी का गठन किया था जिसमें महाराष्ट्र के शेकतारी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट के साथ कृषि मामलों के जानकार अशोक गुलाटी और पीके जोशी शामिल हैं। कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने सोमवार को कहा था कि देश में अगर फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को संकट का सामना करना पड़ेगा।
शेतकारी संगठन के अध्यक्ष घनवट का यह बयान ऐसे समय में आया था जबकि कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले 40 वर्षों से सुधार की मांग कर रहे थे। कानूनों को रद करना अच्छा कदम नहीं है। देश में कृषि की मौजूदा व्यवस्था पर्याप्त नहीं है।ये भी पढ़ें- Kisan Andolan: राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार को दिया अल्टीमेटम, अब बार्डर खाली करने के लिए रखी नई शर्त
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