Move to Jagran APP

Kisan Andolan: राकेश टिकैत की पत्नी ने भी दिया केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाला बयान, पढ़िये- क्या कहा

Kisan Andolan News राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता रानी ने कहा है कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार कानून नहीं बना देती है तब तक किसान प्रदर्शनकारी वापस अपने घर नहीं लौटेंगे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि दो-चार दिन में ही एमएसपी पर कानून बन जाएगा।

By Jp YadavEdited By: Updated: Thu, 25 Nov 2021 11:35 AM (IST)
Hero Image
Kisan Andolan: राकेश टिकैत की पत्नी ने भी दिया केंद्र सरकार के मुश्किलें बढ़ाने वाला बयान, पढ़िये- क्या कहा
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के कैबिनेट के निर्णय के बाद भी दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर पर किसान आंदोलन जारी है। कानून वापस लेने के ऐलान के दिन ही संयुक्त किसान मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत 6 नई मांगें रख दी हैं और धरना प्रदर्शन जारी रखा हुआ है। इस बीच दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बार्डर पर धरना प्रदर्शन की अगुआई कर रहे भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता रानी भी सामने आई हैं। पत्रकारों से बातचीत के दौरान राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता रानी ने भी कहा है कि जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर केंद्र सरकार कानून नहीं बना देती है, तब तक किसान प्रदर्शनकारी वापस अपने घर नहीं लौटेंगे। सुनीता रानी ने तो यहां तक कह दिया कि दो-चार दिन में ही एमएसपी पर कानून बन जाएगा।

'यहां सभी घर के लोग'

भाकियू नेता राकेश टिकैत के ही अंदाज में पत्नी सुनीता रानी ने कहा कि यहां तो सभी लोग घर के ही हैं, कोई बाहर का नहीं है। बता दें कि राकेश टिकैत ने सौगंध खाई थी कि जब तक तीनों केंद्रीय कृषि कानून वापस नहीं ले लिए जाते हैं, तब तक वह घर नहीं लौटेंगे। ऐसा हुआ भी कुछ महीने पहले वह अपने जिले सहारनपुर तक गए, लेकिन अपने गांव और घर नहीं गए।

700 किसानों की मौत का भी किया जिक्र

राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता रानी ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक एमएसपी गारंटी कानून और 700 से अधिक किसानों की शहादत के मुद्दे पर बात नहीं करती है तब तक वे लोग आंदोलन स्थल से अपने घर नहीं जाएंगे।

नहीं आया घर जाने का समय

राकेश टिकैत की पत्नी सुनाता ने यह भी कहा कि फिलहाल घर जाने का समय नहीं आया है। अभी तो एमएसपी पर कानून को लेकर बात नहीं बनी। 700 से अधिक किसान की मौत हुई, इनके परिवार का क्या होगा? इसकी जिम्मेदारी किसकी है? 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।