Move to Jagran APP

Burari Case: जानें बुराड़ी के उस घर में कौन रहता है, जहां हुई थी 11 लोगों की मौत

कार पेंटर का काम करने वाले दोनों भाइयों की मानें तो शुरुआत में उन्हें लोगों ने डराया कि इतनी मौतों वाले घर में डर लगेगा वहां नहीं रह पाओगे।

By JP YadavEdited By: Updated: Mon, 01 Jul 2019 09:24 AM (IST)
Hero Image
Burari Case: जानें बुराड़ी के उस घर में कौन रहता है, जहां हुई थी 11 लोगों की मौत
नई दिल्ली, जेएनएन। देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में दिल दहलाने वाले बुराड़ी फांसीकांड को 1 जुलाई, 2019 को पूरे एक साल हो जाएंगे, लेकिन सभी 11 लोगों ने 30 जून की रात को इतने बड़ी सामूहिक आत्महत्या की थी।

इस सामूहिक फांसी कांड को एक साल पूरे हो रहे हैं, इसलिए एक ही परिवार के 11 लोगों की आत्महत्या वाला बुराड़ी के संतनगर की गली नंबर 2 का मकान नंबर- 137 फिर चर्चा में है।

घर को मंदिर के रूप में तब्दील करने का दावा करने वाले चुडावत फैमिली के इस मकान में फिलहाल दो भाई अहमद अली और अफसर किराए पर रहते हैं। कार पेंटर का काम करने वाले दोनों भाइयों की मानें तो शुरुआत में उन्हें लोगों ने डराया कि इतनी मौतों वाले घर में डर लगेगा, वहां नहीं रह पाओगे। खासकर पड़ोसियों ने तो उन्हें यहां पर किराये पर नहीं रहने की सलाह दी। वहीं, दोनों भाइयों की मानें तो 11 मौतों वाले घर को लेकर भ्रम है। यहां पर कोई दिक्कत नहीं है।

बताया जा रहा है कि कार पेंटर का काम करने वाले अहमद और अफसर अली चुंदावत परिवार के साथ पिछले करीब आठ वर्षों से जुड़े रहे थे। उनके मुताबिक,  दिनेश चुनावत ने यह घर 14 अक्टूबर को सौंपा था। उनकी मानें तो उनके कहने पर दिनेश और उनके परिवार के कुछ लोग भी इस घर में कुछ रातें गुजार चुके हैं। 

गौरतलब है कि एक जुलाई को 11 लोगों की मौत के बाद बुराड़ी इलाके के संत नगर की गली संख्या-2 के मकान नंबर- 137 को दिल्ली पुलिस ने सील कर दिया था, ऐसा जांच के लिए किया गया था। जांच के बाद अब इस मकान की तीन महीने के बाद सील दोबारा खुली तो यह इलाका और हत्याकांड दोनों चर्चा में आ गए थे।

बता दें कि 1 जुलाई, 2018 को बुराड़ी के संत नगर में एक ही परिवार के 11 लोगों के सामूहिक आत्महत्या की घटना न केवल दिल्ली, बल्कि पूरे देश में खासी सुर्खियों में रही। दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में एक जुलाई की सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे।

मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष थे, जिनमें दो नाबालिग थे। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। नौ लोगों के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है, जो इस दुनिया में नहीं हैं। जान गंवाने वालों में वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं।

ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे। बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था।

रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। 1 जुलाई की सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था।

इन 11 लोगों ने अनजाने-अनचाहे की थी आत्महत्या

बुराड़ी आत्महत्या मामले में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी। मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है। भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले थे। इनमें प्रियंका की जून महीने ही सगाई हुई थी और दिसंबर, 2018 में उसकी शादी होनी थी।

दिल्ली-NCR की ताजा खबरों को पढ़ने के लिए यहां पर करें क्लिक

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।