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जानिए कौन हैं जेएनयू की पहली महिला कुलपति शांतिश्री पंडित, रह चुकी हैं टापर स्टूडेंट

JNU VC Santishree Dhulipudi Pandit जेएनयू की पहली महिला वीसी शांतिश्री धुलीपुडी पंडित नौ अलग-अलग भाषाओं की जानकार हैं। वह जेएनयू की टापर छात्रा रही हैं। यहीं से उन्होंने एमफिल पीएचडी की उपाधि धारण की। वह अमेरिका से भी पढ़ाई की हैं।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 09:14 PM (IST)
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जेएनयू की पहली महिला वीसी शांतिश्री धुलीपुडी पंडित

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने शांतिश्री धुलीपुडी पंडित को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय(जेएनयू) का कुलपति (वीसी) नियुक्ति किया है। शांतिश्री ने सोमवार को ही अपना पदभार भी ग्रहण कर लिया है। वह प्रो. एम जगदीश कुमार की जगह ली हैं।शांतिश्री धुलीपुडी पंडित को जेएनयू की पहली महिला वीसी बनने का गौरव हासिल हुआ है। इनका कार्यकाल पांच साल तक रहेगा।जेएनयू के पांच वर्ष तक वीसी रहे एम जगदीश कुमार को अभी हाल में ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

शांतिश्री धुलीपुडी पंडित वर्तमान समय में महाराष्ट्र के पुणे स्थित सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान और लोक प्रशासन की प्रोफेसर हैं। वह पुणे विवि में स्नातकोत्तर के छात्रों को अंतरराष्ट्रीय संबंध, भारत की विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संगठन, विश्व राजनीति, वैश्विक सुरक्षा संबंधित विषयों को पढ़ा रही थीं।

जेएनयू की टापर छात्रा रही हैं शांतिश्री धुलीपुडी पंडित

शांतिश्री धुलीपुडी पंडित जेएनयू की टापर छात्रा रही हैं।जेएनयू के स्कूल आफ इंटरनेशनल रिलेशन से 1986 से एमफिल किया। इन्हें ए ग्रेड (83.4 प्रतिशत अंक) मिले थे और टापर रही थीं। जेएनयू से ही 1990 में "पार्लियामेंट एंड फारेन पालिसी इन इंडिया- नेहरू ईयर' विषय से पीएचडी भी किया।

जेएनयू की पहली महिला कुलपति का गौरव हासिल करने वाली शांतिश्री धुलीपुडी पंडित का जन्म रूस के सेंट पीट्सबर्ग में हुआ था। उन्होंने स्कूली शिक्षा मद्रास (चेन्नई) से हासिल किया। इसके बाद उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया विवि से सोशल वर्क विषय में डिप्लोमा किया। इन्होने प्रेसिडेंसी कालेज, मद्रास से स्नातक किया और यहीं से राजनीति विज्ञान में भी स्नातकोत्तर किया।

गोवा विवि से की अकादमिक करियर की शुरुआत

प्रो. शांतिश्री पंडित ने 1988 में गोवा विश्वविद्यालय से अपने अकादमिक शिक्षण करियर की शुरुआत की। सन 1993 में पुणे विश्वविद्यालय में नियुक्ति हुई। उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक निकायों में प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है। वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी), भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) की विभिन्न समितियों की भी सदस्य रहीं।

नौ भाषाओं की जानकार हैं प्रो. शांतिश्री पंडित

प्रो. शांतिश्री हिंदी, संस्कृत, अंग्रेजी, तेलगु, तमिल, मराठी, कन्नड़, मलयालम और कोंकणी भाषा की जानकार हैं। प्रोफेसर पंडित ने अपने अकादमिक कार्यकाल में 31 पीएचडी, एमफिल शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया है।जेएनयू शिक्षकों ने इनकी नियुक्ति का स्वागत किया है।

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