13 प्वाइंट्स में जानिये Delhi Meerut Expressway को, UP-दिल्ली के साथ उत्तराखंड के लोगों को भी मिल रहा फायदा
Delhi Meerut Expressway पीएम मोदी के दखल के बाद अभियान में तेजी आई और 8346 करोड़ रुपये के 82 किमी लंबे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया। 31 दिसंबर 2015 को पीएम ने खोड़ा के पास एनएएच 9 पर निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया।
By Jp YadavEdited By: Updated: Fri, 02 Apr 2021 12:17 PM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद [आशुतोष अग्निहोत्री]। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर बृहस्पतिवार से वाहनों ने रफ्तार भरना शुरू कर दिया है। एक्सप्रेस वे पर सफर करने वाले लोग उत्साहित हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। लेकिन, इस सबके पीछे सबसे बड़ा श्रेय उन नींव के निर्माताओं को जाता है, जिन्होंने दिल्ली- एनसीआर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एनएच-9 (पूर्व में एनएच 24) के चौड़ीकरण और दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए नौ साल तक भागीरथ तपस्या की।
वर्ष 2006 में हुई आंदोलन की शुरुआतएनएच-9 के चौड़ीकरण की मांग तो वर्ष 2006 से चल रही थी, लेकिन इसे पंख तब लगे जब वर्ष 2009 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गाजियाबाद में लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करने आए। वापसी में वह एनएच 9 (पूर्व में एनएच 24) पर जाम में कई घंटे फंसे रहे। दूसरे दिन राजनाथ के नामांकन से बड़ी खबर उनके जाम में फंसने की रही। राजनाथ सिंह ने तभी एनएच 9 के चौड़ीकरण को मुख्य मुद्दा बना लिया। गाजियाबाद की आरडब्ल्यूए फेडरेशन के महासचिव श्री कुमार माहेश्वरी की पहल पर इंजीनियर अरविद श्रीवास्तव, इंजीनियर विजय कुमार, सीपीडब्ल्यूडी के इंजीनियर एचएस रोहिल्ला, देवेंद्र मलिक, वीपी शर्मा, यतेंद्र मलिक, संजय सिंह, चरजीत सिंह और वीरपाल मलिक ने इस अभियान को आगे बढ़ाया। चार साल तक लगातार विभिन्न माध्यम से यह आंदोलनकारी अपनी आवाज उठाते रहे। नौ फरवरी 2013 को आंदोलनकारी दिल्ली में जंतर- मंतर पर पहुंचे और पूरे दिन धरना दिया। उसमें समर्थन देने गाजियाबाद के तत्कालीन सांसद राजनाथ सिंह भी पहुंचे। उन्होंने वादा किया कि हाइवे विश्वस्तरीय बनेगा और अपने आप में एक मिसाल बनेगा। उन्होंने इस मुद्दे को संसद में भी तीन बार उठाया। वर्ष 2006 से 2013 तक सैकड़ों आंदोलन हुए लेकिन अभियान परवान नहीं चढ़ सका।
सत्ता बदली और लगी प्रोजेक्ट पर मुहरवर्ष 2014 में केंद्र में सरकार बदली और तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह के सहयोग से आंदोलनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंच गए। आंदोलनकारी यह समझाने में कामयाब हुए कि यह प्रोजेक्ट सामरिक, धार्मिक और आर्थिक ²ष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आंदोलनकारियों की मंशा और विषय अच्छा लगा और उन्होंने एनएच 9 के चौड़ीकरण व दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे निर्माण को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बना लिया। प्रधानमंत्री के दखल के बाद इस अभियान में तेजी आई और अंतत: 8,346 करोड़ रुपये के 82 किमी लंबे दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे के निर्माण का रास्ता साफ हो गया।
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31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में खोड़ा के पास एनएएच 9 पर निर्माण कार्य का शिलान्यास कर दिया। दैनिक जागरण ने इस मुहिम का अहम हिस्सा बनकर न केवल इससे जुड़ी खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया बल्कि छह साल तक लगातार इस मुद्दे को जीवंत रखा। वर्ष 2013 में जनवरी फरवरी में दैनिक जागरण ने लगातार 50 दिनों तक मुहिम पर खबरें प्रकाशित कीं।
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इस तरह चला अभियान
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- वर्ष 2009 में भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह आगे आए, अभियान में तेजी आई।
- वर्ष 2010 में एनएचएआइ ने छह लेन टोल रोड बनाने का प्रस्ताव बनाया।
- वर्ष 2012 में चार अगस्त पर डीएम गाजियाबाद के एनएचएआइ के प्रस्ताव पर जनसुनवाई। हुई, श्री कुमार माहेश्वरी ने विरोध किया।
- 18 अगस्त 2012 को राजनाथ सिंह ने तत्कालीन केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री सीपी जोशी को पत्र लिखा।
- 12 दिसंबर 2012 राजनाथ सिंह ने लोकसभा में एनएच 9 व एनएच 58 के चौड़ीकरण का मुद्दा उठाया।
- जनवरी 2013 से फरवरी 2013 तक दैनिक जागरण ने 50 दिनों तक लगातार अभियान चलाया।
- 8 फरवरी 2013 को आंदोलनकारी जंतर मंतर पर प्रदर्शन के लिए पहुंचे, राजनाथ सिंह भी शामिल हुए।
- 21 फरवरी 2013 आंदोलनकारी भूतल परिवहन मंत्री से मिले।
- 27 फरवरी 2013 में राजनाथ सिंह ने इस मामले को संसद में उठाया और इसे देश की सुरक्षा व आर्थिक विकास के लिए अहम बताकर पैरवी की।
- वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव से पहले ही 12 लेन के लिए टेंडर जारी हुआ, कमियां होने के कारण आंदोलनकारियों ने काम शुरू नहीं होने दिया।
- अक्टूबर 2015 में एनएचएआइ ने दोबारा 7566 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया
- 31 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में खोड़ा के पास एनएच 9 चौड़ीकरण व दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे के शिलान्यास की नींव रखी।-एक अप्रैल 2021 को दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे आम जनता के लिए खुला।