स्मॉग से मुश्किल में NCR के चार करोड़ लोग, जानलेवा हो सकती है सुबह की सैर
दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है और लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने पर सांस की तकलीफ हो सकती है।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 27 Oct 2018 03:33 PM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। दिवाली त्योहार में अभी एक सप्ताह से भी अधिक का समय बचा है, लेकिन अभी से ही पूरे दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ गई है। आलम यह है कि स्मॉग से लोगों को सांस लेने में परेशानी जैसी समस्या होने लगी है। इस बीच दिल्ली सरकार ने भी कहा है कि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें। दिल्ली की जनसंख्या दो करोड़ के आसपास है और एनसीआर के इलाकों गाजियाबाद, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, सोनीपत, गुरुग्राम, रोहतक, बहादुरगढ़ आदि में भी 2 करोड़ के आसपास लोग रहते हैं। ऐसे में यहां पर रह रहे लोगों को खास सावधानी बरतने की जरूरत हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को।
दिल्ली की हवा में लगातार घुल रहा प्रदूषण
यहां पर बता दें कि देशभर में 70 शहरों में प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद सबसे ऊपर यानी पहले पायदान और गुरुग्राम दूसरे पायदान पर रहा। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद और नोएडा का हाल भी बेहाल है। गाजियाबाद में तो हालात बदतर हो चुके हैं। दिल्ली में शनिवार को दिनभर पीएम 10 बढ़कर 359 और पीएम 2.5 का स्तर 211 रहने की संभावना है, जो रविवार को बढ़कर क्रमशः 414 और 243 हो सकता है। यह दोनों स्तर बेहद खराब श्रेणी का है। पर्यावरण विशेषज्ञ पार्थो बसु के मुताबिक, सर्दी बढ़ने के कारण हवा भारी होती है और प्रदूषण भी बढ़ जाता हैं। हवा की कम गति के कारण पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने का प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर के आसमान में ठंड व हवा में धीरे-धीरे जम रहा है। फिर यही प्रदूषण सांस के जरिये फेफड़ों में जाता है, जो बेहद हानिकारक होता है। इसके अलावा, प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं होती हैं।
यहां पर बता दें कि देशभर में 70 शहरों में प्रदूषण के मामले में फरीदाबाद सबसे ऊपर यानी पहले पायदान और गुरुग्राम दूसरे पायदान पर रहा। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद और नोएडा का हाल भी बेहाल है। गाजियाबाद में तो हालात बदतर हो चुके हैं। दिल्ली में शनिवार को दिनभर पीएम 10 बढ़कर 359 और पीएम 2.5 का स्तर 211 रहने की संभावना है, जो रविवार को बढ़कर क्रमशः 414 और 243 हो सकता है। यह दोनों स्तर बेहद खराब श्रेणी का है। पर्यावरण विशेषज्ञ पार्थो बसु के मुताबिक, सर्दी बढ़ने के कारण हवा भारी होती है और प्रदूषण भी बढ़ जाता हैं। हवा की कम गति के कारण पंजाब और हरियाणा से पराली जलाने का प्रदूषण दिल्ली-एनसीआर के आसमान में ठंड व हवा में धीरे-धीरे जम रहा है। फिर यही प्रदूषण सांस के जरिये फेफड़ों में जाता है, जो बेहद हानिकारक होता है। इसके अलावा, प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे, बुजुर्ग व गर्भवती महिलाएं होती हैं।
सीजन का सबसे प्रदूषित दिन
शुक्रवार इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन रहा। अगले तीन दिनों तक इसमें इजाफा होने का पूर्वानुमान सफर ने किया है। हालांकि, यह 'बेहद खराब' श्रेणी में ही रहेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 361, फरीदाबाद में 381, गाजियाबाद का 358, ग्रेटर नोएडा का 352, गुरुग्राम का 378, नोएडा का 352 और भिवाड़ी का 255 दर्ज हुआ।
शुक्रवार इस सीजन का सबसे प्रदूषित दिन रहा। अगले तीन दिनों तक इसमें इजाफा होने का पूर्वानुमान सफर ने किया है। हालांकि, यह 'बेहद खराब' श्रेणी में ही रहेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के एयर बुलेटिन के अनुसार दिल्ली का एयर इंडेक्स 361, फरीदाबाद में 381, गाजियाबाद का 358, ग्रेटर नोएडा का 352, गुरुग्राम का 378, नोएडा का 352 और भिवाड़ी का 255 दर्ज हुआ।
बेहद खराब हुई दिल्ली की आबोहवा
राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी जानलेवा होने की तरफ अग्रसर है। भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग और वाहनों के प्रदूषण के अलावा निर्माण कार्यों पर शिकंजा नहीं कसने की वजह से हालात में दिनोंदिन गिरावट हो रही है।एयर क्वालिट इंडेक्स के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में हवा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य से बहुत ज्यादा है। एयर क्वालिटी को 0-50 के बीच ही अच्छा माना जाता है, ऐसे में 401 से 500 के बीच रहने का मतलब है कि स्वस्थ मनुष्य की सेहत भी प्रभावित होगी और बीमार मनुष्य बुरी तरह प्रभावित होंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 था, जोकि बेहद खराब गुणवत्ता श्रेणी में है। हवा की खराब होती गुणवत्ता को नियंत्रित स्तर पर बनाए रखने के अलग-अलग विभागों की ओर से दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन हालात को काबू नहीं किया जा सका है।संस्था सफर ने भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहद खराब बताया है।दिल्ली-एनसीआर के स्कूल करवाए जा सकते हैं बंद
बता दें कि शुक्रवार को पीएम-2.5 अति खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हालात के मद्देनजर कहा जा रहा है कि पीएम का स्तर लगातार बढ़ेगा और दिवाली के आसपास तो हालात बदतर हो जाएंगे। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने पर्यावरण की स्थिति बिगड़ने पर चिंता जताते हुए संबंधित अधिकारियों को इससे निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-2.5 लगातार खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है और इससे उबरने के लिए यदि स्कूलों की छुट्टी करनी पड़े तो उसके लिए तैयार रहना होगा। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है और लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने पर सांस की तकलीफ हो सकती है। इस बीच दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य परामर्श जारी कर लोगों से सुबह और देर शाम के वक्त बाहर निकलने से बचने को कहा है। बरतें ये सावधानी
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी जानलेवा होने की तरफ अग्रसर है। भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगी आग और वाहनों के प्रदूषण के अलावा निर्माण कार्यों पर शिकंजा नहीं कसने की वजह से हालात में दिनोंदिन गिरावट हो रही है।एयर क्वालिट इंडेक्स के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के कुछ इलाकों में हवा में प्रदूषण की मात्रा सामान्य से बहुत ज्यादा है। एयर क्वालिटी को 0-50 के बीच ही अच्छा माना जाता है, ऐसे में 401 से 500 के बीच रहने का मतलब है कि स्वस्थ मनुष्य की सेहत भी प्रभावित होगी और बीमार मनुष्य बुरी तरह प्रभावित होंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार सुबह दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 358 था, जोकि बेहद खराब गुणवत्ता श्रेणी में है। हवा की खराब होती गुणवत्ता को नियंत्रित स्तर पर बनाए रखने के अलग-अलग विभागों की ओर से दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन हालात को काबू नहीं किया जा सका है।संस्था सफर ने भी दिल्ली की वायु गुणवत्ता को बेहद खराब बताया है।दिल्ली-एनसीआर के स्कूल करवाए जा सकते हैं बंद
बता दें कि शुक्रवार को पीएम-2.5 अति खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हालात के मद्देनजर कहा जा रहा है कि पीएम का स्तर लगातार बढ़ेगा और दिवाली के आसपास तो हालात बदतर हो जाएंगे। गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह ने पर्यावरण की स्थिति बिगड़ने पर चिंता जताते हुए संबंधित अधिकारियों को इससे निपटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-2.5 लगातार खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ रहा है और इससे उबरने के लिए यदि स्कूलों की छुट्टी करनी पड़े तो उसके लिए तैयार रहना होगा। दिल्ली में हवा की गुणवत्ता एक बार फिर बेहद खराब स्तर तक पहुंच गई है और लंबे समय तक ऐसे माहौल में रहने पर सांस की तकलीफ हो सकती है। इस बीच दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य परामर्श जारी कर लोगों से सुबह और देर शाम के वक्त बाहर निकलने से बचने को कहा है। बरतें ये सावधानी
- दिल्ली-एनसीआर में अभी से स्मॉग ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। स्मॉग के चलते लोगों को आंखों में जलन और सिर दर्द जैसी शिकायतें होने लगी हैं।
- दिल्ली में कम से कम 15 दिन और झेलनी होगी जहरीली हवा
- स्मॉग सबसे ज्यादा अस्थमा रोगियों के लिए खतरनाक होता है।
- बाहर कम से कम निकलने में ही समझदारी है।
- अगर बाहर निकलना ही पड़े तो मास्क का इस्तेमाल जरूर करें।
- वाहनों की समय-समय पर सर्विसिंग न होने से उनमें से धुंआ निकलने लगता है जो पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह साबित होता है। ऐसे में वाहनों की समय-समय पर सर्विसिंग कराएं।
- स्मॉग से बचने के लिए घरों के अंदर भट्टी या फिर आग जलाने से बचना चाहिए। लकड़ी और कोयले के जलने से धुंआ निकलता है जो प्रदूषण को स्मॉग में तब्दील कर देता है।
- अक्सर घर से निकलने वाले कूड़े के ढेर को लोग जला देते हैं। कूड़े में प्लास्टिक और लकड़ी होने पर धुंआ निकलने लगता है, इससे बचे।
- सर्दियों के मौसम में लोग व्यायाम के प्रति ज्यादा सजग हो जाते हैं। स्मॉग के दौरान हो सके तो घर के अंदर ही व्यायाम करने की काशिश करें।
- अगर बहुत जरूरी काम ना हो तो बाहर जाने से थोड़ा बचें। घर से बाहर निकले तो मास्क पहने बिना ना निकलें।
- गर्भवती महिलाओं को भी प्रदूषण बुरी तरह प्रभावित करता है।
- प्रदूषण के चलते लोगों में कैंसर भी हो सकता है।