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जानिए किस मामले में इंस्टाग्राम और फेसबुक की मूल कंपनी मेटा ने हाई कोर्ट में दाखिल किया अपना जवाब, क्या दी दलील?

मेटा ने दलील दी कि याचिकाकर्ता का एक निजी संस्था के खिलाफ अनुच्छेद 19 के अधिकारों का दावा करने का प्रयास अनुचित है। इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। इंस्टाग्राम पर खाता निलंबित करने के खिलाफ दायर याचिका पर मेटा ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Fri, 06 May 2022 02:36 PM (IST)
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इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म कंपनी मेटा ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इंस्टाग्राम पर खाता निलंबित करने के खिलाफ दायर एक याचिका पर हलफनामा दाखिल करके इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म कंपनी मेटा ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (अभिव्यक्ति की आजादी) के अधिकार को उसके खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता है। मेटा एक निजी संस्था है और किसी सार्वजनिक कार्य का निर्वहन नहीं करती है। मेटा लोकप्रिय प्लेटफार्म इंस्टाग्राम और फेसबुक की मूल कंपनी है।

मेटा ने कहा कि इंस्टाग्राम सेवा एक स्वतंत्र और स्वैच्छिक मंच है और एक निजी अनुबंध द्वारा शासित है। याचिकाकर्ता को इसका उपयोग करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है। मेटा ने उक्त हलफनामा खाता निलंबित करने या हटाने के खिलाफ दायर विभिन्न याचिकाओं पर दाखिल किया है। मेटा ने दलील दी कि यह इंस्टाग्राम सेवा की शर्तो और सामुदायिक दिशा-निर्देशों द्वारा नियंत्रित होता है।

ऐसे में मेटा संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट के रिट क्षेत्राधिकार के लिए उत्तरदायी नहीं है। मेटा ने दलील दी कि याचिकाकर्ता का एक निजी संस्था के खिलाफ अनुच्छेद 19 के अधिकारों का दावा करने का प्रयास अनुचित है। इसे अस्वीकार किया जाना चाहिए। मेटा ने दलील दी कि मेटा न तो सार्वजनिक कर्तव्य करने के लिए बाध्य है और न ही सरकार मेटा के प्रबंधन व दैनिक कामकाज पर कोई नियंत्रण रखती है।

लोक निर्माण विभाग पर की कार्रवाई

थोड़ी सी बारिश में ही बृहस्पतिवार को सड़कों पर जगह-जगह पानी भर गया। इस कारण लोगों को काफी परेशानी हुई। वहीं, नगर निगम के अधिकारियों ने विभिन्न सड़कों का दौरान कर पानी भरने के कारणों की पड़ताल की। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) सेंट्रल जोन के चेयरमैन राजपाल सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों के साथ सुखदेव विहार मेट्रो स्टेशन के पास हुए जलभराव पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) का चालान किया।

उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी की लापरवाही के कारण ही जरा सी बारिश में सड़क पर पानी भर गया। इससे मच्छर पनपेंगे। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे नाले-नालियों की सफाई न होने के कारण यह समस्या उत्पन्न हो रही है। कैप्टन गौड़ मार्ग पर भी ओखला मंडी के सामने ऐसे ही पानी भर जाता है।

नाले-नालियों को सुधारे पीडब्ल्यूडी

राजपाल सिंहराजपाल सिंह ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अगर अपने नाले-नालियों को साफ रखे तो सड़कों पर पानी भरने की समस्या नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मानसून से पहले अगर पीडब्ल्यूडी ने इनको दुरुस्त नहीं कर लिया तो बारिश के पानी से लोगों को काफी परेशानी होगी। लेकिन दिल्ली सरकार के अधिकारियों को आम लोगों की समस्या से कोई सरोकार ही नहीं है। इसलिए वे इनके समाधान के लिए प्रयास नहीं करते हैं।

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