जानिये- उस व्यक्ति के बारे में, जिसने 26 जनवरी को देश-दुनिया के सामने की शर्मनाक करतूत
Jugraj Singh बेहद साधारण परिवार के इस लड़के ने यह कृत्य अंजाम देने से पहले यह भी नहीं सोचा कि आखिर इससे उसे हासिल क्या होगा? और इसका अंजाम क्या होगा? जुगराज के इस कृत्य के बाद पंजाब और दिल्ली पुलिस दोनों को आरोपित जुगराज की तलाश है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। जिस रोज देश की 130 करोड़ की आबादी 72वां गणतंत्र दिवस मना रही थी, उस दिन जुगराज नाम के शख्स ने लाल किला की प्राचीर पर तिरंगे के बगल में एक अन्य झंडा लगा कर शर्मसार कर दिया। बताया जा रहा है कि पंजाब के तरनतान जिले के रहने वाले 23 वर्षीय जुगराज ने इस शर्मनाक करतूत को अंजाम दिया है। बेहद साधारण परिवार के इस लड़के ने यह कृत्य अंजाम देने से पहले यह भी नहीं सोचा कि आखिर इससे उसे हासिल क्या होगा? और इसका अंजाम क्या होगा? जुगराज के इस कृत्य के बाद पंजाब और दिल्ली पुलिस दोनों को आरोपित जुगराज की तलाश है। फिलहाल जुगराज फरार है।
कई बार पुलिस मार चुकी है घर पर छापा
बताया जा रहा है कि जुगराज सिंह की तलाश में पंजाब पुलिस कई बार उसके घर पर छापा मार चुकी है, लेकिन वह हाथ नहीं लगा। यह भी जानकारी मिली है कि 26 जनवरी के दिन जैसे ही देर शाम लाल किला पर जुगराज द्वारा तिरंगे के साथ अन्य झंडा लगाने की खबर आई तो घबराए जुगराज के माता-पिता परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भूमिगत हो गए।
बेटे की गिरफ्तारी का सता रहा डर
ग्रामीण बताते हैं कि जैसे ही जुगराज के माता-पिता बलदेव सिंह और भगवंत कौर को उसके कृत्य की जानकारी मिली तो वह घबरा गए और फिर कुछ समझ नहीं आया तो भूमिगत हो गए। तरनतारन जिले के गांव तारा सिंह के रहने वाले जुगराज के परिवार में उसके माता-पिता के अलावा दादा-दादी और एक बहन भी है। यह भी पता चला है कि उसकी कुल 3 बहने हैं, जिनमें से 2 बहनों की शादी हो चुकी है, जबकि तीसरी बहन शादीशुदा नहीं है और वह परिवार के साथ ही रहती है। जुगराज जहां परिवार का मजबूत आर्थिक सहारा था, लेकिन अब खुद परिवार के लिए मुसीबत बन गया है।
लेबर का काम करता रहा है जुगराज
परिवार के मुताबिक, 23 साल का जुगराज पढ़ाई में बहुत अच्छा नहीं था। ज्यादा पढ़ाई नहीं होने के चलते जुगराज को अच्छी नौकरी नहीं मिली तो वह लेबर का काम करने लगा। यह भी पता चला है कि गांव के कुछ दूसरे युवाओं के साथ साल के पिछले साल वह चेन्नई (तमिलनाडु) में एक फैक्टरी में काम किया करता था। फिलहाल वह तरनतारन अपने गांव आया था। 23-24 जनवरी को जुगराज अन्य युवाओं के साथ किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली-एनसीआर चला गया।
ग्रामीण जुगराज को मानते हैं एक नेकदिल लड़का
कहते हैं कि नजदीक से चीजें साफ नहीं दिखाई देतीं हैं। कुछ ऐसा ही हाल जुगराज का है। ग्रामीणों की मानें तो जुगराज एक नेक दिल लड़का है। कभी किसी विवाद में पड़ते नहीं देखा। जुगराज के दादा महल सिंह का ही मानना है कि जुगराज बहुत ही अच्छा लड़का है। दादा कहना है कि जुगराज सबका कहना मानता है। उसने किसी बात के लिए शिकायत का मौका नहीं दिया।
कर्ज में डूबे परिवार का एकमात्र कमाने वाला जुगराज
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान लाल किले की प्राचीर पर अन्य झंडा लगाने वाला जुगराज सिंह अकेला कमाने वाला है। ग्रामीणों को कहना है कि परिवार के पास 2 एकड़ से कुछ अधिक खेती की जमीन है। इससे पूरे परिवार का गुजारा होता है। जिस पर वह खेती करते हैं। परिवार पर 5 लाख रुपये का कर्ज है। यह कर्ज परिवार की लड़कियों की शादी के लिए लिया गया है। खेती की जमीन इतनी कम है कि इससे परिवार के सभी सदस्यों का गुजारा मुमकिन नहीं, तो कर्ज कहां से उतरता इसलिए जुगराज सिंह लेबर का काम करने लगा।
क्या किसी के बहकावे में किया उसने ऐसा काम
अब पुलिस के साथ खुफिया एजेंसियों के लिए यह बड़ा सवाल है कि क्या जुगराज ने किसी के कहने पर लाल किला की प्राचीर पर तिरंगे के साथ अन्य झंडा लगाया या फिर यह सब उसने अपने आप किया। दरअसल दिल्ली पुलिस को इस पूरे मामले में पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की भी तलाश है। दीप पर आरोप है कि उसने ही आंदोलन में शामिल युवाओं को भड़काया था।
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