जानें- राज कपूर के दामाद व अमिताभ के समधी की कामयाबी की कहानी, ये थी बड़ी खूबी
राजन नंदा की पहचान देश के उद्योग जगत में दूरदर्शी सोच, विपरीत परिस्थितियों में चट्टान की तरह अडिग रहने वाले और अनुशासन के पुजारी के रूप में होती थी।
By Amit SinghEdited By: Updated: Tue, 07 Aug 2018 08:21 AM (IST)
फरीदाबाद (बिजेंद्र बंसल)। ट्रैक्टर सहित कृषि उपकरणों के निर्माता एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के समधी राजन नंदा की पहचान देश के उद्योग जगत में दूरदर्शी सोच, विपरीत परिस्थितियों में चट्टान की तरह अडिग रहने वाले और अनुशासन के पुजारी के रूप में होती थी। कर्म को ही पूजा मानने वाले राजन नंदा किसी व्यक्ति या काम को छोटा नहीं मानते थे।
फरीदाबाद की पहचान एशिया के मानचित्र पर अंकित करने वाले एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन राजन नंदा को उनके कर्मचारी, अधिकारी और उद्योग व हेल्थकेयर जगत से जुड़ी हस्तियां प्रेरणास्रोत मानती रही हैं। मृदुभाषी राजन नंदा के निधन पर उद्योग जगत शोकाकुल है।
राजन नंदा का फिल्म जगत से सीधा नाता है। वह स्वयं विश्व के शो-मैन फिल्म अभिनेता स्वर्गीय राजकपूर के दामाद थे। राजकपूर की बेटी ऋतु नंदा से राजन नंदा की शादी 1969 में हुई थी। राजन नंदा के पुत्र निखिल नंदा की शादी भी सदी के महानायाक अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता से 1997 में हुई थी।
आरुति के आगे बढ़ने का आधार बनाया था
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को एशिया के मानचित्र पर स्थापित करने से लेकर पाक विस्थापितों को उद्यमियों के रूप में तैयार करने वाले एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन राजन नंदा भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उद्योग जगत को उनका योगदान हमेशा याद रहेगा। उन्होंने भारत के निजी क्षेत्र को तब विदेशी पूंजीनिवेश के सहयोग से चलाने की राह दिखाई जब ज्यादातर उद्योग सरकारी सहयोग पर निर्भर हुआ करते थे। 180 के दशक में गुरुग्राम में मारुति उद्योग की स्थापना के बाद जापान की सुजुकी कंपनी विशेषज्ञों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि मारुति के कलपुर्जे कैसे भारत में ही बनाए जाएं?
औद्योगिक नगरी फरीदाबाद को एशिया के मानचित्र पर स्थापित करने से लेकर पाक विस्थापितों को उद्यमियों के रूप में तैयार करने वाले एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन राजन नंदा भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उद्योग जगत को उनका योगदान हमेशा याद रहेगा। उन्होंने भारत के निजी क्षेत्र को तब विदेशी पूंजीनिवेश के सहयोग से चलाने की राह दिखाई जब ज्यादातर उद्योग सरकारी सहयोग पर निर्भर हुआ करते थे। 180 के दशक में गुरुग्राम में मारुति उद्योग की स्थापना के बाद जापान की सुजुकी कंपनी विशेषज्ञों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि मारुति के कलपुर्जे कैसे भारत में ही बनाए जाएं?
जापानियों की इस चुनौती का हल फरीदाबाद के ऑटो कंपोनेंट्स उद्योग ने एक साल के अंदर ही निकाल लिया। एस्कॉर्ट्स समूह के ट्रैक्टर, राजदूत मोटरसाइकिल,यामाहा मोटरसाइकिल से लेकर अन्य कृषि उपकरणों के लिए ऑटो कंपोनेंट्स बनाते हुए फरीदाबाद के उद्यमी अत्याधुनिक तकनीक की हर चुनौती पर खरे उतरे थे। ऑटो कंपोनेंट्स बनाने की तकनीक को राजन नंदा ने वषों पहले ही तैयार करा दिया था। मारुति के लिए ऑटो कंपोनेंट बनाने वाले उद्यमी डीएन कथूरिया बताते हैं कि एक तरह से राजन नंदा ने मारुति की सफलता के लिए आधार तैयार किया था। राजन नंदा के सानिध्य में ही आगे बढ़े डॉ. त्रेहन
मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने भी भारत में राजन नंदा के एस्कॉर्ट्स समूह के हॉस्पिटल से ही शुरूआत की थी। डॉ. त्रेहन बताते हैं कि नई दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में जब उन्होंने विश्व की अत्याधुनिक मशीनें लाने का आग्रह किया तो उन्होंने फाइनेंस उपलब्ध कराने में एक दिन की भी देरी नहीं की। नंदा ने ही फरीदाबाद को बनाया था ऑटो इंडस्ट्रीज का हब
लखानी अरमान ग्रुप के चेयरमैन केसी लखानी ने कहा, मुझे याद है कि एस्कॉर्ट्स समूह की राजदूत मोटरसाइकिल को देश के आम आदमी की मोटरसाइकिल बनाने का काम राजन नंदा ने किया था। इतना ही नहीं फरीदाबाद, जो आज ऑटो इंडस्ट्रीज का हब है, वह राजन नंदा की बदौलत है।विदेशी पूंजी के सहयोग से उद्योग चलाने की दिखाई राह
राजन नंदा ने एस्कॉर्ट्स समूह के ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल व अन्य कृषि उपकरण बनाने के लिए अमेरिकन कंपनी फोर्ड, जापानी कंपनी यामाहा, इंग्लैंड की कंपनी जेसीबी से पूंजी निवेश कराया। यूरोप की कंपनी क्लास के सहयोग से इंजीनियरिंग उपकरण बनाए। 1970 से 1990 तक का यह वह दौर था जब पूरे भारत वर्ष के उद्योग जगत में साल में इक्का-दुक्का ही विदेशी निवेश होता था। उद्यमी शम्मी कपूर बताते हैं कि एस्कॉर्ट्स समूह से तकनीक सीखकर फरीदाबाद में अनेक उद्यमी बने। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वार्षिकोत्सव में नंदा ने हमेशा उद्यमियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। पंचतत्व में विलीन हुए राजन नंदा
ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण निर्माता कंपनी एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन राजन नंदा का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गया। 76 वर्षीय नंदा का रविवार शाम गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनके अंतिम संस्कार के समय पुत्र निखिल नंदा, पुत्रवधू श्वेता नंदा, उनकी पत्नी ऋतु नंदा, समधिन जया बच्चन, साले रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, राजीव कपूर और निखिल नंदा के साले अभिषेक बच्चन पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ मौजूद थे।अंतिम संस्कार से पहले राजन नंदा के पार्थिव शरीर को फ्रेंड्स कॉलोनी (पश्चिम) स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। यहां फिल्म, उद्योग, हेल्थकेयर व राजनीति से जुड़े दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी। यह भी पढ़ेंः 33 वर्ष की उम्र में 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर, जानें- कौन हैं सुदीक्षा
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन ने भी भारत में राजन नंदा के एस्कॉर्ट्स समूह के हॉस्पिटल से ही शुरूआत की थी। डॉ. त्रेहन बताते हैं कि नई दिल्ली के एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में जब उन्होंने विश्व की अत्याधुनिक मशीनें लाने का आग्रह किया तो उन्होंने फाइनेंस उपलब्ध कराने में एक दिन की भी देरी नहीं की। नंदा ने ही फरीदाबाद को बनाया था ऑटो इंडस्ट्रीज का हब
लखानी अरमान ग्रुप के चेयरमैन केसी लखानी ने कहा, मुझे याद है कि एस्कॉर्ट्स समूह की राजदूत मोटरसाइकिल को देश के आम आदमी की मोटरसाइकिल बनाने का काम राजन नंदा ने किया था। इतना ही नहीं फरीदाबाद, जो आज ऑटो इंडस्ट्रीज का हब है, वह राजन नंदा की बदौलत है।विदेशी पूंजी के सहयोग से उद्योग चलाने की दिखाई राह
राजन नंदा ने एस्कॉर्ट्स समूह के ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल व अन्य कृषि उपकरण बनाने के लिए अमेरिकन कंपनी फोर्ड, जापानी कंपनी यामाहा, इंग्लैंड की कंपनी जेसीबी से पूंजी निवेश कराया। यूरोप की कंपनी क्लास के सहयोग से इंजीनियरिंग उपकरण बनाए। 1970 से 1990 तक का यह वह दौर था जब पूरे भारत वर्ष के उद्योग जगत में साल में इक्का-दुक्का ही विदेशी निवेश होता था। उद्यमी शम्मी कपूर बताते हैं कि एस्कॉर्ट्स समूह से तकनीक सीखकर फरीदाबाद में अनेक उद्यमी बने। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वार्षिकोत्सव में नंदा ने हमेशा उद्यमियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। पंचतत्व में विलीन हुए राजन नंदा
ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण निर्माता कंपनी एस्कॉर्ट्स समूह के चेयरमैन राजन नंदा का पार्थिव शरीर सोमवार शाम को पंचतत्व में विलीन हो गया। 76 वर्षीय नंदा का रविवार शाम गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनके अंतिम संस्कार के समय पुत्र निखिल नंदा, पुत्रवधू श्वेता नंदा, उनकी पत्नी ऋतु नंदा, समधिन जया बच्चन, साले रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, राजीव कपूर और निखिल नंदा के साले अभिषेक बच्चन पत्नी ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ मौजूद थे।अंतिम संस्कार से पहले राजन नंदा के पार्थिव शरीर को फ्रेंड्स कॉलोनी (पश्चिम) स्थित निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। यहां फिल्म, उद्योग, हेल्थकेयर व राजनीति से जुड़े दिग्गजों ने श्रद्धांजलि दी। यह भी पढ़ेंः 33 वर्ष की उम्र में 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर, जानें- कौन हैं सुदीक्षा