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EXCLUSIVE: दिल्ली की 11 मौतों में खुलासा, मोक्ष को दिया था 'विशेष साधना' का नाम

एक रजिस्टर में एक और हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। इसमें लिखी बातों से पता चलता है कि भाटिया परिवार के छोटे बेटे ललित ने पूरे परिवार की मौत की पटकथा लिखी थी।

By JP YadavEdited By: Updated: Tue, 03 Jul 2018 05:56 PM (IST)
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EXCLUSIVE: दिल्ली की 11 मौतों में खुलासा, मोक्ष को दिया था 'विशेष साधना' का नाम

नई दिल्ली (जेेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत पर से रहस्य का पर्दा हट ही नहीं रहा है। दो दिन बाद भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच वहीं खड़ी है, जहां से रविवार को उसने शुरुआत की थी।पुलिस को घर से मिले रजिस्टर से जानकारी मिली है कि उस खौफनाक मंजर को विशेष साधना का नाम दिया गया था। इसमें साधना के लिए इन्होंने चार दिन तय किए थे। मंगलवार, गुरुवार, शनिवार व रविवार। रजिस्टर में शनिवार की रात अच्छी बताई गई थी। साधना के लिए रात एक बजे का समय बताया था। साथ ही कहा गया था कि साधना को करने से पहले नहाना नहीं है। केवल हाथ व मुंह धोकर बैठना है।

खुला राज, नारायण का शव क्यों कमरे में मिला
यह भी लिखा हुआ था कि सभी को अपने-अपने हाथ पैर खुद बांधने होंगे। हाथ पैर खोलने के लिए हम लोग एक दूसरे की सहायता कर सकते हैं। रजिस्टर में लिखा हुआ है कि माता जी यानी नारायण देवी बहुत बुजुर्ग हैं। वह साधना करने के लिए स्टूल पर नहीं चढ़ पाएंगी। ऐसे में उन्हें दूसरे कमरे में साधना करानी होगी। इसलिए नारायण का शव कमरे में मिला था। वह बेल्ट से आलमारी के हैंडल से लटक गई थी। मरने के बाद हैंडल से बेल्ट निकल गया था। इसलिए पुलिस को शक हुआ था कि बेल्ट से किसी ने उनका गला घोंटा है।

मौत वाली रात को नहीं बना था खाना
साधना वाली रात घर में खाना नहीं बनेगा। इसलिए ललित ने हांडी रेस्टोरेंट से केवल दस रोटियां मंगाई थी, लेकिन उसे किसी ने ग्रहण नहीं किया। हांडी से एक डिलीवरी ब्वॉय रोटी लेकर शनिवार रात 10.40 बजे आया था। उसकी तस्वीर सामने लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पुलिस ने उससे पूछताछ की। उसे पुलिस गवाह भी बना सकती है।

वहीं, क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि घर से शवों के अलावा दो रजिस्टर भी बरामद हुए हैं। दोनों रजिस्टरों की पड़ताल से खुलासा हो रहा है कि भाटिया परिवार की मौत अंधविश्वास और मोक्ष जुड़ी है। वहीं एक रजिस्टर में एक और हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। इसमें लिखी बातों से पता चलता है कि भाटिया परिवार के छोटे बेटे ललित ने पूरे परिवार की मौत की पटकथा लिखी थी और कुछ दिन पहले ही यह तय किया था।

अनुष्ठान से पहले सबको था जिंदा बच जाने का विश्वास
घटनाक्रम के मुताबिक ही 11 मौतों को अंजाम दिया गया है, जिसमें खुद ललित भी शामिल है। ललित की बातों से ऐसा लग रहा है कि परिवार के सभी सदस्य अनुष्ठान कर रहे थे। इसके तहत हाथ और मुंह पर पट्टी बांधकर लटकना इसी अनुष्ठान का हिस्सा था। लगता है परिवार को सभी सदस्यों को विश्वास था कि वो बच जाएंगे।

सपने ने ले ली 11 ने जान

जांच में जुटी क्राइम ब्रांच को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि रजिस्टर में मौत की कहानी ललित के हाथों से लिखी गई है, वह भी 26 जून को। जानकारी सामने आ रही है कि ललित के स्वर्गवासी पिता ही उसे यह सब करने के लिए कह कर रहे थे। हैरानी की बात है कि ललित के पिता की काफी पहले ही मौत हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो सपने में आकर ललित को बताते थे कि क्या करना है और कैसे करना है? इन 11 मौतों को ललित के पिता के सपनों के साथ जोड़कर देखा जा रहा है।

रजिस्टर में लिखा है- 'पिताजी ने कहा है कि आखिरी समय पर झटका लगेगा, आसमान हिलेगा, धरती हिलेगी, लेकिन तुम घबराना मत, मंत्र जाप तेज कर देना, मैं तुम्हें बचा लूंगा। जब पानी का रंग बदलेगा तब नीचे उतर जाना, एक दूसरे को नीचे उतारने में मदद करना, तुम मरोगे नहीं, बल्कि कुछ बड़ा हासिल करोगे। इन बातों से साफ जाहिर होता है कि ललित को अपने पिता से इस बात के निर्देश मिल रहे थे कि क्या करना और कैसे करना है।

वहीं, इस मामले में परिवार के सदस्य दिनेश का कहना है कि यह आत्महत्या का मामला है। मैं मीडिया रिपोर्ट्स पर विश्वास नहीं करता। परिवार का संपर्क किसी बाबा से नहीं था। 11 पाइप को लेकर उन्होंने कहा कि ये वेंटिलेशन के लिए लगाए गए थे।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में अब तक की सबसे बड़ी सनसनीखेज घटना में बुराड़ी स्थित एक घर में रविवार सुबह एक ही परिवार के 11 लोग संदिग्ध हालात में मृत पाए गए थे। मृतकों में सात महिलाएं व चार पुरुष हैं, जिनमें दो नाबालिग हैं। एक महिला का शव रोशनदान से तो नौ लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले। एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला। नौ के हाथ-पैर व मुंह बंधे हुए थे और आंखों पर रुई रखकर पट्टी बांधी गई थी। बुराड़ी पुलिस ने परिजनों की आशंका पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। देर रात मेडिकल बोर्ड की निगरानी में चार शवों का पोस्टमार्टम हो चुका था। पुलिस के अनुसार, डॉक्टर प्रथम दृष्टया मौत का कारण आत्महत्या मान रहे हैं।

बुराड़ी-संत नगर मेन रोड से सटे संत नगर की गली नंबर दो में बुजुर्ग महिला नारायण का मकान है। इसमें वह दो बेटों भुवनेश व ललित, उनकी पत्नियों, पोते-पोतियों व विधवा बेटी संग रहती थीं। ये लोग मूलरूप से राजस्थान के निवासी थे और 22 साल पहले यहां आकर बसे थे।

बुजुर्ग महिला के तीसरे बेटे दिनेश सिविल कांटेक्टर हैं और राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। बुजुर्ग महिला के दोनों बेटों की भूतल पर एक परचून व दूसरी प्लाईवुड की दुकान है। ऊपर पहली व दूसरी मंजिल पर परिवार रहता था। रोज सुबह ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से सेवानिवृत्त तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निग वॉक पर जाते थे। उससे पहले शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे। रविवार सुबह दुकान नहीं खुली तो शर्मा दरवाजा खटखटाने गए, पर दरवाजा खुला था तो वह ऊपर चले गए।

ऊपर का दरवाजा भी खुला था। आगे जाने पर उनकी रूह कांप गई। बरामदे वाले हिस्से में दस लोगों के शव लटके थे, जबकि एक महिला का शव कमरे में पड़ा था। उन्होंने पड़ोसियों के अलावा पुलिस को सूचना दी। थोड़ी ही देर में दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त कानून व व्यवस्था उत्तरी संदीप गोयल, संयुक्त आयुक्त राजेश खुराना समेत कई जिलों के डीसीपी, एडिशनल डीसीपी समेत 22 इंस्पेक्टर व आठ एसीपी पहुंच गए। जिला पुलिस समेत क्राइम ब्रांच की 12 टीमें जांच कर रही हैं।

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