दिल्ली की संकरी गलियों में है पहली मुस्लिम ‘महिला शासक’ का मकबरा, जानें- कौन थी वह
रजिया सुल्तान शमशुद्दीन इल्तुतमिश की बेटी थी, जिन्होंने 1236 से 1240 तक दिल्ली की सल्तनत पर राज किया था।
By Edited By: Updated: Sun, 23 Sep 2018 03:32 PM (IST)
नई दिल्ली (किशन कुमार)। कभी दिल्ली के तख्त पर राज करने वाली एकमात्र महिला शासक रजिया सुल्तान का मकबरा पुरानी दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके की भोजला पहाड़ी के बुलबुली खाना में स्थित है। यहां देश-विदेश से सैलानी संकरी गलियों से होते हुए वीर महिला के मकबरे के दीदार के लिए पहुंचते हैं। रजिया सुल्तान शमशुद्दीन इल्तुतमिश की बेटी थी, जिन्होंने 1236 से 1240 तक दिल्ली की सल्तनत पर राज किया था। सन् 1240 में ही हरियाणा के कैथल में बहराम शाह से युद्ध करते हुए रजिया सुल्तान वीरगति को प्राप्त हो गई थी।
वह मुस्लिम व तुर्की के इतिहास में पहली महिला शासक थी, जो अपने शौर्य के लिए जानी जाती थी। कहा जाता है कि पर्दा प्रथा को त्याग करने वाली रजिया सुल्तान सैनिकों की तरह ही कोट व पगड़ी पहन कर अपने दरबार में जाती थी। मौलाना तौहीद ने बताया कि इस समय जहां पर रजिया सुल्तान का मकबरा है, वह सन् 1240 में उस समय दिल्ली के सबसे ऊंचे स्थानों में से एक था। इसलिए यहां पर रजिया सुल्तान का मकबरा बनाया गया था।
इसके बाद इस पहाड़ी पर कभी डाकू भोजला साथियों के साथ रहा करता था। उसकी मृत्यु के बाद इस पहाड़ी को भोजला पहाड़ी कहा जाने लगा। बाद में यहां की आबादी धीरे धीरे बढ़ती गई और यह मकबरा संकरी गलियों में आ गया।
रजिया सुल्तान के मकबरे के पास एक अन्य मकबरा और बना हुआ है। उसे बताया जाता है कि यह मकबरा उनके सलाहकार रहे याकूत का है। मौलाना ने बताया कि मकबरे को ढूंढ़ते हुए सैलानी यहां पहुंचते हैं। इसके साथ ही यहां पर स्कूल व कॉलेज के छात्र भी आते रहते हैं।
उन्हें यहां रजिया सुल्तान के इतिहास से रूबरू कराया जाता है। रजिया के मकबरे के पास दो अज्ञान बच्चों का भी मकबरा है। उनके बारे में कोई भी जानकारी नहीं है। मकबरे को पूरी तरह से भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया हुआ है। बताया जाता है कि विभाग से संबंधित कर्मचारी समय-समय पर यहां आकर मकबरे की स्थिति का जायजा लेते रहते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।