जानिए पुरानी दिल्ली के अपने घर में मृत पाई गई मुमताज परवीन का क्या है पाकिस्तान और मेरठ से नाता
पुरानी दिल्ली के अपने घर में मृत पाई गई मुमताज परवीन की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए थे। साल 1980 के आसपास मुमताज की शादी मेरठ के रहने वाले एक मौलाना से हुई थी। मुमताज ने नसबंदी करा ली तो पति ने तलाक दे दिया।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 12:27 PM (IST)
नई दिल्ली [धनंजय मिश्रा]। पुरानी दिल्ली के अपने घर में मृत पाई गई मुमताज परवीन की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए थे। साल 1980 के आसपास मुमताज की शादी मेरठ के रहने वाले एक मौलाना से हुई थी। उनकी एक बेटी व दो बेटे हुए थे। इसके बाद मुमताज ने नलबंदी करा ली तो पति ने तलाक दे दिया। इस वजह से वह अपने माता-पिता के घर पर रहने लगी। मुमताज के एक स्थानीय मुंहबोले भाई मोहम्मद सैफी ने बताया कि कुछ साल बाद उसकी शादी पाकिस्तान के एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता अब्दुल वहाब खान से हुई। ऐसे में वह कई बार पाकिस्तान गई। चूंकि पाकिस्तान में शादी हुई ऐसे में वहां की नागरिकता भी मिल गई।
कुछ समय बाद मेरठ में उनके घर पर कोई कार्यक्रम था तो वह पाकिस्तान से मेरठ आ गई। इस दौरान पाकिस्तान में उनके ससुराल वालों को पता चला कि मुमताज अब कभी मां नहीं बन पाएगी। ऐसे में अब्दुल वहाब ने दूसरी शादी करने का विचार बनाया। इससे मुमताज परेशान होने लगी थी। मेरठ से वह फिर पाकिस्तान गई। सैफी के मुताबिक वहां पर अब्दुल वहाब ने मुमताज से कहा कि वह तलाक नहीं देगा, लेकिन दूसरी शादी जरूर करेगा। कुछ समय बाद मेरठ में मुमताज के भाई की शादी थी।
ऐसे में 1992 के आसपास वह फिर पाकिस्तान से नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंची। यहां पर भाई उसे लेने के लिए आने वाले थे, लेकिन कार खराब होने के कारण वह एयरपोर्ट देर से पहुंचे। इस बीच एयरपोर्ट पर मुमताज की मुलाकात कामरान गौहर से हुई। कामरान पाकिस्तान के लाहौर का रहने वाला था और नकली नोटों की तस्करी व अन्य संदिग्ध गतिविधियों में भी शामिल था। कामरान ने थोड़ी देर में मुमताज से नजदीकियां बढ़ा ली। मुमताज ने अपने स्वजन से कामरान की जान पहचान करवाई थी। कामरान मुमताज के भाई की शादी में भी शामिल होने के लिए गया था।
पाकिस्तान से भारत में अवैध दाखिला जानकारी के मुताबिक कामरान अवैध तरीके से मुमताज के साथ दिल्ली में रहने लगा। चांदनी महल इलाके के छत्ती लाल मियां में एक मकान लिया, लेकिन दिल्ली पुलिस की स्पेशल को कामरान की अवैध गतिविधियों के बारे में पता चल गया था। स्पेशल सेल की टीम ने 1997 में मुमताज के घर पर छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली भारतीय रुपये बरामद किए थे। इसके साथ ही लाल किले में हुए ब्लास्ट में भी पूछताछ हुई थी, लेकिन कोई भूमिका न मिलने पर जाली नोट तस्करी और अवैध तरीके से भारत में रहने का केस दर्ज हुआ था। मामले में दोनों को 10-10 साल की जेल भी हुई थी। हालांकि मुमताज को स्वास्थ्य कारणों से जल्दी रिहा कर दिया गया था। कामरान की सजा पूरी होने के बाद उसे पाकिस्तान भेज दिया गया।
मां पर लोग आरोपों के सदमे आकर बेटी कर ली थी आत्महत्या जब मुमताज परवीन पर संदिग्ध गतिविधियों व नकली नोटों की तस्करी के आरोप लगे तो उसकी बेटी फरीदा सदमे आ गई। उसने मेरठ में ही आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद से मुमताज बीमार रहने लगी थी।
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