जानिए क्या था जितेंद्र गोगी को मारने के लिए जेल में रचा गया गैंगस्टरों का प्लान ए और बी
गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ने न सिर्फ पूरी योजना तैयार की थी बल्कि प्लान ए और बी भी तैयार किया था जिसमें हमलावरों के जज के सामने सरेंडर करने से लेकर फरार होने तक की स्कि्रप्ट लिखी गई थी। यही नहीं स्कि्रप्ट के मुताबिक सलाखों के पीछे से टिल्लू हमलावरों को आनलाइन निर्देश दे रहा था
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 27 Sep 2021 12:31 PM (IST)
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। गैंगस्टर जितेंद्र मान उर्फ गोगी की हत्या की सुनियोजित साजिश रची गई थी। यही नहीं इसके लिए गैंगस्टर सुनील मान उर्फ टिल्लू ने न सिर्फ पूरी योजना तैयार की थी, बल्कि प्लान ए और बी भी तैयार किया था, जिसमें हमलावरों के जज के सामने सरेंडर करने से लेकर फरार होने तक की स्कि्रप्ट लिखी गई थी। यही नहीं स्कि्रप्ट के मुताबिक सलाखों के पीछे से टिल्लू हमलावरों को आनलाइन निर्देश दे रहा था। सूत्र बताते हैं कि हमले के समय भी टिल्लू जयदीप और राहुल के साथ ही कोर्ट के बाहर खड़े अपने साथियों क संपर्क में था। उसके कहने पर ही कोर्ट के बाहर खड़े बदमाश कार लेकर फरार हुए थे।
सूत्रों के मुताबिक उमंग और विनय ने पूछताछ में जो जानकारी दी है, उससे दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी हक्के-बक्के रह गए हैं। दरअसल, गोगी को ठिकाने लगाने की योजना टिल्लू व उसके खेमें में शामिल कुख्यात नीरज बवाना, सुनील राठी, भावरिया, राहुल काला व नवीन बाली आदि गैंगस्टरों ने की थी। गोगी को कोर्ट रूम में ही मारने के लिए इन लोगों ने दो स्तर पर प्लान बनाया था। इसके तहत ही गोगी बदमाशों को हर पल निर्देश दे रहा था। हमलावरों की जान बचाने के लिए भी टिल्लू ने दो तरह के प्लान बनाए थे, हालांकि उसमें वह सफल नहीं रहा। बदमाशों पर कोई शक न करे, इसके लिए कार पर अधिवक्ता का स्टिकर भी बदमाशों ने लगाया था।
ये था प्लान 'ए'
गोगी के प्लान 'ए' के मुताबिक जयदीप और राहुल जाटव उर्फ नितिन को कोर्ट में गोगी की हत्या करने के बाद बाहर आना था। वहीं, उमंग और विनय से कार लेकर कोर्ट के बाहर खड़े रहने के लिए कहा गया था। इन दोनों को हमलावरों को कार में लेकर भागना था। इस बीच काले कोट पेंट में ही उसके जो अन्य साथी कोर्ट परिसर मंे मौजूद थे। उन्हें हवाई फायरिंग कर सुरक्षाकर्मियों को गुमराह करना था, ताकि हमलावर आसानी से भाग सकें।
ये था प्लान 'बी'
टिल्लू व उसके साथियों ने जयदीप और राहुल की जान बचाने के लिए प्लान बी भी तैयार किया था। इसके मुताबिक इन दोनों से कहा गया था कि यदि गोगी की हत्या के बाद भागना संभव न हो सके तो तत्काल हथियार फेंककर जज के सामने सरेंडर कर दें। हालांकि, दोनों हमलावरों को इस योजना को अंजाम देने का मौका नहीं मिला और सुरक्षाकर्मी की गोली का शिकार हो गए। इसकी सूचना जैसे ही टिल्लू को मिली। उसने तत्काल साथियों को कोर्ट से भाग जाने का निर्देश दिया और सभी वहां खिसक गए।
गैंगस्टर के आगे फेल रहा पुलिस का खुफिया तंत्र गोगी हत्याकांड से यह साफ हो गया है कि दिल्ली पुलिस की हाईटेक तकनीक को गैंगस्टर हर स्तर पर भेदने में कामयाब हो रहे हैं। यही नहीं पांच दिन तक टिल्लू और उसके साथी रोहिणी कोर्ट की रेकी करने के साथ ही वारदात को अंजाम देने की योजना पर काम करते रहे। इन्हें टिल्लू जेल से ही फोन पर दिशा-निर्देश देता रहा, लेकिन दिल्ली पुलिस के खुफिया नेटवर्क को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि हाई सिक्योरिटी सेल में बंद टिल्लू को मोबाइल कहां से मिला। इससे जेलकर्मी भी संदेह के घेरे में आ रहे हैं। यह अलग बात है कि हमलावरों को तत्काल मौत के घाट उतारने को लेकर दिल्ली पुलिस अपनी पीठ ठोक रही है।
गेट नंबर चार के बाहर भी खड़ा था शूटर टिल्लू जेल से घंटों लाइव आपरेशन चलाता रहा। उमंग व विनय से पूछताछ में पता चला कि राहुल व जयदीप जब कोर्ट के गेट नंबर चार पर पहुंचे तब पहले से वहां नेपाली मूल का टिल्लू का एक शूटर खड़ा था। तीनों साथ में कोर्ट परिसर में घुस गए। तीनों को छोड़कर उमंग और विनय कार लेकर कोर्ट की पार्किंग में चले गए। कुछ देर बाद नेपाली कोर्ट से लौटकर कार के पास आ गया। उसके कपड़े वकील की तरह नहीं दिख रहे थे, इसलिए उसे वापस भेज दिया गया था।
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