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Delhi Unlock-5 Guidelines: आज से करें विश्व के सबसे बड़े चरखे का दीदार

Charkha Museum in Connaught Placeयह चरखा 26 फीट लंबा 13 फीट ऊंचा और लगभग पांच टन वजन का बना हुआ है। इसमें उच्च कोटि की स्टेनलेस स्टील लगाई गई है। यह नौ मीटर लंबे और छह मीटर चौड़े खुले क्षेत्र में स्थापित किया गया है।

By JP YadavEdited By: Updated: Fri, 02 Oct 2020 01:19 PM (IST)
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कनॉट प्लेस स्थित रीगल सिनेमा के सामने बना चरखा संग्रहालय।

नई दिल्ली [राहुल सिंह]। Charkha Museum in Connaught Place: दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्लेस में बना चरखा संग्रहालय वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते पिछले छह महीनों से बंद पड़ा था, लेकिन अब लंबे समय से छाई यह शांति महात्मा गांधी की जयंती से दूर हो गई है। अनलॉक-5 में शुक्रवार से आम जनता के लिए यह संग्रहालय खोल दिया गया है, जिसमें आकर लोग बापू और उनके चरखे के बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले सकेंगे। लोग चरखे और महात्मा गांधी की प्रतिमा के साथ जमकर फोटो व सेल्फी भी ले सकेंगे।

बता दें कि कनॉट प्लेस स्थित रीगल सिनेमा के सामने बना चरखा संग्रहालय 24 मार्च से बंद था, जिसे लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही बंद कर दिया गया था। संग्रहालय के एक अधिकारी का कहना है कि इसे अब गांधी जयंती के मौके पर आम लोगों के लिए सुबह नौ बजे से खोल दिया जाएगा, जो देर शाम को बंद किया जाएगा। इस दौरान लोगों को शारीरिक दूरी के साथ प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारी हर किसी पर्यटक का मुंह व नाक पर मास्क लगा हुआ हो, इसकी जांच करेंगे। वहीं, पर्यटकों से कहा जाएगा कि वह संग्रहालय में लगी किसी भी वस्तु का ना छुएं। कोरोना संक्रमण के चलते यह निर्णय लिए गए हैं।

कनॉट प्लेस में लगा है विश्व का बड़ा चरखा

नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और खादी व ग्रामीण उद्योग आयोग (केवीआइसी) के संयुक्त प्रयास से 21 मई 2017 को कनॉट प्लेस में चरखा बनाया गया था। निगम का दावा है कि यह विश्व का सबसे बड़ा चरखा है। अधिकारियों की मानें तो यह चरखा 26 फीट लंबा, 13 फीट ऊंचा और लगभग पांच टन वजन का बना हुआ है। इसमें उच्च कोटि की स्टेनलेस स्टील लगाई गई है। यह नौ मीटर लंबे और छह मीटर चौड़े खुले क्षेत्र में स्थापित किया गया है।

20 रुपये की टिकट के साथ पर्यटकों को मिलता है रुमाल

चरखा संग्रहालय आए लोगों को 20 रुपये चुकाने होते हैं। वहीं, संग्रहालय के टिकट कर्मचारी लोगों को एक रुमाल उपहार में देते हैं, जो चरखे के बारे में लोगों को याद दिलाता है। इसके साथ ही यह संग्रहालय लोगों को हमेशा राष्ट्रवाद, स्वतंत्रता आंदोलन और स्वदेशी कपड़ा बुनाई के बारे में जानकारी देता है। यह चरखा मेक इन इंडिया को भी दर्शाता है।

चरखे की खासियत

  • गुजरात के अहमदाबाद में किया गया था तैयार
  • उच्च गुणवत्ता वाले 316 ग्रेड के स्टेनलेस स्टील का निर्माण में उपयोग
  • बरसात व धूप में नहीं होगा खराब, चमक हमेशा रहेगी बरकरार
  • 16 चक्र होंगे, लिपटी होगी सूत की रस्सी, मोटर से चलाया जाएगा

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