Move to Jagran APP

जानिये- कौन है मांगेराम, जिसके एक बयान और राकेश टिकैत के आंसू से बदल दिया पूरा माहौल

बताया जा रहा है कि मांगेराम ने ही सबसे पहले भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का नाम मंच से लिया। राकेश टिकैत को लगा कि उनके साथ धोखा हो रहा है। वह भावुक हुए और रोते हुए फांसी लगा लेने तक की चेतावनी दे डाली।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 09:55 AM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 06:08 PM (IST)
खुद राकेश टिकैत इस पर मान गए थे कि उन्हें धरना खत्म कर देना है।

नई दिल्ली/गाजियाबाद। यूपी गेट पर किसानों के प्रदर्शन के बीच बृहस्पतिवार को देर शाम आखिर ऐसा क्या हुआ था कि किसानों का धरना समाप्त होते-होते रह गया। स्थानीय प्रशासन की सख्ती की तैयारी पूरी थी और भाकियू के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी धरना खत्म करने के लिए पूरी तरह तैयार हो गए थे, लेकिन अचानक माहौल बदल गया। प्रशासन की ओर से की जा रही कार्रवाई में शामिल एक वरिष्ठ अफसर के मुताबिक, खुद राकेश टिकैत इस पर मान गए थे कि उन्हें धरना खत्म कर देना है, लेकिन बुलंदशहर से आए एक समर्थक मांगेराम ने यह बात फैला दी कि राकेश टिकैत की जबरन गिरफ्तारी हो रही है और भाजपा के स्थानीय विधायक अपने समर्थकों के साथ धरना स्थल पर हैं। वह (विधायक) समर्थकों को भाकियू कार्यकर्ताओं पर हमला करने के लिए उकसा रहे हैं। इस गलत सूचना के बाद टिकैत के तेवर बदल गए और उन्होंने धरना स्थल पर डटे रहने का एलान कर दिया। 

Indian Railway : UP-बिहार समेत 5 राज्‍यों के रेल यात्रियों के लिए जरूरी खबर, 50 से ज्‍यादा ट्रेनें फरवरी में कैंसिल, देखें पूरी लिस्‍ट

एक बयान ने बदल दिया पूरा माहौल

बताया जा रहा है कि मांगेराम ने ही सबसे पहले भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का नाम मंच से लिया। राकेश टिकैत को लगा कि उनके साथ धोखा हो रहा है। वह भावुक हुए और रोते हुए फांसी लगा लेने तक की चेतावनी दे डाली। मौके पर मौजूद मीडिया और यूट्यूबर के माध्यम से रोते राकेश टिकैत का वीडियो वायरल हुआ तो कुछ ही देर में किसान संगठनों ने आंदोलनकारियों से दोबारा यूपी गेट पर पहुंचने की अपील शुरू कर दी।

बसों के बारे में पूछा था

भाकियू पर धरना खत्म करने के लिए दबाव बनाने के प्रयासों में शामिल अफसर के मुताबिक गणतंत्र दिवस पर लाल किले के घटनाक्रम के बाद किसान संगठनों द्वारा एक-एक करके आंदोलन से नाम पीछे लेने और धरना स्थल पर भीड़ कम होने के चलते नरेश टिकैत बुधवार रात ही मुजफ्फरनगर रवाना हो गए थे। उन्हें सख्ती का अहसास था, इसलिए उन्होंने राकेश को यूपी गेट पर धरना स्थल खाली करने की सलाह दी और सिंघु बॉर्डर पर जाने को कहा। इस पर राकेश टिकैत भी इसकी भूमिका सुबह से ही बनाने लगे थे। बृहस्पतिवार शाम को गाजियाबाद जिला प्रशासन के अधिकारी राकेश टिकैत के कैंप में पहुंचे तो उन्होंने धरना खत्म करने पर हामी भर दी। उन्होंने समर्थकों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए वाहनों की व्यवस्था के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि 50 बसें मौजूद हैं। टेंट उखाड़ने के लिए उन्होंने खुद एक दिन की मांग की, जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया। वह यह भी चाहते थे कि प्रशासन उन्हें ज्यादा गंभीर धाराओं में गिरफ्तार करे, ताकि उन्हें समर्थकों के बीच सम्मानजनक विदाई मिले। सब कुछ प्रशासन के मुताबिक चल रहा था, ऐसे में अधिकारियों ने इसकी सूचना शासन तक भी पहुंचा दी। तभी मांगेराम का घटनाक्रम हो गया।

 ये भी पढ़ेंः  Delhi Weather Forecast: दिल्ली-एनसीआर में अगले सप्ताह होगी बारिश, सोमवार से बदलेगा मौसम

Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.