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जानिए कौन है सफूरा जरगर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कार्रवाई से फिर चर्चा में आई

Safoora Zargar दिल्ली के नामी विश्वविद्यालय के एक्शन के बाद एक बार फिर से यहां की पूर्व छात्रा सफूरा जरगर चर्चा में हैं। यहां पर आपको बताना जरूरी है कि सफूरा जरगर साल 2020 में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी है।

By Prateek KumarEdited By: Updated: Sat, 17 Sep 2022 06:45 PM (IST)
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Safoora Zargar : जामिया मिल्लिया इस्लामिया परिसर में सफूरा जरगर का प्रवेश प्रतिबंधित।
नई दिल्ली [अरविंद द्विवेदी]। Safoora Zargar : दिल्ली के नामी विश्वविद्यालय के एक्शन के बाद एक बार फिर से यहां की पूर्व छात्रा सफूरा जरगर चर्चा में हैं। यहां पर आपको बताना जरूरी है कि सफूरा जरगर साल 2020 में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी है। आरोप है कि वह दंगों की शुरुआत करने वाले साजिशकर्ताओं में से एक है। सफूरा जामिया की एमफिल की पूर्व की छात्रा है, जिसे दोबारा एडमिशन नहीं दिया गया। हालांकि अब वो जामिया की छात्रा नहीं है।

क्यों चर्चा में आई सफूरा जरगर

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने पूर्व छात्रा सफूरा जरगर के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। सफूरा जरगर यहां से एमफिल कर रही थी लेकिन शोध प्रबंध समय पर जमा न करने के कारण उसका एमफिल प्रवेश 26 अगस्त को रद कर दिया गया था।

क्या है इन पर आरोप

विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर की ओर से 14 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि सफूरा जरगर अपने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए विश्वविद्यालय व यहां के छात्र-छात्राओं को मंच के रूप में इस्तेमाल कर रही थी। सफूरा अप्रासंगिक व विवादित मुद्दों पर बार-बार मार्च, धरना, प्रदर्शन आदि करती है जिसकी वजह से संस्थान का शिक्षा का शांतिपूर्ण माहौल दूषित होता है। इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी बाधित होती है। इस कारण परिसर में उसका प्रवेश तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया गया है।

परिसर का माहौल खराब करने पर यूनिवर्सिटी खफा

आदेश में कहा गया है कि सफूरा जरगर कुछ अन्य छात्रों के साथ मिलकर परिसर के शांतिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण को बिगाड़ने के लिए अप्रासंगिक और आपत्तिजनक मुद्दों पर अक्सर परिसर में आंदोलन, विरोध प्रदर्शन व मार्च आयोजित किया है। इसमें उनके साथ ज्यादातर बाहरी लोग शामिल होते हैं। वह विश्वविद्यालय के निर्दोष छात्रों को भी इसमें शामिल होने के लिए उकसाती है। इससे विश्वविद्यालय में तनाव का माहौल बनता है।

दिल्ली दंगे मामले में हो चुकी है गिरफ्तारी 

गौरतलब है कि सफूरा जरगर को दिल्ली दंगों के सिलसिले में अप्रैल 2020 में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। गर्भवती होने के कारण उसे मानवीय आधार पर जून 2020 में कोर्ट से जमानत मिल गई थी। विश्विद्यालय प्रशासन ने सफूरा के साथ आंदोलन में शामिल होने के लिए पूर्व छात्र दानिश, मोहम्मद मुबस्सिर बदर खान समेत कुछ अन्य पूर्व छात्रों का भी प्रवेश प्रतिबंधित किया है।

यह भी जानें

  • शोध प्रबंध जमा न करने पर एमफिल का प्रवेश अगस्त में ही किया जा चुका था रद्द
  • दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए बिगाड़ रही थी माहौल: विश्वविद्यालय
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