Move to Jagran APP

जानिये- क्यों बिहार के सुपौल में 5 लोगों की आत्महत्या से नहीं की जा सकती बुराड़ी कांड की तुलना

Supaul Bihar Suicide Case v/s Burari Mass Suicide Case मिश्रीलाल साह ने परिवार के साथ आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या की जबकि बुराड़ी में अंधविश्वास के चलते 11 लोगों ने आत्म हत्या की। वहीं मिश्रीलाल साह की तुलना में चुणावत परिवार आर्थिक रूप से बहुत संपन्न था।

By Jp YadavEdited By: Updated: Sat, 13 Mar 2021 05:32 PM (IST)
Hero Image
मिश्रीलाल साह की तरह बुराड़ी का चुणावत परिवार गरीब नहीं था, बल्कि संपन्न था।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। बिहार के सुपौल जिले में एक ही परिवार के 5 लोगों की आत्महत्या सुर्खियों में है।जिले के राघोपुर थाना क्षेत्र के गद्दी गांव में मिश्री लाल साह ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ घर में आत्महत्या कर ली। दंपती समेत परिवार के सभी लोगों को शव घर के अंदर एक ही कमरे में फंदे से झूलते मिले। इनमें मिश्रीलाल साह (52), पत्नी रेणु देवी (44), बेटी रोशन कुमारी (15), बेटा ललन कुमार (14) और बेटी फुल कुमारी (8) शामिल थे। इसमें सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि परिवार के सभी लोगों ने मरने से पहले नए कपड़े पहने थे और अच्छा खाना भी खाया था। ऐसे में मामले के सामने आते ही बिहार के सुपौल सामूहिक आत्महत्या की तुलना 30 जून-01 जुलाई, 2018 की रात हुए दिल्ली के बुराड़ी कांड से होने लगी। 

जानकारों की मानें तो दिल्ली के बुराड़ी कांड की तुलना सुपौल के गांव गद्दी के 5 लोगों की आत्महत्या से नहीं की जा सकती है। दरअसल, जो जानकारी मिल रही है उसके हिसाब से मिश्रीलाल साह ने परिवार के साथ आर्थिक तंगी की वजह से आत्महत्या की, जबकि बुराड़ी में अंधविश्वास के चलते 10 लोगों ने ललित चुणावत के कहने से आत्महत्या की। इसमें 11वां शख्स खुद ललित था, जो फांसी के फंदे पर लटका मिला। वहीं, मिश्रीलाल साह की तरह बुराड़ी का चुणावत परिवार गरीब नहीं था, बल्कि संपन्न था। 

  • मिश्रलाल का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था, जबकि दिल्ली के बुराड़ी का चुणावत परिवार आर्थिक नजरिये से संपन्न था।
  • आत्महत्या के रोज मिश्रीलाल साह के परिवार के सभी सदस्यों ने अच्छे कपड़े पहने थे और अच्छा खाना खाया था। संभव है वह कुछ देर पहले खुश थे और फिर अचानक किसी बात पर फांसी लगाने का निर्णय लिया हो।
  • चुणावत परिवार के कई सदस्य पढ़े-लिखे थे, जबकि मिश्रीलाल साह के परिवार की शिक्षा-दीक्षा सामान्य थी।
  • चुणावत परिवार ललित के बहकावे में था। ललित ने कर्मकांड के बहाने से सबके अपने वश में कर रखा था। वह परिवार के सभी सदस्यों पर हुकुम चलाता था।
  • यूं तो दो हादसों की तुलना हो ही नहीं सकती है, लेकिन दिल्ली के बुराड़ी कांड के कुछ रहस्य ऐसे हैं, जिन्हें दिल्ली पुलिस आज भी नहीं सुलझा पाई है।
  • जहां दिल्ली पुलिस इस मामले को आत्महत्या मान रही है, वहीं परिवार के सदस्य दिनेश चुणावात यह दावा करते हैं कि उनके परिवार ने सामूहिक आत्महत्या नहीं की, इससे पीछे हत्या का मामला जुड़ा है। 
यह है दिल्ली का पूरा बुराड़ी कांड

01 जुलाई, 2018 को दिल्ली का बुराड़ी इलाका देश-दुनिया चर्चा में आ गया था। सुबह जानकारी मिली कि दिल्ली के बुराड़ी स्थित संत नगर इलाके में एक ही परिवार के 11 लोगों की आत्महत्या कर ली। आत्महत्या करने वालों में 7 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल थे। इनमें 78 साल की बुजुर्ग महिला के साथ 2 नाबालिग भी। इनमें से एक लड़की की तो कुछ महीनों बाद शादी होने वाली थी और उसकी सगाई में पूरा परिवार झूमकर नाचा भी था। जब पुलिस घर के अंदर पहुंची तो सभी 10 लोगों के शव ग्रिल से लटके मिले थे। इसके अलावा एक बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था। आत्महत्या करने वालों में ज्यादातर लोगों के गले में चुन्नी बंधी हुई थी। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस आत्महत्या में परिवार के सभी 11 लोगों जाने-अनजाने शामिल थे। जांच आगे बढ़ी तो सबसे बड़ा कारण अंधविश्वास मिला।  

यह था पूरा मामला

01 जुलाई की सुबह संत नगर की गली नंबर दो के एक घर में सात महिलाओं और  चार पुरुषों के शव मिले थे। इनमें 2 नाबालिग भी थे। इस में एक महिला का शव रोशनदान से, जबकि बाकी 9 लोगों के शव छत से लगी लोहे की ग्रिल से चुन्नी व साड़ियों से लटके मिले थे। घर की मुखिया बुजुर्ग महिला का शव जमीन पर पड़ा मिला था था।  9 लोगों के बंधे हाथ-पैर व मुंह और आंखों पर रुई रखकर पट्टी ने कई रहस्य पैदा किए जो अब भी रहस्य ही हैं।

चुणावत परिवार मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला था। तकरीबन 22 साल पहले परिवार दिल्ली आया और यहीं का होकर रह गया। कारोबार भी यहीं शुरू किया। घर की मुखिया महिला के जिंदा तीसरे बेटे दिनेश राजस्थान के चित्ताैड़गढ़ में रहते हैं। 

ऐसे हुआ खुलासा

30 जून की रात फुटबॉल वर्ल्ड कप का फाइनल था और लोग मैच देखने में व्यस्त थे। बता दें कि ललित घर के सामने रहने वाले दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड तारा प्रसाद शर्मा के साथ मार्निंग वॉक पर जाते थे। इससे पहले पहले तारा प्रशास शर्मा ललित की दुकान से दूध लेते थे, जो बेहद करीब थी। 1 जुलाई की सुबह दुकान न खुलने पर ताराचंज शर्मा घर गए दरवाजा खुला था और ऊपर के कमरे में चले गए। ऊपर का दरवाजा भी खुला था। कमरे में जो देखा तो वह पूरी तरह हिल गए। रामदे वाले हिस्से में 10  लोगों के शव लटके थे, जबकि बुजुर्ग महिला का शव कमरे में पड़ा था।

इन 11 लोगों ने थी आत्महत्या

बुराड़ी आत्महत्या मामले में 11 लोगों ने आत्महत्या की थी। मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है। भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले थे। इनमें प्रियंका की जून महीने ही सगाई हुई थी और दिसंबर, 2018 में उसकी शादी होनी थी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।