जानें क्यों दिल्ली के कालकाजी मंदिर में Navratri पर जुटती है भीड़
नवरात्रि के शुरू होते ही सभी के चेहरे पर ऐसी चमक आ जाती है तो आइये जानते हैं कि इस कालकाजी मंदिर में नवरात्रों के दिन भीड़ जुटती है।
नई दिल्ली जेएनएन। नवरात्रि के शुरू होते ही सभी के चेहरे पर ऐसी चमक आ जाती है जिसे देखकर किसी पर्व होने का एहसास होता है और भला ऐसा हो भी क्यों ना। इस फेस्टिवल को पूरे देश में एक पर्व के तौर पर 9 दिनों तक मनाया जाता है। 29 सितंबर से शुरू हुए नवरात्रि के लिए भक्त एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। ऐसे समय पूरे 9 दिनों तक देवी मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है।
प्रत्येक दिन का मां के अलग-अलग अवतारों की पूजा कर भक्त अपनी आस्था प्रकट करते हैं। इस खास दिन दिल्ली के सभी मंदिरों में भीड़भाड़ देखने को मिलती है। दिल्ली में वसै तो कई मंदिर है जहां पर श्रद्धालु पूजा पाठ करने लिए जाते है्ं, लेकिन दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है कालकाजी मंदिर। इस मंदिर को देखने के लिए दिल्ली से बाहर के लोग भी देखने के लिए आते हैं। या कहें कि दूसरे राज्य में अगर लोगों को किसी मंदिर के बारे में पता है तो वह है दिल्ली का कालकाजी मंदिर। तो आइये जानते हैं कि दिल्ली में नवरात्रों के दिनों पर काफी संख्या में भीड़ कालकाजी मंदिर पर ही क्योंं जुटती है।
मेट्रो को मिली सहूलियत
कालकाजी मंदिर मोदी मिल के पास है। ऐसे में पहले यहां पर सिर्फ गोविंद पूरी मेट्रो स्टेशन ही जाती थी, लेकिन मेट्रो के सीधे वहां पहुंचने पर भी लोगों को काफी सुविधा हुई है। अब लोग सीधे कालकाजी मंदिर मेट्रो स्टेशन पर उतरते हैं। इससे लोगों को राहत मिली है। मेट्रो का फायदा यह हुआ कि सभी लोगों को हुआ। यह मंदिर दिल्ली के कमल मंदिर और इस्कान मंदिर के नजदीक है। जिससे भक्त इन दोनों मंदिर को देखने के लिए भी खींचे चले आते हैं।
कालकाजी मंदिर का लंबा इतिहास
कहा जाता है कि पिछले 3,000 वर्षों से पूराना यह मंदिर है। लोककथाओं के अनुसार, मंदिर का सबसे पुराना हिस्सा 1764 ई में बनाया गया था। माना जाता है कि 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में मराठा शासकों द्वारा मंदिर कालका मंदिर का निर्माण किया गया था। माना जाता है कि कालकाजी मंदिर महाभारत के समय से बच गया था। लोककथाओं के अनुसार, पांडवों और कौरवों ने युधिष्ठिर के शासनकाल के दौरान कालका देवी की पूजा की थी। इसके बाद ऐसा माना जाता है कि मराठों की 1738 लड़ाई के दौरान मुगलों ने कालका मंदिर को लूटा। इसके बाद 1816 में राजा केदारनाथ सम्राट अकबर ने कालकाज मंदिर की मूल संरचना में कुछ बदलाव किए। ऐसी प्रचलित प्रथाओं को जानने के बाद भी इस मंदिर में हर साल भक्त जुटते हैं।
दिल्ली में फेमस हैं केवल ये तीन मंदिर
दिल्ली में कालकाजी मंदिर के साथ छत्तरपुर मंदिर और झंडेवालान मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इन तीनों मंदिरों में भक्त काफी संख्या में जुटते हैं। अगर दिल्ली में आप मंदिर के बारे में जानने की कोशिश करेंगे तो यही तीन मंदिर की लिस्ट आपके सामने आएगी। इन तीनों मंदिर के अलावा आस-पास कई मंदिर हैं, लेकिन वहां पर इतनी भीड़ नहीं होती है। जितनी की इन तीनों मंदिर में होती है। दिल्ली के कालकाजी मंदिर में भीड़ इकट्ठी होने की एक वजह मानी जाती है कि यह मंदिर काफी बड़ा है और तीनों मंदिर में ज्यादा लोकप्रिय है।
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