जानें- चंद्र ग्रहण में भी क्यों खुला रहा दिल्ली का कालकाजी मंदिर, महंत ने बताई बड़ी वजह
कालकाजी मंदिर भक्तों के लिए खुला रहा। सामान्य दिनों की तरह लोगों ने रात में 12 बजे तक दर्शन किए।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 01:47 PM (IST)
नई दिल्ली (जेएनएन)। चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक काल लगने के बाद जहां सभी मंदिरों के कपाट बंद हो गए थे, वहीं दिल्ली का कालकाजी मंदिर भक्तों के लिए खुला रहा। सामान्य दिनों की तरह लोगों ने रात में 12 बजे तक दर्शन किए। इस दौरान अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने बताया कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण सभी मंदिरों के कपाट सूतक के समय से ग्रहण के मोक्ष काल तक बंद रहते हैं, लेकिन सिद्धपीठ कालकाजी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए सूतक और ग्रहण काल के दौरान भी रात में 12 बजे तक खुले रहे।महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत की मानें तो 12 राशियां और नौ ग्रह स्वयं मां के भवन में विराजमान हैं, जो मां के पुत्रों के रूप में यहां रहते हैं। मां कालका स्वयं काल की स्वामिनी हैं।
ऐसे में चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के कपाट बंद नहीं किए गए। उन्होंने बताया कि 104 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है, जो सबसे लंबे चंद्र ग्रहण के रूप में देखा गया। चंद्र ग्रहण की अवधि 235 मिनट की थी।
यहां पर बता दें कि चंद्र ग्रहण की अवधि शुक्रवार रात में 11: 54 से शनिवार सुबह 3:49 बजे तक रही। सूतक काल शुक्रवार दोपहर बाद 2:54 बजे से शुरू हुआ था।दिल्ली-एनसीआर में बदली के चलते लोग नहीं देख पाए चंद्र ग्रहण
बता दें कि शुक्रवार की रात को 21वीं सदी के सबसे बड़े चद्रग्रहण को उत्तर भारत के कई हिस्सों में नहीं देखा जा सका। दिल्ली-एनसीआर में खराब मौसम के चलते कई जगह चांद साफ नहीं दिख सका। लेकिन देश के कई इलाकों में लोगों ने चंद्र ग्रहण के दौरान चांद के अनोखे आकार का दीदार किया। 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण
27 जुलाई की रात को 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण देखा गया। यह एक ऐतिहासिक नज़ारा था। चंद्रग्रहण के दौरान चांद ने धीरे-धीरे अपना रंग बदला। भारत में करीब देर रात एक बजे पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू हुआ, इस दौरान चांद पूरी तरह लाल हो गया। चंद्रग्रहण की वजह से देश के कई बड़े मंदिरों को बंद कर दिया गया था। शनिवार सुबह चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं। देश के कई बड़े मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है। वहीं, दिल्ली का कालकाजी मंदिर भक्तों के लिए खुला रहा।
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27 जुलाई की रात को 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण देखा गया। यह एक ऐतिहासिक नज़ारा था। चंद्रग्रहण के दौरान चांद ने धीरे-धीरे अपना रंग बदला। भारत में करीब देर रात एक बजे पूर्ण चंद्रग्रहण शुरू हुआ, इस दौरान चांद पूरी तरह लाल हो गया। चंद्रग्रहण की वजह से देश के कई बड़े मंदिरों को बंद कर दिया गया था। शनिवार सुबह चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद मंदिरों के कपाट खोल दिए गए हैं। देश के कई बड़े मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया है। वहीं, दिल्ली का कालकाजी मंदिर भक्तों के लिए खुला रहा।