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जानिए राकेश टिकैत ने क्यों कहा कोरोना एक बार मारेगा मगर ये तिल-तिल मारेंगे?

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत से बहुत खुश हैं। भीड़ को देखते हुए अब उनको उम्मीद जगी है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए या किसानों से बातचीत करने के लिए फिर से कुछ करेगी।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 06 Sep 2021 04:45 PM (IST)
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राकेश टिकैत के आवाहन पर कई जनपदों के किसान इस महापंचायत में शामिल हुए।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रविवार को मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत से बहुत खुश हैं। भीड़ को देखते हुए अब उनको उम्मीद जगी है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए या किसानों से बातचीत करने के लिए फिर से कुछ करेगी। राकेश टिकैत के आवाहन पर कई जनपदों के किसान इस महापंचायत में शामिल हुए।

आलम ये हो गया कि शहर का ट्रैफिक अस्त व्यस्त हो गया, ये भी कहा गया कि किसानों की संख्या इतनी अधिक हो गई थी कि उनको मैदान से बाहर खड़ा होना पड़ा। महापंचायत में भीड़ को दिखाने के लिए ड्रोन आदि से फोटो भी ली गई और उसे ट्वीट करके किसान महापंचायत को बहुत कामयाब भी बताया गया।

राकेश टिकैत महापंचायत में जमा हुई भीड़ को देखकर काफी गदगद नजर आए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद राकेश टिकैत ने तस्वीरों के माध्यम से इस कार्यक्रम की समीक्षा की, रविवार को कार्यक्रम की कवरेज और अन्य तस्वीरों को उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया एकाउंट ट्विटर पर ट्वीट किया, इसी के साथ उन्होंने लिखा कि भीड़तंत्र ही लोकतंत्र में सबसे बड़ा हथियार है “कोरोना से ज्यादा खतरनाक है सरकार के कानून, कोरोना एक बार मारेगा ये तिल- तिल मारेंगे”।

इससे पहले किसान महापंचायत खत्म होने पर उन्होंने एक और ट्वीट किया था जिसमें लिखा था कि जम्मू- कश्मीर से लेकर केरल तक के 20 लाख किसानों ने मुजफ्फरनगर पहुँच कर तानाशाह सरकार को एक बार फिर सर्टिफिकेट दे दिया जिन्हें वह मुठ्ठी भर किसान कहती है वह पूरे देश के किसान हैं। तीनों कृषि कानूनों को वापस न लिए जाने पर टिकैत केंद्र सरकार को ही आड़े हाथों लेते रहते हैं। मालूम हो कि 9 माह से किसान दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसके कारण लाखों वाहन चालक रोजाना परेशान हो रहे हैं, इसके अलावा इन धरना स्थलों के आसपास हजारों की संख्या में लोगों के कामकाज आदि पर भी प्रभाव पड़ रहा है। वो भी इन चीजों से काफी दुखी और परेशान है।

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