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Doctors Strike in Delhi: डॉक्टरों की तीसरे दिन भी हड़ताल जारी, फोर्डा की घोषणा के बाद दो धड़ों में बंटे डॉक्टर

स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात करने वाले फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के आरडीए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। इस कारण डॉक्टर दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के हड़ताल खत्म करने की घोषणा के बावजूद बुधवार को तीसरे दिन जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी रही।

By uday jagtap Edited By: Geetarjun Updated: Wed, 14 Aug 2024 09:44 PM (IST)
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राम मनोहर लोहिया अस्पताल में तीसरे दिन भी हड़ताल पर बैठे डाक्टर धरना प्रदर्शन हुए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के हड़ताल खत्म करने की घोषणा के बावजूद बुधवार को तीसरे दिन जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल जारी रही। फोर्डा के मंगलवार रात किए एलान के बाद डॉक्टर दो धड़ों में बंटे नजर आ रहे हैं। कुछ अस्पतालों में हड़ताल खत्म कर दी गई है। अधिकतर अस्पतालों में जारी है।

वहीं, बुधवार शाम को रेजिडेंट डॉक्टर्स की बैठक के बाद जीटीबी और यूसीएमएस की आरडीए ने फिर से हड़ताल की घोषणा कर दी है। उन्होंने कोलकाता वाले मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी और केंद्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा कानून बनाने की मांग की है। हड़ताल के दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी, वार्ड व नियमित सेवाएं बाधित रहेंगी

आरडीए अध्यक्ष पद से छोड़ा पद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलने वाले फोर्डा के अध्यक्ष डॉ. अविरल माथुर को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा है। फोर्डा के अध्यक्ष के तौर पर भी उनका विरोध हो रहा है। उनके स्थान पर डॉ. अपर्णा सेतिया मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आरडीए की अध्यक्ष बनाई गई हैं।

देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या के विरोध में देशभर के डॉक्टर हड़ताल कर रहे हैं। दो दिन से जारी हड़ताल के बाद फोर्डा के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।

डॉक्टर नहीं हैं खुश

मुलाकात के बाद उन्होंने हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया था, लेकिन फोर्डा के निर्णय से सभी डॉक्टर खुश नहीं हैं। पहले मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा की थी। लेकिन, बुधवार को नाटकीय घटनाक्रम के बाद डॉ. अविरल माथुर ने अपने दायित्व नवीन पदाधिकारियों को सौंप दिए।

उन्होंने जारी पत्र में कहा, दो वर्षों से अधिक समय तक मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रहने वालों की सेवा करने के बाद, हम अपने वर्तमान पद नई टीम को सौंप रहे हैं। डॉ. अपर्णा सेतिया नई अध्यक्ष होंगी और नई टीम का विवरण कार्यालय में प्रस्तुत करेंगी।

कॉलेज की नई आरडीए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सुबह नौ बजे आम सभा की बैठक बुलाई गई थी। इसमें निर्णय लिया गया है कि एमएएमसी के वरिष्ठ रेजिडेंट और पीजी छात्र अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि आधिकारिक पोर्टल से प्रस्तावित समयसीमा के साथ डॉक्टर्स के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के कार्यान्वयन का लिखित आश्वासन दिया जाना चाहिए।

पीड़िता के स्वजन को पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए। डॉ. अर्पणा सेतिया ने कहा, डॉक्टर्स का डा. अविरल से वैचारिक टकराव हो रहा था। उन्होंने चार्ज हैंडओवर कर दिया है। शुक्रवार को एक बैठक बुलाई गई है और उसमें हड़ताल को लेकर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।

कई डॉक्टर्स का कहना है कि हडताल और रेजिडेंट डॉक्टर्स को एकजुट रखने की कमान अब रेजिडेंट डॉक्टर्स के एक अन्य संगठन फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआइएमए) ने संभाल ली है।

एफएआईएमए के राष्ट्रीय सलाहकार डॉ. मनीष जांगड़ा ने कहा, जो अस्पताल हड़ताल से बाहर हुए हैं, उनसे बात की जा रही है। एक डॉक्टर 36 घंटे ड्यूटी पर थी। उसकी निर्मम हत्या कर दी गई। बेटियों को ऐसे सुरक्षित तो नहीं रखा जा सकता। जब तक सेंटर प्रोटक्शन एक्ट लागू नहीं होगा, हड़ताल जारी रहेगी।

सफदरजंग अस्पताल का के आरडीए के महासचिव डॉ. आयुष राज ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के साथ फोर्डा की जो भी बातचीत हुई, उसको लेकर फोर्डा ने सभी अस्पतालों के आरडीए के साथ जीबीएम (जनरल बाडी मीटिंग) नहीं की। किसी को विश्वास में नहीं लिया। सेंट्रल हेल्थ केयर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग को लेकर सरकार द्वारा कोई लिखित भरोसा नहीं दिया गया। कोलकाता में जूनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर की जिस तरह से बर्बर हत्या हुई है उससे देश भर के डॉक्टर्स में आक्रोश है।

इस वजह से हड़ताल जारी रखी गई है। एम्स आरडीए के अध्यक्ष डा. इंद्र शेखर का कहना है कि सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन एक्ट के लिए पहले भी आश्वासन मिला था। लेकिन, बात आश्वासन से आगे नहीं बढ़ी। सरकार गारंटी दे और सेंट्रल हेल्थकेयर प्रोटेक्शन बिल संसद में लाकर पास कराकर कानून बनाने की समय सीमा निर्धारित करें। तब हड़ताल वापस ली जाएगी।

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