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शिक्षक दिवस पर आचार्य चाणक्य के कथन के साथ इस अंदाज में कुमार विश्वास ने दी शुभकामनाएं

आज 5 सितंबर है और शिक्षक दिवस भी है। पूरे देश में आज लोग अपने गुरूओं को याद करते हैं और उनको नमम करते हैं। इन स्कूली गुरूओं के अलावा भी कुछ लोग ऐसे लोगों को भी याद करते हैं जिनसे उनको कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Sun, 05 Sep 2021 12:01 PM (IST)
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शिक्षक दिवस के मौके पर कवि कुमार विश्वास ने आचार्य चाणक्य को याद किया।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। आज 5 सितंबर है और शिक्षक दिवस भी है। पूरे देश में आज लोग अपने गुरूओं को याद करते हैं और उनको नमम करते हैं। इन स्कूली गुरूओं के अलावा भी कुछ लोग ऐसे लोगों को भी याद करते हैं जिनसे उनको कुछ न कुछ सीखने को मिलता है वो उनके स्कूल-कालेज के गुरू के इतर जीवन की सच्चाईओं से रूबरु कराने वाले भी हो सकते हैं। देश का इतिहास गुरू और शिष्य की परंपराओं से भरा पड़ा है।

एकलव्य का आज भी उदाहरण दिया जाता है जिन्होंने अपने गुरू को गुरूदक्षिणा के तौर पर अपना अंगूठा ही काटकर दे दिया था। इतिहास में ऐसे दर्जनों उदाहरण मौजूद हैं और ऐसे सैकड़ों गुरूओं के नाम दर्ज हैं जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उनकी कही गई बातें आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी उस समय हुआ करती थीं। इन्हीं में आचार्य चाणक्य का भी नाम शुमार है।

आज शिक्षक दिवस के मौके पर देश के जाने-माने कवि कुमार विश्वास ने भी आचार्य चाणक्य को याद किया। उन्होंने अपने इंटरनेट मीडिया हैंडल ट्विटर पर आचार्य चाणक्य की दो लाइनें ट्वीट करते हुए शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि मुझे चिंता या भीख की आवश्यकता नहीं धननंद ! मैं शिक्षक हूँ ,यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मैं स्वयँ कर लूँगा ! (महाकवि प्रसाद के नाटक ‘चंद्रगुप्त’ में विश्व-आचार्य चाणक्य का कथन) #TeachersDay #शिक्षक_दिवस।

इसके अलावा अन्य कई लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर शुभकामनाएं देते हुए अपने गुरूओं को याद किया। कुछ स्कूल-कालेजों में स्टूडेंट्स ने इस मौके पर अपने शिक्षकों को उपहार दिए और इस दिन को यादगार बनाया। कुछ स्कूल-कालेदों में इस मौके पर खास तरह के कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।

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