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Delhi News: जीटीबी अस्पताल में एक्स-रे की फिल्म का अभाव, मोबाइल पर दी जा रही मरीजों को रिपोर्ट

दिल्ली के जीटीबी अस्पताल के कमरा नंबर-46 में प्रतिदिन 600 से अधिक एक्स-रे भी होते हैं। सूत्रों से पता चला कि अस्पताल में बीते दो महीनों से एक्स-रे की फिल्म का अभाव चल रहा है। मरीजों को उनके स्मार्टफोन पर फोटो खींचकर एक्स-रे की रिपोर्ट दी जा रही है। इसकी वजह से स्मार्टफोन नहीं चलाने वाले मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है।

By Nikhil Pathak Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Thu, 09 May 2024 08:16 AM (IST)
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एक्स-रे की फिल्म का अभाव, मोबाइल पर दी जा रही मरीजों को रिपोर्ट

निखिल पाठक, पूर्वी दिल्ली। दिलशाद गार्डन स्थित गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में एक्स-रे की फिल्म के अभाव से मरीजों व चिकित्सकों की परेशानियां बढ़ गई हैं। मरीजों को उनके स्मार्टफोन पर फोटो खींचकर एक्स-रे की रिपोर्ट दी जा रही है। इसकी वजह से स्मार्टफोन नहीं चलाने वाले मरीजों को अधिक परेशानी हो रही है।

वहीं, एक्स-रे की फिल्म की कमी से चिकित्सकों को भी मरीज का इलाज करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में अस्पताल के मीडिया प्रवक्ता डॉ. रजत झाम्ब से पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

कमरा नंबर-46 में रोजाना होते हैं 600 से अधिक एक्स-रे

अस्पताल में प्रतिदिन तीन-चार हजार की ओपीडी होती है। अस्पताल के कमरा नंबर-46 में प्रतिदिन 600 से अधिक एक्स-रे भी होते हैं। सूत्रों से पता चला कि अस्पताल में बीते दो महीनों से एक्स-रे की फिल्म का अभाव चल रहा है।

सुंदर नगरी से आईं रेशमा ने बताया कि 15 दिन पहले उनका साढ़े तीन साल का बेटा उमर बक्से के ऊपर से गिर गया था। जिससे उसके कूल्हे और पैर में चोट लग गई थी। जीटीबी की इमरजेंसी में दिखाया। एक्स-रे कराने के बाद रिपोर्ट मोबाइल पर ही मिली थी।

बुधवार को वह अपनी भतीजी अनाया का एक्स-रे कराने आयी थीं। तब भी रिपोर्ट मिलने की स्थिति समान थी। कमरा नंबर 46 में मौजूद एक महिला कर्मचारी ने बताया कि अस्पताल में कुछ महीनों से एक्स-रे की फिल्म नहीं आ रही है।

इसी वजह से इमरजेंसी वाले मरीजों को उनके फोन पर कुछ घंटों बाद रिपोर्ट दी जा रही है। बाकी मरीजों को तीन दिन बाद रिपोर्ट लेने के लिए कहा जाता है। तीसरे दिन भी फिल्म नहीं दी जाती, केवल कागज पर रिपोर्ट लिखकर दी जा रही है।

चिकित्सकों को भी इलाज करने में हो रही दिक्कत

वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि एक्स-रे फिल्म नहीं होने से जिस मरीज के पास स्मार्टफोन नहीं, उसके पास रिपोर्ट नहीं होती है। ऐसे में उनकी बीमारी का पता लगाना व इलाज करना मुश्किल होता है।

फिल्म में मरीज की बीमारी का आसानी से पता चल जाता है, जबकि हाथ से लिखी रिपोर्ट उतनी सटीक नहीं होती है। हड्डियों के चिकित्सक ने बताया कि जो मरीज वार्ड में भर्ती हैं और तीमारदार के फोन में उनकी रिपोर्ट है। यदि वह तीमारदार कहीं आवश्यक काम से बाहर चला जाता है तो चिकित्सक उसकी रिपोर्ट देख ही नहीं सकते हैं।