दिल्ली हाई कोर्ट में होगी ललित मोदी की संपत्ति के विवाद की सुनवाई
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने ललित मोदी की मां डॉक्टर बीना मोदी और बहन चारू मोदी व भाई समीर मोदी की अपील मंजूर करते हुए एकल पीठ को सुनवाई का निर्देश दिया। ट्रस्ट की अचल संपत्ति और उससे जुड़ी डीड पर भारतीय कानून लागू हैं।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पारिवारिक सदस्यों के साथ चल रहे संपत्ति विवाद से जुड़े इंडियन प्रिमियर लीग (आइपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी के मामले की सुनवाई दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने ललित मोदी की मां डॉक्टर बीना मोदी और बहन चारू मोदी व भाई समीर मोदी की अपील मंजूर करते हुए एकल पीठ को सुनवाई का निर्देश दिया।
पीठ ने एकल पीठ से कहा कि वह ललित मोदी की मां और भाई-बहन की अर्जी पर कानून के मुताबिक फिर से सुनवाई शुरू करे। ललित की मां व भाई-बहन ने अर्जी दाखिल करके मांग की है कि ललित को पिता की संपत्ति के एक बड़े हिस्से को बेचने के लिए विदेशी जमीन पर प्रक्रिया शुरू करने से रोका जाए। पीठ ने इसके साथ ही तीन मार्च को दिए गए एकल पीठ के फैसले को भी निरस्त कर दिया।
एकल पीठ ने बीना, चारू और समीर की याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाओं पर सुनवाई का आधार नहीं है। दो सदस्यीय पीठ ने एकल पीठ के फैसले पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की कि अदालत की जिम्मेदारी है कि वह केस के तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर आर्बिट्रेशन अग्रीमेंट की वैधानिकता को देखे। आर्बिट्रेशन एग्रीनमेंट की वैधानिकता से जुड़े सवाल की जांच दूसरे देश के आर्बिट्रेटर के हाथों छोड़ने की बजाए कोर्ट को खुद जांच करनी चाहिए थी।
पीठ ने स्पष्ट किया कि सभी पक्षकार भारतीय हैं और ऐसे में इस विवाद का निपटारा करने का अधिकार भारत की अदालत को है। पीठ ने कहा कि ट्रस्ट की अचल संपत्ति और उससे जुड़ी डीड पर भारतीय कानून लागू हैं। उसने एकल पीठ को मामले में कानून के मुताबिक फिर से सुनवाई शुरू करने का निर्देश देते हुए रजिस्ट्री को आठ जनवरी को संबंधित न्यायमूर्ति के सामने मामले को सूचीबद्ध करने को कहा। यह पूरा मामला ललित मोदी व उनके परिवारवालों के बीच केके मोदी फैमिली ट्रस्ट की संपत्ति से जुड़ा है।
ललित ने इस ट्रस्ट की संपत्ति को बेचने के लिए प्रक्रिया तेज करने की मांग के साथ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में आपात आवेदन दाखिल किया है। विदेश में समझौते की मांग का विरोध करते हुए उनकी मां बीना और बहन चारू मोदी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इस प्रक्रिया पर राेक लगाने की मांग की है। उनकी दलील है कि संबंधित ट्रस्ट पर इंडियन ट्रस्ट्स एक्ट- 1882 लागू होता है और संबंधित कार्यालय नई दिल्ली के महारानी बाग में है।
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