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शिक्षिका लक्ष्मी की कक्षा में इतिहास को वर्तमान में जीकर पढ़ते हैं विद्यार्थी

लक्ष्मी ने इस बात पर खुशी जताते हुए दिल्ली सरकार प्रधानाचार्या प्रेमलता गर्ग शिक्षक प्रमुख सुहासिनी खुशिन्दर का आभार प्रकट किया। लक्ष्मी ने बताया कि इतिहास कुछ बच्चों को बहुत बोरिंग विषय लगता है इसलिए वह उसे रोचक बनाकर पढ़ाती हैं।

By Neel RajputEdited By: Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:35 AM (IST)
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श्रेष्ठ विहार स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल की शिक्षिका जी लक्ष्मी नेगी होंगी दिल्ली राज्य पुरस्कार से सम्मानित
नई दिल्ली [रितु राणा]। श्रेष्ठ विहार स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल की शिक्षिका जी लक्ष्मी नेगी को इस वर्ष दिल्ली राज्य पुरस्कार (पीजीटी श्रेणी ) मिलने जा रहा है। लक्ष्मी पिछले 21 वर्षों से इसी स्कूल में इतिहास पढ़ा रही हैं। वह शुरू के कुछ वर्ष टीजीटी रही, बाद में पीजीट पद पर उनकी पदोन्नति हो गई। वह रचनात्मक, अभिनव व रोचक तरीके की शिक्षण शैली अपनाकर बच्चों को पढ़ाई से बांधे रखती हैं। इसी शिक्षण शैली के लिए उन्हें यह पुरस्कार मिलने जा रहा है।     

लक्ष्मी ने इस बात पर खुशी जताते हुए दिल्ली सरकार, प्रधानाचार्या प्रेमलता गर्ग, शिक्षक प्रमुख सुहासिनी खुशिन्दर का आभार प्रकट किया। लक्ष्मी ने बताया कि इतिहास कुछ बच्चों को बहुत बोरिंग विषय लगता है, इसलिए वह उसे रोचक बनाकर पढ़ाती हैं। उन्होंने बताया कि इतिहास सिर्फ भूतकाल ही नहीं, वह वर्तमान व भविष्य की भी जरूरत है।

कक्षा में अगर लक्ष्मी को महात्मा गांधी के बारे में पढ़ाना है तो वह गांधी के किरदार पर बनी फिल्मों के माध्यम से बच्चों को गांधी के विचार व आदर्शों के बारे में बताती हैं। ऐसे ही हड़प्पा सभ्यता पर पढ़ाना होता है तो वह पहले बच्चों को नेशनल म्यूजियम ले जाती हैं। वहीं, आजादी व भारत पाकिस्तान के बंटवारे के विषय में पढ़ाना होता है तो वह बच्चों को सलाह देती हैं कि वह घर जाकर किसी बड़े बुजुर्ग जिन्होंने बंटवारे का समय देखा है उनसे भी जाकर समझें। इस तरह से वह बच्चों को हर विषय प्रैक्टिकल माध्यम से समझाती हैं।

नाटक, पॉइंट प्रेजेंटेशन व प्रश्नोत्तरी के माध्यम से इतिहास को बनाया रोचक

लक्ष्मी ने बताया कि वह अपनी हर कक्षा के बाद बच्चों से एक पेपर पर उनकी प्रतिक्रिया भी लेती हैं कि उन्हें कक्षा में क्या अच्छा लगा और क्या बदलाव किया जा सकता है। इसके अलावा हर विषय को नाटक, पॉइंट प्रेजेंटेशन व प्रश्नोत्तरी के माध्यम से रोचक बनाकर पढ़ाती हैं, ऐसे बच्चे ज्यादा समझते हैं। उन्होंने बताया कि हर वर्ष उनके बच्चों को परीक्षा परिणाम भी अच्छा रहता है। इस वर्ष भी एक बच्चे के इतिहास में शत प्रतिशत अंक आए। इस बार 40 बच्चे थे उनमें से 21 ने 90 से अधिक अंक प्राप्त किये।

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