Delhi Crime: एटीएम तोड़ने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार, ऐसे देता था घटना को अंजाम
दिल्ली पुलिस को एटीएम तोड़कर रुपये लूटनेवाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। आरोपी नियामत अंतरराज्यीय गिरोह का सरगना था जिसे दिल्ली के मोतीबाग से मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया। वह बड़े ही शातिर तरीके से एटीएम में लूट को अंजाम देता था। हाल ही में 20 फरवरी को उसने भरूच में एटीएम लूट की वारदात को अंजाम दिया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एटीएम तोड़कर रुपये लूटने वाले मेवात के एक अंतरराज्यीय गिरोह के सरगना नियामत को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया है। इसकी गिरफ्तारी से स्पेशल सेल ने गुजरात और महाराष्ट्र में एटीएम तोड़ने के दो मामले सुलझाने का दावा गया है।
आरोपी की पहचान नियामत के तौर पर हुई है। यह घोषित अपराधी है। वह एटीएम तोड़ने के सात मामलों में शामिल रहा है। देश के कई राज्यों में जाकर यह एटीएम तोड़कर रुपये लूटने की वारदात को अंजाम देता था। इसके पास से एक कारतूस, प्वाइंट 32 बोर की अर्ध स्वचालित पिस्टल व क्रेटा कार बरामद की गई है।
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डीसीपी आलोक कुमार के मुताबिक इंस्पेक्टर रंजीत सिंह, संजीव कुमार व सतविंदर की टीम ने दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों से एटीएम तोड़ने वाले बदमाश नियामत को गिरफ्तार किया। वह गांव रायपुरी, नूंह, हरियाणा का रहने वाला है। उसे गुरुवार को उस समय दबोच लिया गया, जब अपने अगले लक्ष्य के लिए एटीएम की रेकी करने मोतीबाग जा रहा था।
मोतीबाग में मुठभेड़ के बाद नियामत गिरफ्तार
दिल्ली में एटीएम तोड़ने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए स्पेशल सेल को गिरोह के बदमाशों के बारे में पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पुलिस टीम ने कई माह तक छानबीन के बाद नियामत को मोतीबाग में मुठभेड़ के बाद दबोच लिया। पुलिस का कहना है कि गिरोह के सदस्य कम रोशनी वाले और बिना सुरक्षा गार्ड वाले एटीएम बूथों की पहचान कर पहले रेकी करते थे, फिर एटीएम के अंदर घुसते ही सीसीटीवी कैमरों पर काला रंग छिड़क देते थे।फेस मास्क या मंकी कैप का करते थे इस्तेमाल
एटीएम में घुसने के दौरान वे पहचान छुपाने के लिए फेस मास्क या मंकी कैप पहन लेते थे। इसके बाद गैस कटर की मदद से मशीन को काटकर नकदी लूट लेते थे। वारदात के लिए गिरोह के सदस्य लूट या चोरी की कारों जैसे क्रेटा, स्कॉर्पियो आदि का उपयोग करते थे। अपराध करने के दौरान वाहन पर फर्जी नंबर प्लेट भी लगा देते थे।
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