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प्‍यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं तेंदुए, अरावली में गहराया जल संकट

अरावली पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में पानी की काफी कमी हो चुकी है, ऐसे में तेंदुए पानी की तलाश में रिहायसी इलाकों में प्रवेश्‍ा कर रहे हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 27 Mar 2018 09:43 AM (IST)
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प्‍यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं तेंदुए, अरावली में गहराया जल संकट

गुरुग्राम [ आदित्य राज ] । पिछले एक सप्ताह के दौरान बंधवाड़ी एवं मानेसर इलाके में जोहड़ के नजदीक दिखाई दिए तेंदुओं से प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। बताया जाता है कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के अधिकतर इलाकों में पानी की काफी कमी हो चुकी है, ऐसे में तेंदुए पानी की तलाश में रिहायसी इलाकों में प्रवेश्‍ा कर रहे हैं। 

अभी गर्मी की तपिश ठीक से बढ़ी भी नहीं है कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र में पानी की कमी की समस्या गहराने लगी है। इस वजह से प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों में वन्य जीवों के आने की आशंका बढऩे लगी है। इलाके में पानी की कमी होने का प्रमाण है एक सप्ताह के भीतर बंधवाड़ी के साथ ही मानेसर स्थित जोहड़ में प्यास बुझाने के लिए तेंदुओं का पहुंच रहे हैं। वन्य क्षेत्र से बाहर तेंदुए या अन्य कोई वन्य जीव अपनी भूख मिटाने या प्यास बुझाने के लिए ही आते हैं।

पिछले कुछ वर्षों से अरावली पहाड़ी क्षेत्र में गर्मी के दौरान पानी की कमी की समस्या पैदा हो जाती है। वैसे अमूमन मई एवं जून के दौरान पानी की विशेष रूप से कमी होती है लेकिन इस बार एक महीने पहले से ही समस्या दिखाई देने लगी है।

इसे देखते हुए वन विभाग की वन्य जीव शाखा ने भी अभी से ही क्षेत्र में पानी की व्यवस्था करने के ऊपर ध्यान देना शुरू कर दिया है। हालांकि व्यवस्था करने का दावा पिछले वर्ष भी किया गया था लेकिन इसके बाद भी कई बार वन्य जीवों के रिहायशी इलाकों में पहुंचने की शिकायत सामने आई।

यहां तक कि आइएमटी मानेसर स्थित मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के प्लांट में भी एक तेंदुआ प्रवेश कर गया था। बता दें कि अरावली पहाड़ी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बंधवाड़ी, दमदमा, रायसीना, भोंडसी, वजीराबाद, मानेसर, मंडावर सहित कई इलाकों में काफी संख्या में वन्य जीव हैं।

वन्य जीवों में सबसे अधिक संख्या तेंदुओं की है। इसके अलावा लकड़बग्गा, हिरण, गीदड़, खरगोश, नीलगाय आदि वन्य जीव भी अच्छी संख्या में हैं।

बंधवाड़ी एवं मानेसर में दिखाई दिए तेंदुए

पिछले सप्ताह बंधवाड़ी के नजदीक रात लगभग दस बजे के दौरान एक तेंदुआ पानी पीता हुआ दिखाई दिया। स्थानीय निवासी राजकुमार ने बताया कि पानी पीते हुए दो लोगों ने अपनी आंखों से देखा। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पिछले साल भी तेंदुए अपनी प्यास बुझाने के लिए पहुंचे थे लेकिन मई एवं जून के दौरान।

इस बार अभी से ही आने लगे हैं। इससे लगता है कि इलाके में पानी की कमी हो गई है। इसी तरह मानेसर स्थित जोहड़ में तीन-चार दिन पहले एक तेंदुआ पानी पीने के लिए पहुंचा। बताया जाता है कि जोहड़ में हमेशा पानी आसपास के लोग भरवा देते हैं ताकि वन्य जीव आकर अपनी प्यास बुझा सकें।

पर्यावरण कार्यकर्ता प्रो. केके यादव का कहना है कि तेंदुए या अन्य कोई वन्य जीव यदि मार्च के महीने में ही अपनी प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों के नजदीक पहुंचने लगे हैं तो इससे साफ है कि क्षेत्र में पानी की भारी कमी हो चुकी है। वन विभाग की वन्य जीव शाखा को अब मार्च से ही जगह-जगह पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। बारिश कम होने की वजह से क्षेत्र में अधिक पानी जमा नहीं हो पाता है।

मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) विनोद कुमार का कहना है कि पूरे अरावली पहाड़ी क्षेत्र के जिन-जिन इलाकों में वन्य जीव रहते हैं, उन इलाकों में पानी की व्यवस्था करने के ऊपर ध्यान दिया जा रहा है। वन्य जीव अपनी प्यास बुझाने के लिए रिहायशी इलाकों में न पहुंचें, इसके लिए हर स्तर पर व्यवस्था की जाएगी।

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