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दिल्ली में बॉलीवुड एक्टर राजेश खन्ना उर्फ काका के कई घरों की दिलचस्प कहानियां

काका दिल्ली में तीन-चार घरों में रहे। शुरुआती दिनों में डीपीएस आरके पुरम के सामने संगम सिनेमा के पास सोम विहार अपार्टमेंट में मशहूर ब्यूटीशियन वंदना लूथरा के फ्लैट में रहे। फ्लैट काफी आलीशान था वरना राजेश खन्ना बड़े बंगले में रहने के आदी थे।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Sun, 18 Jul 2021 09:31 AM (IST)
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कितना भी बड़ा दिग्गज हो, दिल्ली हर किसी को आकर्षित करती है।
नई दिल्‍ली, विष्णु शर्मा। कितना भी बड़ा दिग्गज हो, दिल्ली हर किसी को आकर्षित करती है। अमिताभ बच्चन से गांधी परिवार के रिश्ते बिगड़े, तो जवाब में उतारे गए थे राजेश खन्ना उर्फ काका राजीव और काका, दोनों ही अमिताभ से खफा थे। काका को चाहिए थी ठाणो सीट, लेकिन राजीव गांधी ने उन्हें नई दिल्ली सीट पर आडवाणी जी के सामने उतार दिया, 1589 वोट से हार गए, लेकिन अगले ही साल 1992 में शत्रुघ्न सिन्हा को हराकर सांसद बन गए थे, 1996 में फिर जगमोहन ने उन्हें हरा दिया था। तीन चुनाव लड़ चुके काका, अब राज्यसभा मांगने लगे लेकिन कांग्रेस ने मौका ही नहीं दिया। राजीव गांधी की मौत पर उनकी पहली प्रतिक्रिया सच ही साबित हुई, ‘मेरा भगवान चला गया’ एक दिन पहले राजीव-सोनिया ने काका के लिए जो वोट डाला था, वह तस्वीर उन दोनों की आखिरी तस्वीर बन गई।

पूरी दिल्ली में काका की यादें बिखरी पड़ी हैं : काका दिल्ली में तीन-चार घरों में रहे। शुरुआती दिनों में डीपीएस आरके पुरम के सामने संगम सिनेमा के पास सोम विहार अपार्टमेंट में मशहूर ब्यूटीशियन वंदना लूथरा के फ्लैट में रहे। फ्लैट काफी आलीशान था, वरना राजेश खन्ना बड़े बंगले में रहने के आदी थे। उसके बाद वो वसंत कुंज के एक फ्लैट में रहे। काका को सरकारी घर मिला 1992 में जीत के बाद, आडवाणी जी ने गांधीनगर सीट रखी और नई दिल्ली छोड़ दी। सांसद बनते ही काका ने 81, लोधी एस्टेट बंगला ‘कब्जा’ लिया। 25 सितंबर 1992 को पायनीयर ने एक फ्रंट पेज स्टोरी की कि कैसे काका के निजी सचिव दिनेश सिंह ने लोधी एस्टेट के इस बंगले पर अनाधिकारिक रूप से कब्जा कर लिया था।

बाद में इस खबर को मेनका गांधी की सूर्या मैगजीन और संघ से जुड़े आर्गनाइजर अखबार ने भी जमकर उछाला। लेकिन काका की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ा। दरअसल पहली बार सांसद बनने के नाते राजेश खन्ना को इतना बड़ा बंगला आवंटित नहीं होना था। लेकिन टाइप फोर के घर उन्हें पसंद नहीं थे। काका ने मीडिया की खबरों को कोई तवज्जो नहीं दी और राव सरकार इसी बात से खुश थी कि काका ने प्रतिष्ठित नई दिल्ली सीट उन्हें दिलवा दी थी। दिलचस्प बात थी कि ये बंगला पहले उन्हीं हेमवती नंदन बहुगुणा का निवास था, जिनको कभी अमिताभ बच्चन ने इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हराया था। इसी घर में आरके नारायण भी रहे थे। डिंपल की दिल्ली एंट्री भी दिलचस्प है, जब शत्रुघ्न सिन्हा लगातार पत्नी पूनम को साथ लेकर कैंपेनिंग कर रहे थे, तो ये मैसेज जा रहा था कि काका पारिवारिक व्यक्ति नहीं हैं, उनकी पत्नी-बेटियां प्रचार नहीं कर रहीं। काका भी सफाई दे रहे थे डिंपल बीमार मां के साथ लंदन में हैं, आखिरकार आर के धवन ने डिंपल को फोन किया, काका ने भी किया, तब आईं। और काका के पूरे परिवार का कार की छत पर बैठकर प्रचार करना काम आ गया।

अचानक लोधी कालोनी की स्लम बस्ती में पहुंचे : एक रात काका अचानक लोधी कालोनी की स्लम बस्ती में जा पहुंचे, दरअसल उन्होंने अपनी मेड की बहन की बाईपास सर्जरी करवाई थी। डाक्टर ने तीन महीने का बेड रेस्ट बताया तो काका ने छह महीने का राशन पैक करवाया और उसके घर देने पहुंच गए। लेकिन काका का एक दूसरा रूप भी था, सुपरस्टार का, साउथ दिल्ली के डीसीपी के खिलाफ तो पीएम तक पहुंच गए। डीसीपी को उन्होंने फोन करके कहा कि उनके करीबी के अवैध निर्माण को तोड़ने जा रही टीम के साथ पुलिस ना भेजी जाए। डीसीपी ने मानने से मना किया तो पीएम आवास जा पहुंचे। बाद में भी उस अधिकारी के ट्रांसफर की कोशिश में लगे रहे। ऐसी कई कहानियां यासिर उस्मान और गौतम चिंतामणि ने अपनी किताबों में समेटी हैं।

दिल्ली में जगमोहन से हार के बाद राजेश खन्ना सर्वप्रिय विहार के 6/14 नंबर के अपार्टमेंट में किराए पर रहने लगे थे। कई साल वो राज्यसभा की टिकट के लिए दिल्ली आते और कई दिनों तक रहते। उनकी बालकनी से एक पार्क दिखता था, एक दिन दिल्ली की मंत्री किरण वालिया को शिकायत की कि जब बारिश होती है, तो लोगों को उस पार्क में छुपने के लिए जगह नहीं मिलती, वहां छुपने के लिए शेड्स और वाक वेज बनवाए जाएं। हालांकि इस मुद्दे को लेकर नगर निगम और दिल्ली विकास प्राधिकरण तब आमने सामने आ गए थे। 2012 में उस पार्क का नाम ही राजेश खन्ना के नाम पर करने का ऐलान हुआ।

2018 में साउथ एमसीडी ने लाजपत नगर में एक पार्क का नाम राजेश खन्ना के नाम पर कर दिया, उद्घाटन खुद डिंपल कपाड़िया ने किया और श्रेय नरेश जुनेजा को भी था, जिनके वसंत कुंज के अपार्टमेंट में भी काका रहे थे। दिल्ली में उनका अपना एक ग्रुप बन गया था, जिनमें से एक थे विपिन ओबेराय। जो चाणक्यपुरी में जीसस एंड मेरी कालेज के पास ‘ट्रीट’ नाम का एक वैन रेस्तरां चलाते हैं जिसमें काका के ही फोटो देखेंगे, काका के ही गाने सुनेंगे। इसके लांच पर काका खुद मौजूद थे। कांग्रेस सेवादल ने अपने म्यूजिकल बैंड की परफार्मेस दी थी। काका की जयंती, पुण्यतिथि पर यहां गरीबों को खाना मुफ्त मिलता है।

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