दिल्ली में एलजी सक्सेना के दो साल पूरे, कहा- चुनौतियों से रहे भरे; केजरीवाल से टकराव को लेकर कही ये बातें
पिछले दिनों दिल्ली आबकारी नीति में मनी लांन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल के तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान भी वह आम आदमी पार्टी के निशाने पर रहे थे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सक्सेना पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिनको कारपोरेट जगत से जुड़े होने के बावजूद दिल्ली का एलजी बनाया गया था। खादी को एक ग्लोबल ब्रैंड बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दो साल पहले 26 मई, 2022 को पदभार संभाला था। 22वें उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभालने वाले सक्सेना ने दो साल पूरे होने पर रविवार को ''एक्स'' पर एक पोस्ट साझा की। एलजी सक्सेना ने कहा कि जब से मैंने पदभार संभाला है, तब से यह दो साल उनके लिए चुनौतियों से भरे रहे हैं।
एलजी ने इन दो सालों का जिक्र करते हुए कहा कि अलग-अलग कारणों की वजह से शहर पीछे की तरफ गया है बावजूद इसके हम बहुत कुछ हासिल भी कर सके हैं। एलजी ने अपनी पोस्ट में दिल्ली सरकार के बीच चले आ रहे टकराव का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया है, लेकिन उनका इशारा दिल्ली की चुनी हुई सरकार के साथ बरकरार टकराव की तरफ रहा।
'बहुत कुछ सही करने की जरूरत: एलजी
उन्होंने कहा कि इन दो सालों में बहुत कुछ ऐसा रहा जो कि रूक गया। अभी बहुत कुछ ऐसा है जिसको सही करने की जरूरत है। उन्होंने दिल्ली के लोगों के प्रति भी आभार जताते हुए कहा कि वो उनके प्यार, स्नेह और समर्थन के लिए तहे दिल से धन्यवाद देते हैं।गौरतलब है कि सक्सेना के एलजी का पदभार संभालने के बाद से ही केजरीवाल सरकार और राजनिवास के बीच कई मुद्दों पर टकराव की स्थिति बनी रही है। कई बार यह खुलकर सामने आ चुकी है। खासकर दिल्ली सरकार में कार्यरत अधिकारियों के नियुक्ति- तबादले मामले में दोनों के बीच खींचतान बनी रही है। दोनों के टकराव का बड़ा मुद्दा सर्विसेज मैटर का रहा है। फरिश्ते योजना को लेकर भी राजनिवास-सरकर के बीच खींचतान बनी थी। इसके अलावा भी कई ऐसे मुद्दे रहे जिनमें दोनों आमने-सामने रहे हैं।
कार्पोरेट जगत से होने के बावजूद बने एलजी
पिछले दिनों दिल्ली आबकारी नीति में मनी लांन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल के तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान भी वह आम आदमी पार्टी के निशाने पर रहे थे। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सक्सेना पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिनको कारपोरेट जगत से जुड़े होने के बावजूद दिल्ली का एलजी बनाया गया था। खादी को एक ग्लोबल ब्रैंड बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।अक्टूबर 2015 में सक्सेना केवीआईसी के चेयरमैन नियुक्त हुए थे, जहां उन्होंने खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्रों में कई तरह की नई स्ट्रीम पर काम किया था। भारतीय कारपोरेट और सामाजिक क्षेत्र में उनके करीब तीन दशकों से ज्यादा लंबे अनुभव के चलते दिल्ली के एलजी की कमान सौंपी गई थी।ये भी पढ़ें- लोकसभा चुनाव के बाद दिल्ली में क्या होंगे ये अहम चुनाव! 4 जून के नतीजों से तय होगी राह
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