'दिल्ली में पहली बार सड़कों पर नहीं, मस्जिदों में पढ़ी गई नमाज', ईद के मौके पर एलजी सक्सेना ने दी बधाई
एलजी वीके सक्सेना ने बृहस्पतिवार को दिल्ली वासियों को ईद-उल-फितर की बधाई दी। साथ ही कहा कि इस साल दिल्ली की सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा। इससे साफ है कि आपसी चर्चा और सद्भावना से सभी मसलों का हल निकाला जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि समुदाय ने नमाज के अलग-अलग समय के उनके सुझाव का स्वागत किया।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने बृहस्पतिवार को दिल्ली वासियों को ईद-उल-फितर की बधाई दी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल दिल्ली की सड़कों पर नमाज नहीं पढ़ी गई, शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा। इससे साफ है कि आपसी चर्चा और सद्भावना से सभी मसलों का हल निकाला जा सकता है।
उन्होंने यह भी बताया कि समुदाय ने नमाज के अलग-अलग समय के उनके सुझाव का स्वागत किया और भरोसा दिलाया था कि इसे लागू किया जाएगा।
एक्स पर मुबारकबाद देते हुए देते हुए सक्सेना ने लिखा, ''ईद-उल-फ़ितर की बधाइयों को दोहराते हुए मैं दिल्ली की तमाम मस्जिदों व ईदगाहों के इमामों और हमारे सभी मुसलमान भाईयों का मस्जिद परिसरों के अंदर ही नमाज़ अदा करने के लिये दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।''
इतिहास में पहली बार लोग मस्जिदों में पढ़ी नमाज: LG
उन्होंने आगे लिखा, ''दिल्ली के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ है कि लोगों ने पूरी तरह से मस्जिदों-ईदगाहों के भीतर ही नमाज़ पढ़ी, न कि सड़कों पर। ऐसा कर के आज दिल्ली ने देश के लिए सौहार्द और सहास्तित्व की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है।''
उन्होंने बताया, ''अलहदा (अलग-अलग समय), पर मस्जिद परिसर के अंदर ही नमाज आयोजित और अदा कर हमारे इमामों और मुस्लिम भाईयों ने सुनिश्चित किया कि सड़कों पर आवाजाही प्रभावित न हो। किसी प्रकार की अप्रिय घटना न घटे और आम लोगों को कोई परेशानी न हो।''
दिल्ली के इमामों ने मेरे सुझाव माने: LG
इससे पहले की तैयारियो के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा, ''विगत चार अप्रैल को दिल्ली के अनेक इमामों के साथ बैठक में मैने इस बाबत चर्चा और अपील की थी। समुदाय ने अलग अलग समय पर नमाज के मेरे सुझाव का स्वागत करते हुए इस पर अमल करने का भरोसा दिया था।''
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