LG सक्सेना ने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए लिया बड़ा फैसला, नौकरियों में शैक्षणिक योग्यता में मिली छूट
राजनिवास अधिकारियों के अनुसार शैक्षणिक योग्यता में मिली छूट का निर्णय प्रक्रियात्मक देरी और असंवेदनशील लालफीताशाही के कारण दशकों से लंबित उम्मीदवारों के एक बड़े समूह को नौकरी पाने में सक्षम बनाएगा और उनके लिए रोजगार सुरक्षित करेगा। एलजी की मंजूरी के साथ एमटीएस पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी 10वीं कक्षा से घटाकर आठवीं कक्षा कर दी गई है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। एलजी वीके सक्सेना ने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों की नौकरियों में भर्ती के लिए शैक्षणिक योग्यता में छूट को मंजूरी दे दी है। सिख दंगे के 40 वर्षों के बाद, दंगा पीड़ितों के प्रति न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में लिया गया यह महत्वपूर्ण और सहानुभूतिपूर्ण निर्णय है।
राजनिवास अधिकारियों के अनुसार यह निर्णय, प्रक्रियात्मक देरी और असंवेदनशील लालफीताशाही के कारण, दशकों से लंबित उम्मीदवारों के एक बड़े समूह को नौकरी पाने में सक्षम बनाएगा और उनके लिए रोजगार सुरक्षित करेगा। एलजी की मंजूरी के साथ एमटीएस पद के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी 10वीं कक्षा से घटाकर आठवीं कक्षा कर दी गई है।
पीड़ितों की वित्तीय कठिनाइयों को कम करना उद्देश्य
सक्सेना ने दंगा पीड़ितों की पीड़ा और लंबे संघर्ष को स्वीकारते हुए, संबंधित विभागों को मानवीय आधार पर मृतक या वृद्ध आवेदकों के बच्चों को रोजगार प्रदान करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है। इस पहल का उद्देश्य प्रभावित परिवारों की वित्तीय कठिनाइयों को कम करना है।भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा पर एक दाग: एलजी
एलजी ने फाइल में मंजूरी देते हुए लिखा, "1984 के सिख विरोधी दंगे भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा पर एक बदनुमा दाग हैं। इस दौरान मानवाधिकारों को ताक पर रखते हुए एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय पर भयानक अत्याचार किए गए थे। दंगों ने कई परिवारों को प्रभावित किया था और परिवार में अकेले कमाने वालों की जान ले ली गई थी। मैं, इसके ऐतिहासिक संदर्भ और प्रभावित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता को समझता हूं।"
पीड़ितों ने कई कष्ट और कठिनाइयां झेली: एलजी
उन्होंने लिखा- 1984 के दंगों के पीड़ितों द्वारा कई कष्ट और कठिनाइयां झेली गईं। पिछले चार दशकों से कुछ परिवारों को राहत नहीं मिली है, जिसके लिए मानवीय दृष्टिकोण की आवश्यकता है। हालांकि, कोई भी राहत प्रियजनों के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती है और पीड़ितों के परिवारों द्वारा झेले गए दुख और दर्द को कम नहीं कर सकती है। मेरा मानना है कि इन परिवारों की भलाई व उनकी आर्थिक स्थिरता के लिए सहानुभूतिपूर्ण दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।रोजगार के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर ली
उन्होंने कहा कि इसलिए निर्देश देता हूं कि राजस्व विभाग द्वारा पहचाने गए शेष आवेदकों को एमटीएस के पदों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता में पूरी तरह से छूट दी जाए। विभाग उन आवेदकों के बच्चों में से किसी एक को रोजगार देने के मामले में कार्रवाई करेगा, जिनमें आवेदकों ने पहले ही दी गई आयु में छूट के बावजूद रोजगार के लिए निर्धारित आयु सीमा पार कर ली है, या उनकी मृत्यु हो गई है।
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