Move to Jagran APP

Delhi Zoo: बाड़े से बाहर आते ही पानी में डूबकी लगाकर बैठ जाते शेर, चीता, बाघ, गैंडा और हाथी

चिड़ियाघर प्रशासन ने जानवरों के बाड़ों में पानी के फव्वारे भी लगाएं हैं ताकि बाड़े के आसपास की जमीन गीली रहे। लेकिन कुछ जानवरों के बाड़े ऐसे हैं जहां पानी के फव्वारे काम नहीं कर रहे हैं ऐसे में इन बाड़ों के जानवर या तो पानी में डूबकी लगाए रहते हैं या बाड़े के आसपास लगे पेड़ की छांव के नीचे खड़े रहते हैं।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Updated: Thu, 30 May 2024 09:46 PM (IST)
Hero Image
बाड़े से बाहर आते ही पानी में डूबकी लगाकर बैठ जाते शेर, चीता, बाघ, गैंडा और हाथी।
रीतिका मिश्रा, नई दिल्ली। दिल्ली में गर्मी का कहर जारी है। तापमान ने अब तक के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। इंसान तो इंसान जानवर तक इस भीषण गर्मी में तप रहे हैं। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में भी जानवरों का कुछ यही हाल है। यहां जानवर अपने बाड़े से बाहर आते तो जरुर है लेकिन बाहर आते ही कोई अठखेलियां या चहल-कदमी नहीं करते।

सफेद बाघ, बंगाल बाघ, चीता, शेर, गैंड़ा हाथी समेत अन्य बड़े जानवर बाड़े से निकलकर सीधे पानी से भरे कृत्रिम तालाब में जाकर डूबकी लगाते हैं और वहां से टस से मस नहीं होते, घंटों वहीं आराम करते हैं। जानवरों की अठखेलियों को देखने पहुंच रहे पर्यटक खासतौर पर छोटे बच्चे उनके इस व्यवहार परिवर्तन से काफी दुखी भी हो रहे हैं। उनको इस बात की निराशा हो रही है कि जानवर कुछ हलचल क्यों नहीं कर रहे।

जानवरों के बाड़ों में पानी के फव्वारे भी लगे

चिड़ियाघर प्रशासन से इसे लेकर जानवरों के बाड़ों में पानी के फव्वारे भी लगाएं हैं ताकि बाड़े के आसपास की जमीन गीली रहे। लेकिन कुछ जानवरों के बाड़े ऐसे हैं जहां पानी के फव्वारे काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इन बाड़ों के जानवर या तो पानी में डूबकी लगाए रहते हैं या बाड़े के आसपास लगे पेड़ की छांव के नीचे खड़े रहते हैं। हाथी के बाड़े में बनी सीमेंट की छतरी के ऊपर पानी का फव्वारा लगा था, जो कि कोविड के समय से बंद पड़ा है। लेकिन अब जब भीषण गर्मी पड़ रही है तब भी ये बंद पड़ा है। वहीं, रायल बंगाल टाइगर के बाड़े में लगा फव्वारा भी बंद पड़ा था।

किए गए हैं विशेष इंतजाम

चिड़ियाघर प्रशासन ने भीषण तपिश को लेकर जानवरों के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। सभी जानवरों के कमरों में पानी के कूलर लगे है। गर्मी को देखते हुए जानवरों के आहार में कमी की गई है। वहीं, हिरण के बाड़े में गर्मी से बचाव के लिए बांस की टाट और भूसे से बने कृत्रिम शेड लगाए गए हैं ताकि शेड के नीचे हिरण को आराम करने का मौका मिल सके। इसके अलावा हाथी को दो से तीन बार नहलाया जा रहा है। भालू और बंदर को फलों की आइसक्रीम दी जा रही है।

पक्षियों के बाड़ों में बड़े मिट्टी के बर्तन रखे गए

मगरमच्छ और कछुओं के बाड़ों में शेड की व्यवस्था की गई है ताकि पानी गर्म न हो। सांपों के बाड़ों में गीले बोरे रखे और पक्षियों के बाडे के दीवारों पर गीले पर्दे लगाए गए हैं ताकि उन्हें लू से बचाया जा सके। साथ ही पीने के पानी को ठंडा रखने के लिए सभी पक्षियों के बाड़ों में बड़े मिट्टी के बर्तन रखे गए हैं। हिरण, भालू, हाथी और अन्य शाकाहारी जानवरों को तरबूज, खीरा, नारियल पानी और अन्य मौसमी फल दिए जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें- Delhi Heat: 10 साल में 7 डिग्री बढ़ा तापमान, बढ़ रही गर्म क्षेत्रों की भी संख्या; स्टडी में सामने आए चौंकानेवाले तथ्य

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।