Excise Policy Case: केजरीवाल ने कोर्ट में कहा- गिरफ्तारी का आधार बेकार, मुझसे छीना गया स्वतंत्रता का अधिकार; पढ़ें दलीलें
दिल्ली हाई कोर्ट आबकारी नीति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ उनकी याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई कर रहा है। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। केजरीवाल ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी और ईडी की रिमांड को अवैध बताकर तत्काल रिहाई की मांग की है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हो रही है। इस दौरान दोनों पक्ष कोर्ट में अपनी दलील पेश कर रहे हैं।
दिल्ली सीएम ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्तारी और हिरासत को कोर्ट में चुनौती दी है। मामले में अदालत शाम चार बजे अपना निर्णय सुनाएगी। गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली मूल याचिका पर कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यहां पढ़ें दोनों पक्षों की दलीलें-
- ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू : मेरी पहली मांग यही है कि अंतरिम राहत मामले में जवाब दाखिल करने दिया जाए।
- सिंघवी: मगुंटा जो कि सांसद हैं और भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं, उनके बेटे राघव मगुंटा को फरवरी 2023 मव गिरफ्तार किया गया, केजरीवाल के विरुद्ध कोई बयान नहीं देते। बाद में मेरे (केजरीवाल) के खिलाफ बयान दिया और बयान देने के 2 महीने के अंदर उसे जमानत मिल गई और एजेंसी ने इसका विरोध नहीं किया।
- सिंघवी: गिरफ्तार करने का अधिकार अनिवार्य रूप से गिरफ्तार करने का अधिकार नहीं देता। सवाल यही है कि पिछले सप्ताह गिरफ्तार करने की जरूरत क्या थी और ऐसा क्या है जो गिरफ्तार किए बगैर हासिल नहीं किया जा सकता।
- सिंघवी: असहयोग करने का तर्क देना बेतुका है और मनी लांन्ड्रिंग मामले में ये सामान्य बात हो गई है।
- सिंघवी: सहयोग नहीं करने के आधार पर कस्टोडियल कस्टडी की मांग करने असंवैधानिक है। यहां तक कि शराब नीति मामले में जांच एजेंसी को मेरी भूमिका के बारे में भी नहीं पता है।
- सिंघवी: मेरे मुवक्किल ने कहा कि मेरे ऑफिस आइए, मैं जवाब दूंगा, वर्चुअल तरीके से पूछताछ करने भी अनुरोध किया, फिर ईडी गिरफ्तार क्यों करना चाहती है।
- सिंघवी: एजेंसी का आरोप है कि रिहा किया गया तो मैं दस्तावेज से छेड़छाड़ कर सकता हूं, ऐसे तो मैं छेड़छाड़ कर चुका हूंगा अबतक।
- सिंघवी: एजेंसी ये नहीं कह सकती कि हम गिरफ्तार करना चाहते हैं या मेरी इच्छा है ऐसा करने की।
- सिंघवी: गिरफ्तारी का आधार बेकार है। जांच एजेंसी द्वारा जवाब दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय मांगना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक दिन की हिरासत भी स्वतंत्रता के अधिकार का मामला है। ऐसे में अदालत या तो अंतरिम आवेदन को स्वीकार करे या खारिज कर दे।
- सिंघवी: चुनाव के समय में केजरीवाल की गिरफ्तारी उन्हें अपनी पार्टी के लिए प्रचार करने से रोकना है। पीएमएलए की धारा-50 के तहत बयान रिकॉर्ड किये बगैर गिरफ्तारी की गई। जांच एजेंसी का इरादा सिर्फ और सिर्फ मुझे और मेरी पार्टी को चुनाव प्रचार करने से रोकना है।
- कोर्ट ने मामले को पास-ओवर किया, सप्लीमेंट्री मामलों को सुनने के बाद अदालत मामले में आगे सुनवाई करेगी।
- सिंघवी: केजरीवाल ने रिमांड को चुनौती दी है, जोकि कल समाप्त हो रही है।
- सिंघवी: अंतरिम राहत मामले में तत्काल सुनवाई होनी चाहिए, इसके बाद भले को याचिका खारिज करे, या स्वीकार्य। ये एक व्यक्ति की स्वतंत्रता का मामला है।
- कोर्ट : मूल याचिका पर हम नोटिस जारी कर रहे हैं और अंतरिम राहत की मांग से जुड़े आवेदन पर कोर्ट आपको कुछ दिन में सुनवाई के मौका दे सकते हैं।
- ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि हमें समय से याचिका की प्रति नहीं दी गई है। इस मामले में हमें जवाब दाखिल करने का पर्याप्त जवाब दिया जाए।
- सिंघवी: याचिका में कुछ त्रुटि थी, इसमें संशोधन के बाद एजेंसी को याचिका की प्रति उपलब्ध दी गई थी।
केजरीवाल ने की रिहाई की मांग
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी के कस्टडी में भेजने के आदेश को अवैध बताते हुए तत्काल रिहाई की मांग की है। गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत देने से 21 मार्च को दिल्ली हाई कोर्ट के इन्कार करने के कुछ घंटे बाद प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) ने अरविंद केजरीवाल को उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया था।अभी 28 मार्च तक ईडी कस्टडी में हैं दिल्ली सीएम
ईडी ने 22 मार्च को केजरीवाल को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में पेश करके 10 दिन के रिमांड की मांग की थी। अदालत ने ईडी के अनुरोध पर केजरीवाल को 28 मार्च तक के लिए ईडी के कस्टडी में भेज दिया था। ईडी ने रिमांड की मांग करते हुए केजरीवाल को मामले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।ये भी पढ़ें-
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यह भी आरोप लगाया है कि दक्षिण समूह के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव किया गया है और इसके बदले 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। रिश्वत में ली गई धनराशि का उपयोग गाेवा व पंजाब विधानसभा चुनाव में किया गया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।यह भी आरोप लगाया है कि दक्षिण समूह के शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव किया गया है और इसके बदले 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। रिश्वत में ली गई धनराशि का उपयोग गाेवा व पंजाब विधानसभा चुनाव में किया गया था।