New Delhi Lok Sabha Seat: दिल्ली की इस सीट से कभी हारते-हारते बचे थे आडवाणी, कांग्रेस ने खेला था बड़ा दांव
Delhi Lok Sabha Elections राष्ट्रीय राजधानी की नई दिल्ली लोकसभा सीट को भाजपा के लिए मजबूत गढ़ रहा है लेकिन बीच-बीच में कांग्रेस यहां से जीत प्राप्त करने में सफल रही है। एक समय इस सीट भाजपा के दिग्गज नेता लाल कृष्ण आडवाणी हारते-हारते बचे थे। दिग्गज नेता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने उस समय बड़ा दांव खेला था।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। Delhi Lok Sabha Election 2024 latest news राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, राजघाट, इंडिया गेट, कनाट प्लेस सहित कई ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण स्थलों वाले इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व अटल-आडवाणी और कृपलानी जैसे बड़े नेता कर चुके हैं। भाजपा का यह मजबूत गढ़ रहा है, लेकिन बीच-बीच में कांग्रेस यहां से जीत प्राप्त करने में सफल रही है।
राजेश खन्ना से हारते-हारते बचे थे आडवाणी
इस सीट पर सबसे दिलचस्प मुकाबला वर्ष 1991 के लोकसभा चुनाव में हुआ था, जब लाल कृष्ण आडवाणी फिल्म स्टार राजेश खन्ना से चुनाव हारते हारते बचे थे। वह मात्र डेढ़ हजार मतों से चुनाव जीत सके थे। वह भी दोबारा मतगणना के बाद। भाजपा के इस दिग्गज नेता को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने उस समय के मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना को उनके सामने चुनावी दंगल में उतार दिया।
भाजपा के खिलाफ सफल रहा था कांग्रेस का दांव
कांग्रेस का यह दांव सफल रहा था। भाजपा के दिग्गज नेता को कड़ी चुनौती मिली और वह मात्र डेढ़ हजार मतों से चुनाव जीत सकें। उन्होंने गुजरात के गांधीनगर से भी चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने नई दिल्ली सीट से त्यागपत्र दे दिया। उपचुनाव में खन्ना के स्टारडम का सामना करने के लिए भाजपा ने शत्रुघ्न सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारा, लेकिन वह यह सीट नहीं बचा सके।अटल बिहारी ने दो बार किया इस सीट का प्रतिनिधित्व
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी व पूर्व उपप्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने दो-दो बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। पहले लोकसभा चुनाव (1952) में दो महिला नेताओं के बीच चुनावी भिड़ंत हुई थी, जिसमें यहां के लोगों ने क्रांतिकारी महिला नेता सुचेता कृपलानी (किसान मजदूर प्रजा पार्टी) को अपना प्रतिनिधि चुना था। उन्हें दो बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला।
2014 में फिर भाजपा के पास आई ये सीट
यह क्षेत्र भाजपा का मजबूत गढ़ रहा है, दस बार उसे यहां से जीत मिली है। वैसे, 2004 व 2009 में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन 2014 के चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले में मीनाक्षी लेखी ने आम आदमी पार्टी के आशीष खेतान को पराजित कर फिर से भाजपा का ध्वज फहराया।लगातार दो बार सांसद चुने जाने वाले कांग्रेस नेता अजय माकन को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। वर्ष 2019 में फिर से त्रिकोणीय मुकाबले में मीनाक्षी लेखी विजय होकर लोकसभा पहुंची। कांग्रेस के अजय माकन दूसरे व आप के बृजेश गोयल तीसरे स्थान पर रहे थे। 2008 में परिसीमन के बाद अब इसमें ये दस विधानसभा क्षेत्र आते हैं और सभी पर आम आदमी पार्टी का कब्जा है।
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नई दिल्ली लोकसभा क्षेत्र
लोकसभा चुनाव | विजेता | राजनीतिक दल |
पहली (1952-57) | सुचेता कृपलानी | किसान मजदूर प्रजा पार्टी |
दूसरी (1957-60) | सुचेता कृपलानी | कांग्रेस |
उपचुनाव (1961-61) | बलराज मधोक | भारतीय जनसंघ |
तीसरी (1962-67) | मेहर चंद खन्ना | कांग्रेस |
चौथी (1967-71) | प्रोफेसर मनोहर लाल सोंघी | भाजपा |
पांचवी (1971-77) | कृष्ण चंद्र पंत | कांग्रेस |
छठी (1977-80) | अटल बिहारी वाजपेयी | जनता पार्टी |
सातवीं (1980-84) | अटल बिहारी बाजपेयी | भाजपा |
आठवीं (1984-89) | कृष्ण चंद्र पंत | कांग्रेस |
नौवीं (1989-91) | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
10वीं (1991-92) | लालकृष्ण आडवाणी | भाजपा |
उपचुनाव (1992-96) | राजेश खन्ना | कांग्रेस |
11वीं (1996-98) | जगमोहन | भाजपा |
12वीं (1998-99) | जगमोहन | भाजपा |
13वीं (1999-2004) | जगमोहन | भाजपा |
14वीं (2004-09) | अजय माकन | कांग्रेस |
15वीं (2009-14) | अजय माकन | कांग्रेस |
16वीं (2014-19) | मीनाक्षी लेखी | भाजपा |
17वीं (2019-24) | मीनाक्षी लेखी | भाजपा |