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Lok Sabha Elections: AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर कहां तक पहुंची बात? दोनों के लिए कितना जरूरी है गठबंधन

Lok Sabha Elections लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस-आप नेताओं के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। इस बीच चडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए कांग्रेस-आप का गठबंधन तय हो गया है। हालांकि दोनों दलों के ओर से साफ किया गया कि यह गठबंधन...

By Shyamji Tiwari Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Wed, 17 Jan 2024 03:52 PM (IST)
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AAP-कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग पर कहां तक पहुंची बात
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन के लिए कांग्रेस की अन्य दलों के साथ बातचीत जारी है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है। दोनों दलों ने साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की मंशा भी जाहिर की, लेकिन किन-किन राज्यों में आप-कांग्रेस साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे, अभी यह तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। 

मेयर चुनाव के लिए साथ आई AAP-कांग्रेस

लोकसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चडीगढ़ मेयर चुनाव के लिए कांग्रेस-आप का गठबंधन तय हो गया है। भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ आ गई है। एक-दूसरे के घोर प्रतिद्वंदी रहे दोनों दलों का चंडीगढ़ में पहली बार ऐसा गठबंधन हुआ है। हालांकि, दोनों दलों के ओर से साफ किया गया कि यह गठबंधन केवल मेयर चुनाव के लिए ही हुआ है, लोकसभा चुनाव के लिए नहीं।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर कांग्रेस-आप नेताओं के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। कुछ दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी। उस दौरान आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी वहां पर मौजूद थे। हालांकि अभी तक दोनों दलों के बीच बातचीत की तस्वीर साफ नहीं हो सकी। 

गोपाल राय ने गठबंधन पर कही थी ये बात

कांग्रेस-आप नेताओं की बैठक के बाद 09 जनवरी को दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि दोनों दलों के बीच गठबंधन पर बातचीत शुरू हो गई है। हमने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और गुजरात में गठबंधन में चुनाव लड़ने पर अपना रुख रखा। अब तक सकारात्मक चर्चा हुई है।

 

ध्यान देने वाली बात है कि आप के लिए लोकसभा चुनाव में गठबंधन कांग्रेस के जितना ही महत्वपूर्ण है। इसीलिए आम आदमी पार्टी बहुत सावधानी से इस मामले में आगे बढ़ रही है। शायद यही कारण है कि आप इस मुद्दे पर बयानबाजी से बच रही है। बड़ी बात है कि लोकसभा की दिल्ली में सात सीटें हैं। पिछली दो बार से इन सीटों पर भाजपा भारी मताें से जीत रही है।

AAP-कांग्रेस के लिए कितना महत्वपूर्ण है गठबंधन

दिल्ली की सरकार में सत्ता में होने के बाद भी आप को दोनों बार एक भी सीट नहीं मिल सकी है, सीट मिलना तो दूर इतने भी वोट उनके प्रत्याशियों को नहीं मिल सके हैं कि वे भाजपा को टक्कर तब दे पाते। जिस मतदाता ने दिल्ली में आप की सरकार भारी मतों से दो-दो बार बनवाई उसी मतदाता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को वोट दे दिया। पूर्व की स्थित पर नजर डालें तो 2014 के लोकसभा चुनाव के हालात देखने के बाद 2019 में आप ने यह कोशिश शुरू की, कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया जाए।

आप ने कांग्रेस की ओर हाथ बढ़ाया और कांग्रेस भी आगे बढ़ी, मगर दोनों दलों के नेताओं की बयानबाजी के चलते आपस में खटास आने लगी और अंतत: गठबंधन के फैसले तक स्थिति पहुंच ही नहीं सकी। यह सब देखते हुए इस बार आप फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। आप नेता व कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज यह बात मानते हैं कि यह गठंधन हमारे लिए बहुत महत्व रखता है। वह कहते हैं कि गठबंधन कांग्रेस के लिए भी महत्वपूर्ण है।

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