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अनशन के 70 घंटे: रूठे अन्‍ना को मनाने के लिए पिछले दरवाजे पर खड़ी सरकार, मांग पर अडिग

सूत्रों के मुताबिक सरकार सीधे अन्‍ना से संवाद करने के बजाए पिछले दरवाजे से अपने नुमाइंदों को भेज रही है।

By Ramesh MishraEdited By: Updated: Tue, 27 Mar 2018 08:38 AM (IST)
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अनशन के 70 घंटे: रूठे अन्‍ना को मनाने के लिए पिछले दरवाजे पर खड़ी सरकार, मांग पर अडिग

नई दिल्ली [जेएनएन]। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को भूखहड़ताल पर बैठे 70 घंटे से ऊपर हो गए हैं। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर केंद्र सरकार उनकी मांग को लेकर कितनी गंभीर है। क्‍या रूठे अन्‍ना को मनाने के लिए कोई सरकारी पहल की गई। सूत्रों के मुताबिक सरकार सीधे अन्‍ना से संवाद करने के बजाए पिछले दरवाजे से अपने नुमाइंदों को भेज रही है। लेकिन अन्‍ना टस से मस नहीं हो रहे हैं। वह अपनी मांग पर अड़े हैं।

बदल सकती है आंदोलन की रणनीति

रामलीला मैदान में समाजसेवी अन्ना हजारे के नेतृत्व में सशक्त लोकपाल, चुनाव सुधार प्रक्रिया और किसानों की मांगों को लेकर चल रहे आंदोलन की मंगलवार के बाद रणनीति बदल सकती है। केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया गया है कि वह अन्ना की सभी मांगों को पूरा करे। इसको लेकर अनौपचारिक तौर पर सरकार के नुमाइंदे पीछे के दरवाजे से बातचीत भी कर रहे हैं, लेकिन ठोस आश्वासन न मिलने की वजह से बातचीत विफल हो रही है।

सूत्रों के मुताबिक, आंदोलन को लेकर रणनीति तैयार की जा रही है। मंगलवार तक का समय सरकार को दिया गया है, उसके बाद नए स्वरूप में आंदोलन नजर आ सकता है। वहीं इस बीच केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने अन्ना सेे बातचीत की कोशिश भी की है, लेकिन वे आश्वासनों पर राजी नहीं हैं।

भीड़ से चिंतित हुए अन्‍ना

वहीं रविवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद लोगों की रामलीला मैदान में भीड़ नहीं पहुंची। मुश्किल से मैदान में करीब 1200 लोग उपस्थित थे। कुछ किसान लौटकर भी चले गए। वहीं भले ही अनशन के चलते अन्ना का वजन कम हो गया है, लेकिन उनमें जोश पूरा नजर आ रहा है।

रामलीला मैदान पर बोले अन्‍ना

अन्ना ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए फिर से सभी मांगें दोहराई और कहा कि कमजोर लोकपाल लाकर केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार करने वाले को छूट दी है। उद्योगपतियों का हजारों रुपये का कर्ज माफ कर दिया जाता है, लेकिन किसानों का ऋण माफ नहीं करती है। किसानों को पांच हजार रुपये पेंशन मिले और कृषि मूूल्य आयोग को स्वायत्तता दी जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि भले ही मेरा वजन कम हो गया हो, लेकिन सेहत एकदम ठीक है। इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं आंदोलनकारियों को संबोधित करने के लिए संत गोपाल दास, पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी शशिकांत और भारतीय किसान यूनियन के नेता भी पहुंचे।

बिगड़ रही है अनशन पर बैठे लोगों की तबीयत

अन्ना के समर्थन में लोग अनशन पर भी बैठे हुए हैं। रविवार को तीन अनशनकारियों की तबीयत बिगडऩे पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। इसमें उत्तर प्रदेश के सीतापुर की श्रीदेवी, रामकली और राजस्थान के सतीश शामिल हैं। अधिकृत तौर पर अनशन पर 227 लोगों के बैठने की घोषणा की गई है, जिसमें यह तीनों भी शामिल थे।

केंद्रीय गृहमंत्री को अन्ना लिखेंगे पत्र

आंदोलन के मीडिया प्रमुुख जयकांत मिश्रा ने बताया कि मंच के पास पुलिस कंट्रोल रूम बनाए जाने को लेकर अन्ना केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखेंगे। उनसे पूछा जाएगा कि आंदोलनकारियों के लिए इतनी पुलिस की क्या आवश्यकता है।

अन्ना का वजन हो रहा है कम

अनशन शुरू करने के बाद से उनका 3.6 वजन घट गया है। डॉक्टर की टीम उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच कर रही है। जयकांत मिश्रा ने बताया कि राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों का दल भी अन्ना के स्वास्थ्य की जांच के लिए आया था। उन्होंने अन्य अनशनकारियों के स्वास्थ्य की भी जांच की।

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