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दिल्ली की लवकुश रामलीला: रामलीला देखने पहुंच रहे आम लोगों के साथ विदेशी राजनयिक भी

दिल्ली में लालकिला के अगस्त पार्क में लव कुश रामलीला का आयोजन भव्यता और उत्साह से किया जा रहा है। शारदीय नवरात्रि के पहले सप्ताहांत पर रामलीला देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। रामलीला मंचन में डूबे कलाकारों को भाव विहोर होकर एकटक निहारते लोगों के साथ पुरानी दिल्ली की विशेष स्वाद का जायका लेने और झूले पर मस्ती करने लोग उमड़ते ही हैं।

By Geetarjun Edited By: Geetarjun Updated: Tue, 08 Oct 2024 11:06 PM (IST)
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केवट के रूप में गायक शंकर साहनी ने गाए भावविभोर करने वाले गीत।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। अद्भूत, उल्लास और उमंग से भरा यह शनिवार अनूठा रहा। राम की लीला को आत्मसात करने जैसे दिल्ली के साथ पूरा एनसीआर उमड़ आया हो। चेहरों पर उल्लास, मस्ती के साथ भक्ति की छंटा। पंडालों में पग रखने भर तक की जगह नहीं। पर कारवां आता रहा। झूले और व्यंजनों के स्थानों पर लंबी लाइनें लगी रही। किसी-किसी के लिए यह इंतजार आधे घंटे तक का भी रहा।

लालकिला मैदान में लवकुश रामलीलओं में देर रात तक यह स्थिति रही। हो भी क्यों न, यह शारदीय नवरात्र और रामलीला उत्सव का पहला सप्ताहांत है, जो रविवार तक जारी रहेगा। वैसे, सनातन धर्मियों का यह उत्साह प्रत्येक वर्ष सजीव होता है। रामलीला मंचन में डूबे कलाकारों को भाव विहोर होकर एकटक निहारते लोगों के साथ पुरानी दिल्ली की विशेष स्वाद का जायका लेने और झूले पर मस्ती करने लोग उमड़ते ही हैं।

जिसका इंतजार और तैयारियां हर किसी के लिए पहले से थी। स्थित यह कि दोपहर बाद से ही लोगों का लालकिला स्थित रामलीला मंचन स्थलों में आने का सिलसिला आरंभ हो गया था। शाम तक लवकुश रामलीला मंचन के मैदान में प्रवेश के लिए लोगों की लंबी कतारें लगी रहीं।

इस दौरान सुरक्षाकर्मियों को लोगों का उत्साह संभालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। लोग खासकर परिजनों को प्रभु राम का दर्शन कराने के साथ बच्चों को खेल-खेल में मर्यादा का पाठ पढ़ाने आ रहे थे। जिसमें, परिवार के साथ भक्ति व आध्यात्म के साथ बिताने का खास समय था।

मंडावली से बच्चों के साथ आईं अपराजिता तिवारी कहती हैं कि आज इंटरनेट के युग में जब बच्चे समाज व परिवार से दूर होते जा रहे हैं। सामाजिकता का अभाव देखा जा रहा है। उसमें राम का नाम है, जो उनमें संस्कार दे सकता है। इसलिए वह प्रत्येक वर्ष आती हैं। वहीं, बुजुर्ग किशोरी दास कहते हैं कि यहीं तो जड़ों से जुड़ने का मौका है।

प्रभु राम को अपनी छोटी सी नाव पर नदी पार कराते समय केवट के भाव देखते ही बन रहे थे। उसमें भी केवट का किरदार निभा रहे गायक शंकर साहनी की आवाज में मेरी छोटी सी नईया में श्री राम आए हैं...चीटी के घर में आज भगवान आए हैं। गीत हर किसी को भाव विभोर कर रहे थे। लालकिला मैदान की लवकुश रामलीला में केवट प्रसंग का मंचन किया गया। इस मौके पर अभिनेता अमित वर्मा ने प्रभु श्रीराम की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद भी लिया।

इसके साथ ही मंच पर दशरथ मरण, अयोध्या नगरी में भरत-शत्रुघ्न का ननिहाल से वापस आना, भरत कैकयी सवांद, भरत द्वारा कौशल्या भवन में माता से क्षमा याचना, वशिष्ठ जी का भरत को समझाना व भरत का राम से मिलने चित्रकुट जाने की हठ, चित्रकुट में राम-भरत मिलाप व चरण पादुका लेकर लौटने तक की लीला का मंचन हुआ।

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