आनंद विहार में डीडीए की जमीन पर चल रहा माफिया का साम्राज्य, प्राधिकरण ने साधी चुप्पी
देश की राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार में कैलाश दीपक अस्पताल के पीछे डीडीए की कई बीघा जमीन पर माफिया का पूरा साम्राज्य चल रहा है। यहां घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर से गैस चोरी भवन निर्माण सामग्री का व्यापार होने के साथ ही बस का गैराज बना हुआ है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जहां से हर कोने पर निगाह रखी जाती है।
शुजाउद्दीन, पूर्वी दिल्ली। देश की राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार में कैलाश दीपक अस्पताल के पीछे डीडीए की कई बीघा जमीन पर माफिया का पूरा साम्राज्य चल रहा है।
यहां घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर से गैस चोरी, भवन निर्माण सामग्री का व्यापार होने के साथ ही बस का गैराज बना हुआ है। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, जहां से हर कोने पर निगाह रखी जाती है।
झुग्गियों को भी मिल रहा बिजली कनेक्शन
डीडीए के अधिकारियों ने इस मामले में चुप्पी साध ली है। कैलाश अस्पताल के बराबर से डीडीए की जमीन पर रास्ता जा रहा है। यहां कई झुग्गियां भी बसी हुई हैं।झुग्गियों में रहने वाले लोगों को बिजली का कनेक्शन भी मिला हुआ है। इन झुग्गी वालों के जरिये माफिया बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं। सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधि भी यहां कुछ नहीं कर पा रहे हैं।स्थानीय विधायक ओपी शर्मा डीडीए में यहां पर कब्जे का मुद्दा उठा चुके हैं, डीडीए के अधिकारी उनकी एक नहीं सुनते। आरोप है कि डीडीए व पुलिस यहां के माफिया से मोटी रकम वसूल रहे हैं। इसलिए कार्रवाई नहीं करते।
इस संबंध में डीडीए के पीआरओ बिजय पटेल को कॉल और व व्हाट्सएप मैसेज व डीडीए उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा को व्हाट्सएप मैसेज किए, दोनों अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।1. एलपीजी सिलेंडर से चोरी होती है गैस
खुलेआम यहां पर घरेलू एलपीजी सिलेंडर से गैस चोरी की जा रही है। कोई अंदाजा लगा सकता है कि उपभोक्ताओं के घरों में सिलेंडर पहुंचने से पहले उन सिलेंडर से डिलीवरी ब्वाय गैस चोरी कर रहे हैं। गैस एजेंसी के डिलीवरी ब्वाय एजेंसी से गैस सिलेंडर लेकर उन्हें डीडीए की जमीन पर लेकर पहुंचते हैं। डीडीए की जमीन पर माफिया ने गैस रिफिलिंग का पूरा सिस्टम लगाया हुआ है।वजन करने के लिए तराजू भी लगाए हुए हैं। यहां घरेलू सिलेंडर से गैस चोरी करके कमर्शियल सिलेंडर में भरी जा रही है। एक कमर्शियल सिलेंडर में 19 किलो गैस होती है। जिसे दाे हजार रुपये में बेजा रहा है। कमी उन उपभोक्ताओं की भी है जो सिलेंडर लेते समय उसका वजन तोलकर जांचते नहीं हैं। उसी का फायदा माफिया उठा रहे हैं। गैस रिफिलिंग के दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, जिससे सरकार व पुलिस और प्रशासन अंजान बने बैठे हैं।2. बसों का बनाया हुआ है गैराजयहां बसों का गैराज बनाया हुआ है। जहां निजी व सरकारी बसें ठीक हो रही हैं। शायद ही कोई दिन जाता होगा जब यहां पर 30 से 40 बसें न खड़ी हो। यहां की हालत देखने पर जरा भी कोई यह अंदाजा नहीं लगा सकता है कि यह सरकारी जमीन है।3. भवन निर्माण सामग्री का हो रहा है कारोबार
यहां सरकारी जमीन पर भवन निर्माण सामग्री का व्यापार हो रहा है। खुले में जगह-जगह निर्माण सामग्री पड़ी हुई है। अधिकारियों को इससे क्या मतलब है। हवा चलते ही यहां धूल उड़ने लगती है। जो आसपास की कालोनियों तक जाती है। निर्माण सामग्री लाने ले जाने के लिए ट्रक व ट्रैक्टर यहां पर खड़े रहते हैं।डीडीए की जमीन पर कब्जे के मुद्दे को मैं डीडीए की बैठक में कई बार उठा चुका हूं। डीडीए के अधिकारी माफिया से मिले हुए हैं। मोटा रुपया लेते हैं, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं करते हैं। -ओपी शर्मा, विधायक विश्वास नगर व सदस्य डीडीए।