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दिल्ली में 'आयुष्मान योजना' लागू कराने पर महासंग्राम, भाजपा पहुंची हाईकोर्ट; PM मोदी ने AAP पर साधा था निशाना

दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू कराने के लिए भाजपा अब कानूनी लड़ाई लड़ेगी। आम आदमी पार्टी की सरकार गरीबों और बुजुर्गों को निःशुल्क उपचार की सुविधा से वंचित कर रही है। भाजपा सांसदों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। केजरीवाल सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे हैं। मोहल्ला क्लीनिकों में फर्जी टेस्ट और सरकारी अस्पतालों में नकली दवा देने की जांच चल रही है।

By Santosh Kumar Singh Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Wed, 30 Oct 2024 03:00 PM (IST)
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Delhi News: आयुष्मान योजना को लागू कराने के लिए भाजपा की कानूनी लड़ाई। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में आयुष्मान योजना को लागू कराने के लिए भाजपा अब कानूनी लड़ाई लड़ेगी। दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचेदवा ने कहा, तुच्छ राजनीति के कारण आम आदमी पार्टी की सरकार गरीबों व बुजुर्गों को निःशुल्क उपचार की सुविधा से वंचित कर रही हैं। इन्हें हक दिलाने के लिए भाजपा सांसद अदालत की शरण में गए हैं।

प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने 70 वर्ष से अधिक आय़ु के लोगों के आयुष्मान योजना की घोषणा की है। उन्होंने अपनी मन की वेदना सामने रखी है कि दिल्ली सरकार द्वारा इसे लागू नहीं करने के कारण यहां के बुजुर्गों को लाभ नहीं मिल सकेगा।

'मोहल्ला क्लीनिक की सूची हो सार्वजनिक'

केजरीवाल का स्वास्थ्य मॉडल भ्रष्टाचार पर आधारित है। उन्होंने दिल्ली सरकार को चल रहे पांच सौ मोहल्ला क्लीनिक की सूची सार्वजनिक करने की चुनौती दी है। कहा, मोहल्ला क्लीनिकों में 65 हजार फर्जी टेस्ट और सरकारी अस्पतालों में नकली दवा देने की जांच चल रही है।

यहां डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। दूषित जल के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं। मजबूरन लोग निजी अस्पताल में उपचार कराने जाते हैं। निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं। 60 से अधिक निजी अस्पताल आयुष्मान योजना के लिए पंजीकरण कराया है उनमें दिल्ली की जगह पड़ोसी राज्यों के लोग आकर अपना उपचार कराते हैं।

'योजना पर केजरीवाल और दिल्ली सरकार के मंत्री बोल रहे झूठ'

केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा (Harsh Malhotra) ने कहा, आयुष्मान योजना पर केजरीवाल (Arvind Kejriwal) व दिल्ली सरकार के मंत्री झूठ बोल रहे हैं। सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए उन्होंने 2021 में सदन यह मामला उठाया था। केजरीवाल की उपस्थिति में उस समय के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे लागू करने की घोषणा की थी। बाद में सरकार पलट गई।

सांसद बांसुरी स्वराज (Bansuri Swaraj) ने कहा, हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित समिति की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में दस्तावेज के नाम पर मरीजों को परेशान किया जाता है। समिति द्वारा मई में दी गई सिफारिश को दिल्ली सरकार लागू नहीं कर रही है।

दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार पिछले 10 वर्षों में एक भी नया अस्पताल नहीं बना। इस दौरान कई अस्पतालों, प्रसव गृह व डिस्पेंसरी बंद कर दिए गए। अस्पतालों की संख्या 94 से कम होकर 92 रह गया है। प्रसव गृह की संख्या 265 से कम होकर 124 और नर्सिंग होम 1057 से कम होकर 1040 रह गए हैं।

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