Majnu Ka Tila: दिलचस्प है दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ का इतिहास, जानें कैसे पड़ा ये नाम
Majnu ka Tila दिल्ली विश्वविद्यालय के नजदीक स्थित मजनू का टीला एक ऐसी जगह है जहां आप वीकेंड में घूमने-फिरने का प्लान बना सकते हैं। यहां के रोचक इतिहास से रूबरू होने के अलावा आप यहां पर कई स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद भी उठा सकते हैं।
By Abhishek TiwariEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2022 12:17 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक ऐसा टीला है जो अपने नाम की वजह से लोगों के बीच काफी फेमस है। यह दिल्ली की ही नहीं बल्कि देश-दुनिया की प्रसिद्ध जगहों में से एक है। इस टीले का इतिहास बेहद रोचक है। दिल्ली विश्वविद्यालय के नजदीक स्थित होने के कारण यह कॉलेज के छात्रों और पर्यटकों के लिए लोकप्रिय जगह है। यहां कई तिब्बती रेस्तरां, एक मठ और कपड़े की दुकानें हैं।
कहा जाता है कि मजनू का टीला का इतिहास 19वीं शताब्दी से नहीं बल्कि इससे भी पुराना है। इस जगह का इतिहास 15वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। इस स्थान का इतिहास सिकंदर लोदी के शासन और सिख धर्म के गुरु से भी जुड़ा हुआ है। वहीं, कई लोगों का यह कहना है कि इस टीले का संबंध ऐतिहासिक प्रेमी जोड़े लैला-मजनू से भी है। हालांकि इतिहासकारों ने इसे नकारा है।
'मजनू का टीला' नाम क्यों पड़ा?इस जगह का नाम मजनू का टीला पड़ने के पीछे एक रोचक कहानी बताई जाती है। कहा जाता है कि इस प्रसिद्ध जगह का नाम सूफी से मिला है। यह भी बताया जाता है कि गुरु नानक सिकंदर लोदी के काल में आए थे जहां वह एक सूफी फकीर से मिले जो ईरान का रहने वाला था। सूफी होने की वजह से लोग उसे मजनू कहकर बुलाने लगे थे। वो फकीर यमुना के पास में मौजूद एक टीले पर रहा करता था। इसलिए इस जगह को 'मजनू का टीला' कहा जाने लगा।
क्यों फेमस है मजनू का टीलामजनू का टीला को 'दिल्ली का नन्हा तिब्बत' के नाम से भी जाना जाता है। यह वीकेंड में दिल्ली में घूमने-फिरने के लिए एक अच्छी जगह है। यह जगह अपनी रंगीन और संकरी गलियों के लिए जानी जाती है। यहां पर कई सारे कैफ हैं, जिनमें स्वादिष्ट व्यंजन के ढेर सारे आप्शन मिलते हैं।
इसके अलावा यह जगह कपड़े, सामान, घर की सजावट लिए शानदार स्थान है। यहां वीकेंड में काफी लोग घूमने-फिरने के लिए पहुंचते हैं। ये भी पढ़ें- आजादी की जंग में रेलवे के योगदान की सुनाई जाएगी कहानी, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े स्टेशनों और ट्रेनों की हो रही पहचान
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