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Delhi: कस्टम अधिकारी बन एयरपोर्ट पर विदेश से आए यात्रियों को बनाता था शिकार, चार गिरफ्तार

Delhi News ठगी के एक मामले में आईजीआई थाना पुलिस ने चार ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया है जो कस्टम अधिकारी बनकर यात्रियों से ठगी करते और फरार हो जाते थे। कुछ समय पहले ही आरोपितों ने सऊदी अरब से आए एक यात्री को तलाशी के बहाने अपना शिकार बनाया और उनसे विदेशी मुद्रा व अन्य सामान लेकर फरार गए।

By Gautam Kumar Mishra Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 07 Apr 2024 07:20 PM (IST)
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कस्टम अधिकारी बन एयरपोर्ट पर विदेश से आए यात्रियों को बनाता था शिकार, चार गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। ठगी के एक मामले में आईजीआई थाना पुलिस ने चार ऐसे आरोपितों को गिरफ्तार किया है जो कस्टम अधिकारी बनकर यात्रियों से ठगी करते और फरार हो जाते थे। कुछ समय पहले ही आरोपितों ने सऊदी अरब से आए एक यात्री को तलाशी के बहाने अपना शिकार बनाया और उनसे विदेशी मुद्रा व अन्य सामान लेकर फरार गए।

इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने एयरपोर्ट व आसपास लगे करीब सौ सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले और आरोपितों तक पहुंचने में कामयाबी पाई। आरोपितों में रियाज अहमद, कमरुद्दीन, कसमुद्दीन व रहमान शामिल है।

1800 रियाल की ठगी

आईजीआई जिला पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि उत्तराखंड स्थित उधम सिंह नगर निवासी रियासत अली ने तीन अप्रैल को आईजीआई थाने में पासपोर्ट, 1800 रियाल व अन्य सामान की ठगे जाने की शिकायत की। इनसे खुद को कस्टम अधिकारी बताकर एक व्यक्ति मिला और सामान की तलाशी लेने की बात कही।

अवैध सोना होने की सूचना पर ली तलाशी

फिर वह एक साथी के साथ मल्टी लेवल कार पार्किंग में ले गया। वहां उसने बताया कि उसके सामान में अवैध सोना होने की सूचना है। आरोपित और उसके साथी ने एयरपोर्ट से सेक्टर-21 द्वारका मेट्रो स्टेशन के लिए एक टैक्सी बुक की और फिर पीड़ित को वहां ले जाकर उसका पासपोर्ट, 1800 रियाल और दो मोबाइल फोन लेकर भाग गए।

मामले की गंभीरता को समझो हुए आईजीआई थाना प्रभारी विजेंद्र राणा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 से द्वारका सेक्टर 21 मेट्रो स्टेशन तक सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे के फुटेज खंगाले। इस दौरान पुलिस ने उस कैब का पता लगा लिया जिसे आरोपितों ने किराए पर लिया था। पुलिस कैब चालक नरेश कुमार तक पहुंची।

नरेश से पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने कैब के किराए का भुगतान यूपीआइ के माध्यम से किया था। पुलिस ने उस मोबाइल नंबर का पता किया तो ज्ञात हुआ कि नंबर जैतपुर निवासी रियाज अहमद के नाम पर है। छानबीन के दौरान उसका मोबाइल नंबर बंद था। पुलिस स्थानीय स्तर पर जांच कर जैतपुर से रियाज को गिरफ्तार कर लिया। वह जैतपुर में नाई की दुकान चलाता था।

उसने बताया कि अपने साथियों रहमान, कसमुद्दीन और कमरुद्दीन के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। उसने बताया कि कसमुद्दीन ने वारदात की साजिश रची थी। साथ ही बताया कि उसकी दुकान पर तीन माह से काम करने वाले रहमान अली कसमुद्दीन का बचपन का दोस्त है। इसके निशानदेही पर पुलिस ने रहमान अली, कमरुद्दीन, कसमुद्दीन को उधम सिंह नगर से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के अनुसार रहमान अली ने बताया कि कसमुद्दीन से उसकी मुलाकात संयुक्त अरब आमीरात में हुई थी और फिर दोनों की दोस्ती हो गई। कसमुद्दीन पेशे से इलेक्ट्रीशियन है और वह करीब एक दशक से वर्क वीजा पर संयुक्त अरब अमीरात आता जाता रहा है। इस दौरान एयरपोर्ट पर कस्टम अधिकारियों की कार्यप्रणाली देखी थी। जल्द पैसा कमाने के लिए उसने कस्टम अधिकारी बनकर ठगी की योजना बनाई।

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