Delhi Family Death: एक कमरे में पिता तो दूसरे में चारों बेटियों के शव, परिवार ने क्यों चुना मौत का रास्ता
Family Suicide News दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक परिवार के पांच सदस्यों के शव मिले हैं। मृतकों में एक व्यक्ति और उसकी चार बेटियां शामिल हैं। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह घटना बुराड़ी हादसे की याद दिला रहा है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज स्थित रंगपुरी गांव में दिल दहला देने वाली घटना हुई है। यहां बुराड़ी जैसा सामूहिक आत्महत्या का मामला सामने आया है। पिता ने अपनी चार बेटियों के साथ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। मृतकों में शामिल दो बहनें दिव्यांग थी। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इससे आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका।
पुलिस उपायुक्त रोहित मीना ने बताया कि 46 वर्षीय हीरालाल शर्मा अपनी चार बेटियों नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) के साथ रंगपुरी गांव में तीसरी मंजिल पर किराए के फ्लैट में रहता था। वह मूलरूप से बिहार के छपरा स्थित थाना मशरख के गोबिया गांव के रहने वाले थे।
बदबू आने के बाद खोला गया दरवाजा
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि 27 सितंबर की सुबह मकान मालिक बिल्डिंग में आया। उन्हें पड़ोसियों व बिल्डिंग के केयर टेकर ने शिकायत की थी कि हीरालाल के फ्लैट से बदबू आ रही है। इस पर मकान मालिक नितिन चौहान ने फ्लैट का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। फ्लैट का दरवाजा अंदर से बंद था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई।
एक कमरे में हीरालाल तो दूसरे कमरे में बेटियों के शव
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दमकल विभाग की मदद से दरवाजा खोला। यहां पर एक कमरे में हीरालाल का शव पड़ा था और दूसरे कमरे में उसकी चारों बेटियों की लाश थी। सभी के शव सड़ चुके थे। इस वजह से बदबू आ रही थी। पुलिस को फ्लैट के अंदर से जहरीले पदार्थ सल्फास के खाली पैकेट भी मिले।
आत्महत्या का लग रहा मामला
पुलिस उपायुक्त ने बताया कि प्राथमिक जांच में मामला आत्महत्या का लग रहा है। फिर भी पुलिस ने पांचों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार को मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। इसके बाद मौत के सही कारण का पता चल सकेगा।
कमरे में रखे थे जहरीले पदार्थ मिले पानी के पांच गिलास
मृतक हीरालाल की पत्नी की करीब एक साल पहले कैंसर से मौत हो गई थी। उनकी बेटी नीरू पैर और निधि आंख से दिव्यांग थी। पत्नी की मौत के बाद हीरालाल ही उनकी देखभाल कर रहा था। पुलिस को मृतक के घर से जहरीले पदार्थ के अलावा संदिग्ध जहरीले पदार्थ से भरे 5 गिलास और एक चम्मच मिली है। पुलिस का मानना है कि पांचों ने पानी के साथ जहरीला पदार्थ पीकर आत्महत्या की है।
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नौ महीने से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था हीरालाल
हीरालाल पिछले 28 वर्षों से इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर वसंत कुंज में बढ़ई का काम करता था। उसे प्रतिमाह 25 हजार रुपये वेतन मिलता था, लेकिन वह जनवरी माह से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। जैसे तैसे परिवार का गुजारा कर रहा था।
आखिरी बार मिठाई ले जाते दिखा हीरालाल
हीरालाल आखिरी बार मिठाई ले जाते हुए 24 सितंबर को नजर आया था। एक सीसीटीवी फुटेज में वह देर शाम सात बजकर 15 मिनट पर अपने घर मिठाई का डिब्बा ले जाते हुए नजर आ रहा है। वहीं, मृतक की बेटियों के पेट और हाथ में कलावा बंधा था। इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है। वह अपनी दिव्यांग बेटियों का अलग-अलग अस्पताल से उपचार करा रहा था।
छह महीने से परिवार से बात नहीं कर रहा था हीरालाल
हीरालाल अपने तीन भाईयों मोहन शर्मा, योगेंद्र शर्मा और राजकुमार शर्मा में सबसे बड़ा था। योगेंद्र परिवार के साथ रंगपुरी गांव में ही बंगाली मार्केट में रहते हैं। योगेंद्र शर्मा की पत्नी प्रिया शर्मा ने बताया कि पिछले छह महीनों से हीरालाल का कोई फोन नहीं आया। उन्होंने किसी अन्य भाई से भी बात नहीं की।
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प्रिया ने बताया कि जब हम फोन करते थे तो वह नहीं उठाते थे। मृतक का भाई मोहन शर्मा और उनकी भाभी गुड़िया शर्मा भी मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि मृतक ने अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद पारिवारिक मामलों में रुचि लेना बंद कर दिया था।