26 फरवरी, 2023: सीबीआई ने भ्रष्टाचार मामले में भूमिका के लिए सिसोदिया को गिरफ्तार किया।
9 मार्च: ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया।
31 मार्च: निचली अदालत ने भ्रष्टाचार मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर की।28 अप्रैल: निचली अदालत ने मनी लाॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की।
30 मई: हाई कोर्ट ने सीबीआई मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की3 जुलाई: हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज की।
6 जुलाई: सिसोदिया ने दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दायर की।30 अक्टूबर 2023: सुप्रीम कोर्ट ने दोनों जमानत याचिकाओं पर सिसोदिया की जमानत याचिकाएं खारिज की।30 अप्रैल, 2024: निचली अदालत ने सिसोदिया को सीबीआइ व ईडी मामले में दोबारा जमानत देने से इन्कार कर दिया।2 मई: सिसोदिया ने निर्णय के विरुद्ध हाई कोर्ट में अपील दायर की।14 मई: हाई कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा।
21 मई: हाई कोर्ट ने दोनों जमानत याचिकाएं खारिज की।16 जुलाई: सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर जांच एजेंसियों को नोटिस किया6 अगस्त: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रखा9 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को ईडी-सीबीआइ मामले में जमानत दी।
सिसोदिया पर अहम आरोप
- आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने आबकारी नीति के विरुद्ध निर्णय लिए- सिसोदिया ने सुबूत छिपाने के लिए 14 फोन, 43 सिम कार्ड बदले, इनमें से पांच सिम कार्ड सिसोदिया के नाम पर थे।- कोरोना में दुकान बंद रहने पर शराब कंपनियों को लाइसेंस फीस में 144.36 करोड़ रुपये की छूट दी- शराब लाइसेंस लेने वालों को फायदा पहुंचाया, इससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ
- एक लाइसेंस आवेदक कंपनी को 30 करोड़ रुपये की रकम लौटाई, वो जरूरी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने में नाकाम रही।- बिजनेमैन अमित अरोड़ा को फायदा पहुंचाने के लिए सिसोदिया को करीब 22 करोड़ रुपये की रिश्वत मिली- वर्ष 2021-22 में जिनको शराब के लाइसेंस मिले, उनको टेंडर होने के बाद बेवजह फायदा पहुंचाया गयाआप नेताओं की स्थिति- संजय सिंह सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत पर बाहर हैं, चार अक्टूबर 2023 को उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया था। वहीं, निचली अदालत व हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हुई थी। इसके बाद दो अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दे दी थी।
- 21 मार्च को ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मनी लांड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने के लिए एक जुलाई तक के लिए अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को ईडी मामले में अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि, सीबीआइ मामले में हाई कोर्ट ने केजरीवाल को निचली अदालत जाने काे कहते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। केजरीवाल वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
- आम आदमी पार्टी मीडिया प्रभारी विजय नायर को ईडी ने नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया था। विजय नायर की जमानत याचिका ट्रायल कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक खारिज हो चुकी है। वर्तमान में वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।
पहले सीबीआई फिर ईडी ने दर्ज किया था मामला
एलजी की सिफारिश पर सीबीआइ ने भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया और सीबीआइ की प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मनी लान्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच की सिफारिश करने के बाद 30 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई आबकारी नीति को वापस लेते हुए पुरानी व्यवस्था बहाल कर दी थी।
इसके बाद मामले में दक्षिण समूह से जुड़े शराब व्यापारी अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, शराब निर्माता कंपनी पेरनोड रिकार्ड इंडिया के क्षेत्रीय प्रबंधक बेनाय बाबू को ईडी ने गिरफ्तार किया। इसके साथ ही मामले में आम आदमी पार्टी के मीडिया प्रभारी विजय नायर की सीबीआई और ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी से शुरू हुआ सिलसिला अब तक जारी है।सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और फिर नौ मार्च 2023 को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को चार अक्टूबर 2023 को ईडी ने गिरफ्तार किया। नायर, सिसोदिया व संजय सिंह तीनों ही वर्तमान में तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। लंबे समय से ईडी के रडार पर रहीं तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता से लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें 15 मार्च को गिरफ्तार किया।
वहीं, राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश की गई कविता को अदालत ने ईडी की हिरासत में भेज दिया। इसी कड़ी में एक के बाद एक नौ समन पर पेश नहीं होने पर 21 मार्च 2024 को ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी गिरफ्तार कर लिया।
क्या थी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22
दिल्ली सरकार ने चोरी को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए नवंबर 2021 में अपनी आबकारी नीति में सुधार का प्रयास शुरू किया था। इस समय तक दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री सरकारी निगमों और निजी कंपनियों के बीच समान रूप से वितरित की जाती थी और आबकारी विभाग प्रति वर्ष लगभग 4,500 करोड़ रुपये कमाता था।
दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के आने के बाद, सरकार ने खुदरा का पूरी तरह से निजीकरण कर, आबकारी चोरी और अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाकर 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा गया। इस नई नीति के तहत शहर के सभी 272 नगरपालिका वार्डों में कम से कम दो शराब की दुकानें होनी थीं।
यह है मामला...
सीबीआइ और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया था।
यह भी पढ़ें- किन शर्तों पर मिली मनीष को जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा- सिसोदिया की समाज में गहरी जड़ेंलाभार्थियों ने आरोपित अधिकारियों को अवैध लाभ दिया और पता लगाने से बचने के लिए अपने खाते की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां कीं। यह भी आरोप है कि आबकारी विभाग ने निर्धारित नियमों के विरुद्ध एक सफल निविदाकर्ता को लगभग 30 करोड़ रुपये की बयाना जमा राशि वापस करने का निर्णय लिया था।कोरोना महामारी के कारण 28 दिसंबर 2021 से 27 जनवरी 2022 तक निविदा लाइसेंस शुल्क पर छूट की अनुमति दी गई थी। इससे सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआइ की प्राथमिकी पर ईडी ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी।
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