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Manish Sisodia Custody: पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की CBI रिमांड बढ़ी, कोर्ट ने 2 दिन की कस्टडी में भेजा

आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड दो दिन और बढ़ गई है। मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद मनीष सिसोदिया की 4 दिन की रिमांड पर भेजा गया था जो आज खत्म हुई थी।

By Jagran NewsEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Sat, 04 Mar 2023 06:55 PM (IST)
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आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की सीबीआई रिमांड दो दिन और बढ़ गई है।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की सीबीआइ हिरासत राउज एवेन्यू की विशेष सीबीआइ अदालत ने दो दिन और बढ़ा दी है।विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने कहा कि मामले में आगे की पूछताछ के लिए हिरासत की जरूरत है। सीबीआइ की तीन दिन की हिरासत की मांग पर अदालत ने दो दिन हिरासत की स्वीकृति दी। साथ ही हिरासत अवधि समाप्त होने पर सीबीआइ को छह मार्च को दोपहर दो बजे सिसोदिया को पेश करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान सीबीआइ की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक पंकज गुप्ता ने कहा कि सीबीआइ का कहना है कि सिसोदिया अब भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

साथ ही सिसोदिया ने गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।  इसमें एजेंसी का काफी समय बर्बाद हो गया। इसके कारण हमें पूछताछ करने का पर्याप्त समय नहीं मिल सका। एजेंसी ने अदालत से सिसोदिया की तीन दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की।

सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दयन कृष्णन ने कहा कि एजेंसी एक बार फिर जांच में सहयोग नहीं करने के आधार पर हिरासत बढ़ाने की मांग कर रही है, लेकिन पूछताछ में कुछ हासिल नहीं कर पाने की जांच एजेंसी की अयोग्यता हिरासत स्वीकृत करने का आधार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अगर सिसोदिया के घर से लेकर बैंक लाकर तक छापेमारी की गई, कई महीने से वह बाहर थे तो अब हिरासत में लेने का क्या मतलब है। इस पर अदालत ने कहा कि आप चाहे तो हिरासत आदेश को चुनौती दे सकते हैं। इसके जवाब में कृष्णन ने कहा कि हम हिरासत आदेश पर सवाल नहीं उठा रहे हैं, लेकिन पांच दिन बाद एजेंसी द्वारा रिमांड बढ़ाने के आधार पर सवाल है दूसरी बार हिरासत देते समय इसकी जांच और सख्ती से होनी चाहिए।

सिसोदिया की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि अगर सिसोदिया आने वाले तीन दिन में सहयोग नहीं करें तो क्या फिर इसी आधार पर हिरासत बढ़ाने की मांग की जाएगी। सिसोदिया को सीबीआइ ने 26 फरवरी को आठ घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था और 27 फरवरी को अदालत ने मनीष को पांच दिन की सीबीआइ हिरासत में भेज दिया था।

आठ घंटे पूछताछ है मानसिक प्रताड़ना

सिसोदियाअदालत के समक्ष पेश होने के दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछली सुनवाई पर मेरे अधिवक्ता ने थर्ड डिग्री की बात की थी। एजेंसी का मेरे प्रति रवैया सम्मानपूर्ण रहा है, लेकिन छह से आठ घंटे तक की लंबी पूछताछ भी थर्ड डिग्री ही है। एजेंसी द्वारा बार-बार एक ही सवाल पूछकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।सिसोदिया का पक्ष सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि कुछ नया सवाल या जानकारी हो तो उसी के बारे में पूछताछ करें। साथ ही सिसोदिया का चिकित्सा परीक्षण भी कराते रहें।

जमानत याचिका पर सुनवाई 10 मार्च को

आबकारी नीति घोटाला मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सीबीआइ को नोटिस जारी करते हुए जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा कि मामले में सुनवाई दस मार्च को होगी। सुनवाई के दौरान सिसोदिया की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने जमानत याचिका पर सुनवाई की बात की। इस पर सीबीआइ की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक पंकज गुप्ता ने कहा कि एजेंसी को जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मामले में होली के बाद सुनवाई होगी।

यह है मामला

सीबीआइ और ईडी ने आरोप लगाया है कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था।नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दिल्ली के उपराज्यपाल की सिफारिश पर सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी। भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआइ ने एक आरोप पत्र दाखिल किया है, जबकि इससे जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने एक आरोप पत्र व एक पूरक आरोप पत्र दाखिल किया है।

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