बारिशः गाजियाबाद-नोएडा में गिरी कई इमारतें, अब दिल्ली में भी मंडराया खतरा
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और हापुड़ में इमारतों के गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं।
By JP YadavEdited By: Updated: Sat, 28 Jul 2018 11:14 AM (IST)
नई दिल्ली/गाजियाबाद/नोएडा (जेएनएन)। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और हापुड़ में इमारतों के गिरने की घटनाएं बढ़ गई हैं। बारिश के चलते शनिवार सुबह सेक्टर-34 सामुदायिक भवन की दीवार गिर गई। बताया जा रहा है कि बगल के भूखंड में कई दिनों से खुदाई चल रही थी।
शनिवार सुबह लोनी नगर पालिका वार्ड 29 की सरस्वती विहार कॉलोनी में मकान की छत गिरने से परिवार के चार लोग फंस गए। पड़ोसियों ने मशक्कत के बाद पीड़ितों को मलबा हटाकर निकाला।
उधर, दिल्ली के कालकाजी में ए-3 ब्लॉक में बने डीडीए फ्लैट के पास बने पांच मंजिला इमारत को शुक्रवार को खाली करा लिया गया। इस इमारत में पहले से दरार थी, जो शुक्रवार को एक फुट चौड़ी हो गई। आपदा प्रबंधन की टीम, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम और कालकाजी पुलिस ने शुक्रवार को बिल्डिंग को खाली करा लिया। बताया जा रहा है कि इस इलाके में कई और बिल्डिंग ऐसी हैं, जिनमें दरार है। इन इमारतों की स्थिति की सही जांच के लिए दक्षिणी निगम की टीम शनिवार को निरीक्षण करेगी।
इससे पहले शुक्रवार शाम को ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी और गाजियाबाद के मिशलगढ़ी के बाद अब खोड़ा के लोकप्रिय विहार में एक पांच मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। हालांकि प्रशासन का दावा है कि गिरने से पहले ही इमारत को खाली करवा लिया गया था।
वहीं, गाजियाबाद के डूंडाहेड़ा गांव में एक मकान की छत गिर गई, जिसमें ब्रह्मपाल सिंह (70) घायल हो गए। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया। नोएडा में गढ़ी चौखंडी में शुक्रवार को तीन मंजिला भवन गिर गया। चार माह पहले प्राधिकरण ने भवन को सील किया था। वहीं, ग्रेटर नोएडा के कासना में एक आंगनबाड़ी केंद्र की छत गिर गई, हालांकि हादसे के वक्त केंद्र बंद था। हापुड़ तहसील के ग्राम दादरी, गढ़मुक्तेश्वर के मोहल्ला आहता बस्ती राम, गांव राजपुरा व बक्सर और पिलखुवा के गांव गालंद में पांच मकानों की छत गिर गई। इन घटनाओं में चार लोग घायल हुए हैं।
उधर, लोनी में गुरुवार रात इकराम पार्क कॉलोनी में मकान की छत का हिस्सा गिर गया। करहैड़ा में सो रहे एक व्यक्ति पर छज्जा गिर गया, जिससे वह चोटिल हो गया। दूसरी ओर, साहिबाबाद के श्यामपार्क एक्सटेंशन में तीन मंजिला अपार्टमेंट में दरारें आ जाने के बाद इमारत एक ओर झुक गई और उसे खाली कराना पड़ा। ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में इमारत गिरने की घटना के बाद हादसों की जैसे बाढ़ आ गई हो। बारिश प्राधिकरणों की पोल खोल रही है। शुक्रवार को नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में तीन मंजिला इमारत गिरी।प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में बनी यह इमारत खाली थी लिहाजा जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसके बाद यहां बने 10 अवैध मकानों को ध्वस्त किया गया। सात मंजिला कार्मशियल र्बिंल्डग पर चेतावनी लिख दी गई कि यह भवन सुरक्षित नहीं है, क्योंकि यह र्बिंल्डग पीछे की ओर झुक गई है। इसके साथ ही सात दुकानों को भी सील कर दिया गया है।प्राधिकरण के अधिकारी ने बताया कि इमारत को चार माह पूर्व सील किया गया था। इसके ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी भी किया गया था। इमारत कमजोर होने के चलते स्वयं गिर गई। इमारत के मालिक के खिलाफ नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। एक कामर्शियल इमारत के मालिक को भी ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया जाएगा। इससे पहले भी प्राधिकरण ने गढ़ी चौखंडी गांव में 16 इमारतों पर नोटिस चस्पा किया था। यह सभी इमारत प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में बनी हैं। इनको अब तक ध्वस्त नहीं किया गया है।
मकान नहीं कहां जाएं शाहबेरी घटना ने प्राधिकरण की आंख तो खोल दी, लेकिन उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने इन इमारतों में अपने घर बुक करवा रखे हैं। गुरुवार को आठ इमारतों को ध्वस्त किया गया। यहां रहने वाले लोगों को बेघर कर दिया गया लेकिन इनके रहने के लिए प्राधिकरण ने कोई विकल्प नहीं दिया। ऐसे में खुले आसमान के नीचे तिरपाल लगाकर यह रहने को मजबूर हैं।
आरोप भी लग रहागढ़ी चौखंडी में जिस सात मंजिला को झुकने के बाद असुरक्षित घोषित कर दिया गया है। उसके मालिक आरएम यादव ने आरोप लगाया कि बार-बार उनके भवन को प्राधिकरण की ओर से निशाना बनाया जा रहा है। जबकि और भी मकान यहां पर बने हुए है। उन्हें प्राधिकरण अधिकारियों की ओर से छेड़ा नहीं जा रहा है। मैंने यह जमीन खरीदकर लाखों रुपये खर्च कर बनाया है। जब यहां की सड़क बनाई जा रही थी। लोगों को अलग जगह देकर
शिफ्ट किया, लेकिन आज तक मुझे शिफ्ट करने के लिए कहीं और जगह नहीं दी गई। जबकि मेरे पास जमीन की रजिस्ट्री भी है। यह जमीन फ्री होल्ड है।साहिबाबाद में गिरी इमारत
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के चलते लगातार हो रहे हादसों के बीच बृहस्पतिवार को साहिबाबाद के श्यामपार्क एक्सटेंशन में तीन मंजिला अपार्टमेंट में दरारें आ गईं। इमारत एक ओर झुक गई। लोगों ने बिल्डर और जीडीए को सूचना दी और बिल्डर पर घटिया सामग्री प्रयोग करने का आरोप लगाया। शुक्रवार सुबह जीडीए टीम ने इमारत को सील करते हुए खाली करवा लिया। लोग सामान लेकर आसपास के मकानों में शिफ्ट हो गए हैं। जीडीए के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। श्यामपार्क एक्सटेंशन के ए-59 में निजी बिल्डर ने तीन मंजिला अपार्टमेंट बनाया है। अपार्टमेंट में कुल 11 फ्लैट में 50 से अधिक लोग रहते हैं। सात साल पहले वर्ष 2011 में इसका निर्माण पास के एक बिल्डर ने किया था। बृहस्पतिवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश के बाद अचानक दूसरी मंजिल पर रहने वाले सुशील उपाध्याय के बाथरूम की टाइल निकलकर गिर गई। इसके बाद कमरे की दीवार में दरार आ गई। वह बाहर भागे और बिल्डर को सूचना दी। बिल्डर ने भूतल के छज्जे को सपोर्ट देकर लोगों को आश्वासन दिया। साहिबाबाद में तीन मंजिला इमारत झुकी
दिल्ली-एनसीआर में बारिश के चलते लगातार हो रहे हादसों के बीच बृहस्पतिवार को साहिबाबाद के श्यामपार्क एक्सटेंशन में तीन मंजिला अपार्टमेंट में दरारें आ गईं। इमारत एक ओर झुक गई। लोगों ने बिल्डर और जीडीए को सूचना दी और बिल्डर पर घटिया सामग्री प्रयोग करने का आरोप लगाया। शुक्रवार सुबह जीडीए टीम ने इमारत को सील करते हुए खाली करवा लिया। लोग सामान लेकर आसपास के मकानों में शिफ्ट हो गए हैं। जीडीए के अनुसार मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। श्यामपार्क एक्सटेंशन के ए-59 में निजी बिल्डर ने तीन मंजिला अपार्टमेंट बनाया है। अपार्टमेंट में कुल 11 फ्लैट में 50 से अधिक लोग रहते हैं। सात साल पहले वर्ष 2011 में इसका निर्माण पास के एक बिल्डर ने किया था। बृहस्पतिवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश के बाद अचानक दूसरी मंजिल पर रहने वाले सुशील उपाध्याय के बाथरूम की टाइल निकलकर गिर गई। इसके बाद कमरे की दीवार में दरार आ गई। वह बाहर भागे और बिल्डर को सूचना दी। बिल्डर ने भूतल के छज्जे को सपोर्ट देकर लोगों को आश्वासन दिया। लोगों ने शुक्रवार को बिल्डर से बातचीत की तो उसने कहा कि मरम्मत के लिए लोगों को रुपये इकट्ठा करने होंगे।गढ़ी चौखंडी गांव में किया गया निरीक्षण
गढ़ी चौखंडी गांव में निरीक्षण के दौरान 10 ऐसे मकान मिले जिनको पूर्व में नोटिस जारी किया गया था। यह काफी जर्जर हो चुके थे। इसमें से अधिकांश खाली थे, जबकि कुछ में लोग रह रहे थे। इन सभी को खाली कराकर जेसीबी की मदद से ध्वस्त किया गया। प्राधिकरण वर्क सर्किल पांच के वरिष्ठ प्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि सर्वे का काम किया जा रहा है। जितने भी अवैध निर्माण व जर्जर इमारत मिलेंगी सभी को खाली कराने का नोटिस जारी किया जा रहा है। इसी के चलते सात दुकानों को भी असुरक्षित करार दिया गया है। इनको भी सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
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